देश का दुर्भाग्य : गौशाला चलाने वाले आलीशान महलों में जी रहें विलासिता जीवन और गौशाला में मर रही हैं गायें…

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देश का दुर्भाग्य : 22 साल पुरानी गौशाला: गड्ढे में मिली 100 गायों के कंकाल, 20 गायें मरी पड़ी थी…

देश का दुर्भाग्य : गौशाला चलाने वाले आलीशान महलों में जी रहें विलासिता जीवन और गौशाला में मर रही हैं गायें…

रघु ठाकुर के सुझाव :

1- गौशाला के बजाये प्रति किसान दो-दो गाय दे दी जाये, गायों को पालने के लिये सरकार किसानों को दे पोषण भत्ता

2-किसानों को 3000 रुपये प्रति माह,वार्षिक 72 हजार रुपये दिया जाये पोषण भत्ता

3-मिटेगा गौशाला के नाम पर होने वाले भ्रष्टाचार और किसानों को भी मिलेगी राहत

4-गौशाला में मर रही गायों के मामले में सख्त कार्रवाई कर संचालकों पर होनी चाहिये कार्रवाई

संजय पुरबिया

लखनऊ। 22 साल पुरानी सेवा भारती गौशाला में 100 गायों के कंकाल गडढे में पड़े थे और 20 गायें मरी पड़ी थी। जिले की 39 गौशालाओं में 6500 गाय है जिनमें से 90 प्रतिशत बीमार और बुजुर्ग हैं। यह भी मालूम चला कि पिछले दो वर्षों में 1300 गायों की मौत भी हुयी है। इस तरह की ह्दय विदारक घटना भोपाल के बेरसिया में ही नहीं बल्कि पूरे देश में देखने को मिल सकती है। सीधी बात करें तो गौशालाओं में हो रही है गौ हत्या और इसके नाम पर धंधा करने वाले घूम रहे हैं लग्जरी कारों में। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिये और गौशालाओं को किसानों को सौंप देना चाहिये। ये बात कोई और नहीं बल्कि लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी के संरक्षक रघु ठाकुर ने आज द संडे व्यूज़ से खास बातचीत में कही।


देश भर में सामाजिक मुददें पर सरकारों से लडक़र जायज मांग को पूरा कराने के लिये रघु ठाकुर का नाम सबसे आगे रहा है। श्री ठााकुर ने बताया कि भोपाल के बेरसिया में 22 साल पुरानी सेवा भारती गौशाला में 100 गायों के कंकाल गड्ढे में पड़े थे और 20 गायें मरी पड़ी थी। भोपाल जिले की 39 गौशालाओं में 6500 गाय है जिनमें से 90: बीमार और बुजुर्ग हैं। यह घटनायें हृदय विदारक है और जो ना केवल भोपाल में बल्कि देश के अन्य जगहों में भी गौशालाओं में इसी प्रकार गौ हत्या हो रही हैं। उन्होंने दिल्ली के एक गौशाला का भी जिक्र किया जहां प्रति वर्ष सरकार का अनुदान करोड़ों रुपये मिलता है, वहां भी बड़ी संख्या में गाय मरी थीं। पिछले 8 वर्षों में लगभग 1200 गायें मरी पायी गयी थीं।
श्री ठाकुर ने बताया कि भोपाल की तरह पिछले दिनों रायपुर में भी घटना हुयी थी। जहां गायों के पेट में न पानी था न चारा था। यह दुर्भाग्य है की सरकार से करोड़ों रुपये का अनुदान पाने वाली गौशाला गाय को पानी और चारा नहीं दे पाती परंतु गौशालाओं को चलाने वाले एसी कारों में घूमते हैं और महलों में विलासिता का जीवन जी रहे हैं। दरअसल यह एक प्रकार के भ्रष्टाचार की हिस्सेदारी है ,जिसमें अनुदान देने वाले और लेने वाले दोनों शामिल होते हैं।

लोकतांत्रिक समाजवादी पार्टी पिछले पांच वर्षों से लगातार भारत सरकार और राज्य सरकारों से मांग कर रही है कि परम्परा बदली जाना चाहिये । बजाये गौशालाओं के बनाने या अनुदान देने के किसानों को सीधे-सीधे प्रति किसान औसतन दो गाय पालने को दी जाये। गायों के पालने के लिये प्रतिगोवंश 3000 रुपये प्रति माह और साल में 72 हजार दिया जाये। इस मांग को लेकर पार्टी लगातार सभा प्रदर्शन,धरना, ज्ञापन देती रही है। अगर हमारी बात सरकारों ने मानी होती तो आज न गाय मरती और देश का अरबों रुपया बच जाता। किसानों के खाता में यह राशि जाती तो न गाय मरती, ना भ्रष्टाचार हो पाता। लावारिस बनकर सडक़ों पर घूमने की वजह से भी प्रति वर्ष जहां अनगिनत इंसान बेमौत कर रहे हैं वहीं जानवरों की भी मौत हो रही है।

श्री ठाकुर ने कहा कि नि:संदेह गौ हत्या के अपराधियों के ऊपर गौ हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिये, इनकी संपत्ति जप्त होनी चाहिये और इनके मकान भी उसी प्रकार तोड़े जाना चाहिये जैसे माफि याओं के मकान तोड़े गये हैं। मैं एक बार फिर भारत सरकार व राज्य सरकारों से अपील करूंगा की गौशालाओं को बनाने के बजाय वह किसान को ही गौशाला बनाये । औसतन प्रति किसान को दो गाय दे और उन्हें पालने के लिए 3000 रुपये प्रति माह की दर से पोषण भत्ता दें ताकि भ्रष्टाचार भी मिटे और उसके साथ- साथ किसानों को राहत मिले। इसमें न जमीन लगेगी न कर्मचारी न ढांचा निर्माण पर खर्च होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के निकलते ही पार्टी फि र इस अभियान को शुरू करेगी।

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