शर्मनाक : मंडलीय कमांडेंट कटियार के गुर्गे अंजन भगत  ने ईनाम की राशि में डाली सेंधमारी

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शर्मनाक: होमगार्ड विभाग का हवलदार अंजन भगत बना भिखारी !

ये वही हवलदार प्रशिक्षक है जिसने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपने निजी व्हाटसअप पर किया था अभद्र भाषा का प्रयोग

मंडलीय कमांडेंट जी.सी.कटियार ने पीएम के खिलाफ लिखने पर सिर्फ कारण बताओ नोटिस जारी किया…

सवाल : क्या होमगार्ड विभाग में पीएम के खिलाफ अभद्र भाषा का प्रयोग करने वालों को कारण बताओ नोटिस जारी होगा ?

सवाल : आखिर एक हवलदार प्रशिक्षक को बार-बार क्यों बचा रहे हैं मंडल कटियार ?

सवाल : जिनकी धुन सुनकर कमिश्नर हुये खुश, ऐसे बैण्डमैनों से क्यों घास,झाड़ी कटवायी जा रही है ?

सवाल : आखिर मंडल कटियार,हवलदार अंजन भगत ने मोची को क्यों और कैसे करा रहे हैं पहरेदारी ?

 

 संजय पुरबिया

लखनऊ। शर्मनाक …। ये शब्द वर्दीधारी संगठनों के लिये तब प्रकाशित की जाती है जब पानी सिर से ऊपर उठ जाये…। जब एक अधिकारी,जो ट्रेनिंग सेंटर पर तैनात हो और अपने ही टीम में ‘वसूली’ के लिये ऐसे गुर्गे का चयन करे जो येन-केन प्रकारेण अवैध वसूली कर उसकी जरुरतों को पूरा करे तो वहां से ‘अनुशासन’ की शब्दावली नदारद हो जाती है और भ्रष्टाचार के कीड़े‘ पनपने लगते हैं। सोचिये,एक तरफ जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंत्री धर्मवीर प्रजापति ‘ईमानदारी की राह’ पर चलने की सीख दे रहे हैं वहीं,इनके विभाग के अधिकारी अपने हवलदार प्रशिक्षक से जवानों के मेहनत का हक मारने की सलाह दे रहे हैं ? ये मामला कहीं और कहीं का नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से सटे रामनगर होमगार्ड ट्रेनिंग सेंटर का है। खास बात यह है कि वाराणसी में हुये रैतिक परेड में होमगार्ड विभाग के बैण्डमैनों की धुन से खुश होकर पुलिस कमिश्नर, वाराणसी ने ईनाम स्वरुप 12 हजार रुपये दिये। बैण्ड इंचार्ज हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत ने उसमें से 2 हजार रुपये मार लिया। जब बैण्डमैन आक्रोश में आये तो अंजन भगत ने तर्क दिया कि ‘खुरपी’ और ‘फावड़ा’ लेना है इसलिये दो हजार रुपये लिया है लेकिन जब बात विभागीय मंत्री तक पहुंचाने की उठी तो उसने…

भ्रष्टाचार की कहानी में अव्वल होमगार्ड विभाग में मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति के आने के बाद से सभी अधिकारी भयाक्रांत हैं। उन्हें मालूम है कि अब वो खेला नहीं चलेगा,जो पहले धड़ल्ले से किया करते थे लेकिन बदनामी में भी अपने नाम का डंका बजाने वाले बेशर्म विभागीय लोगों पर इसका कोई असर नहीं दिख रहा। रामनगर ट्रेनिंग सेंटर पर तैनात बैण्डमैनों ने गत 12 जुलाई को वाराणसी में हुये रैतिक परेड शानदार प्रदर्शन किया जिस पर खुश होकर पुलिस कमिश्नर,वाराणसी ने ईनाम में 12 हजार रुपये दिया। बैण्ड इंचार्ज,हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत ने उक्त ईनाम राशि रख लिया। जवानों ने मौके पर ही ईनाम की राशि देने की बात कही तो उसने कहा ट्रेनिंग सेंटर पर पैसा मिलेगा…। बताया जाता है कि ट्रेनिंग सेंटर पर अंजन भगत ने सिर्फ 10 हजार रुपये ही बांटा,शेष दो हजा रुपये डकार गया।

इस पर गुस्साये बैण्डमैनों ने अंजन भगत से दो हजार रुपये देने की बात कही तो उसने कहा कि खुरपी,फावड़ा खरीदना है इसलिये पैसा नहीं दिया जायेगा…। बताया जाता है कि दो हजार रुपये उसने मंडलीय कमंाडेंट को दे दिया था। इस पर जवानों ने बात विभागीय मंत्री धर्मवीर प्रजापति तक पहुंचाने की धमकी दी तो मंडल की बुद्धी जागृत हुयी और उन्होंने अपने गुर्गे हवलदार प्रशिक्षक को वसूली की रकम वापस करने की सलाह दी और 14 जुलाई को एक हजार एवं 15 जुलाई को एक हजार रुपये बैण्डमैनों को वापस किया।

बता दें कि द संडे व्यूज ने खुलासा किया था कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत ने ‘अभद्र भाषा’ का प्रयोग किया था। इसके अलावा आचार संहिता लागू होने पर एक राजनैतिक पार्टी का प्रचार अपने व्हाटसअप ग्रुप पर किया था। द संडे व्यूज़ ने इसका खुलासा किया और सभी अधिकारियों को इस बात की जानकारी हुयी लेकिन मंडलीय कमांडेंट,रामनगर ट्रेनिंग सेंटर जी.सी.कटियार ने उसे कारण बताओ नोटिस देकर मामले को दबा दिया

मेरा सवाल यह है कि क्या हमारे देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ होमगार्ड विभाग का हवलदार प्रशिक्षक अभद्र भाषा का प्रयोग करे तो उसे सिर्फ कारण बताओ नोटिस देकर बख्श देना चाहिये ? यदि नहीं तो फिर हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत और उसे बचाने वाले मंडलीय कमांडेंट जी.सी.कटियार के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गयी ?

इतना ही नहीं, मंडलीय कमांडेंट की शह पर वर्षों से यहां तैनात अंजन भगत ने नियमों को दरकिनार कर बैण्डमैनों से घास और झाडिय़ों की कटाई का काम कराया जा रहा है। इसी तरह,यहां मोची पद पर भर्ती हुये मोची को रात्रिपाली में ट्रेनिंग सेंटर में सुरक्षा का काम लिया जा रहा है। सोचिये, ट्रेनिंग सेंटर पर शस्त्र सहित महत्वपूर्ण दस्तावेज रखे हैं,यदि कोई हादसा हो गया तो इसका जिम्मेदार कौन होगा,मोची या मंडल कटियार ? बात जो भी रामनगर ट्रेनिंग सेंटर को बदनाम करने में कोई कसर ना छोडऩे वाले ऐसे लोगों पर कार्रवाई कब होगी,इस पर नजर सभी जवानों की है…।

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