‘Medial reimbursement’ घोटाला : हॉस्पिटल का पता नहीं, डीआईजी ने हड़प लिया 9 लाख रुपये…

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मेडिकल रिप्लेस्मेंट घोटाला : हे प्रभु…होमगार्ड विभाग के डीआईजी ने … की परिकाष्ठा कर दी !

रिटायर्ड डीआईजी ने जिस हॉस्पिटल का बिल बाउचर दिया वो 2022 के बाद से बंद पड़ा है

डीएम ने करायी जांच,एफआईआर दर्ज, अब साहेब से होगी रिकवरी

पूर्व डीआईजी अरुण कुमार शुक्ला का अवैध कमाई के दौरान जुमला: मां की कृपा हुयी है,तुम्हारा काम हो जायेगा…

संजय श्रीवास्तव

लखनऊ। यूपी में का बा…त हम बतावत हईं…यूपी में होमगार्ड विभाग बा…जेमे जीरो टॉलरेंस में से खाली अफसर जीरो निकाले में माहिर बा…। ये ऐसा विभाग है, जहां पर कुछ अधिकारियों को छोड़ दिया जाये तो अधिसंख्य सरकार और विभाग की बाट लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। यहां पर सभी तरह के फ्राड होते रहते हैं लेकिन जो बचा था, उसे एक डीआईजी ने पूरा कर भ्र्रष्ष्टïचार के मामले में पूरे सौ में से सौ अंक मारकर साबित कर दिया कि होमगार्ड विभाग भ्रष्टाचार में है नंबर -1…। जी हां,मामला पुराना है लेकिन लमीखपुरखीरी में डीएम के निर्देश पर पूर्व डीआईजी अरुण कुमार शुक्ला उर्फ ए.के.शुक्ला के खिलाफ फ र्जी दस्तावेज लगाकर चिकित्सा प्रतिपूर्ति में 9 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगा है। शुक्ला जी ने मुम्बई के जिस हॉस्पिटल का बिल बाउचर लगाया है,वो तो वर्ष 2022 में ही बंद हो चुका था। खैर शुक्ला जी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गयी है और उनसे हड़पे गये नौ लाख रुपये की भी वसूली होगी। जब एक खुलासा हो ही गया है तो शासन को जांच करानी चाहिये कि कहीं अन्य अधिकारियों ने भी तो इस तरह के फर्जी चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लंबा-चौड़ा बिल तो नहीं लगा रखा है ? यहां पर कुछ भी संभव है क्योंकि तथाकथित अफसरों को तो सिर्फ और सिर्फ पैसा चाहिये चाहें उसके लिये किसी भी स्तर तक गिरना पड़े…।

बता दें कि ये वही शुक्ला जी हैं,जब विभाग में थे और भ्रष्ष्टïचार की रकम किसी से लेना होता था तो इनका जुमला बेहद शानदार होता था। शुक्ला जी रकम पकडऩे के बाद जुमला मारते थे कि मां की कृपा हुयी है तुम्हारा काम हो जायेगा…। अब ? बता दें कि लखीमपुर खीरी के कमंाडेंट ने कोतवाली पुलिस को तहरीर देते हुये रिटार्यड डीआईजी अरुण कुमार शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। शुक्ला जी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लाभ कोषागार, लखीमपुर खीरी से ले रहे थे। अरुण कुमार शुक्ला ने 93 हजार प्रतिपूर्ति का दावा कार्यालय में पेश किया। सत्यापन के दौरान पाया गया कि जिस हॉस्पिटल के बिल बाउचर दिये,वो 2022 के बाद से संचालित ही नहीं हुआ।

मामले को गंभीरता से लेते हुये डीएम ने जांच बिठा दी। शुक्ला जी ने जो प्रपत्र दिये वो मुम्बई के प्रिंस अली खान हॉस्पिटल के थे। जांच के लिये होमगार्ड विभाग के पीसी अजीत कुमार को मुम्बई भेजा गया तो खुलासा हुआ कि सारे दस्तावेज फर्जी हैं। रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने अरुण कुमार शुक्ला से नौ लाख रुपये की वसूली और कार्रवाई करने के निर्देश दिये। डीएम के निर्देश पर जिला कमांडेंट ने पुलिस को तहरीर दी है। हेमंत राय , इंस्पेक्टर,कोतवाली ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जांच के बाद कार्रवाई की जायेगी।

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