आचार संहिता की उड़ी धज्जियां: कानून के हत्यारे को क्यों बचा रहे हैं प्रमोटी मंडलीय कमांडेंट ?

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आचार संहिता की उड़ी धज्जियां: कानून के हत्यारे को क्यों बचा रहे हैं प्रमोटी मंडलीय कमांडेंट ?

आचार संहिता को व्हाटसअप पर ‘मजाक बनाने’,फेसबुक पर पीएम को ‘मोदी मियां’ कहने वाले वाले वर्दीधारी पर डीजी क्यों नहीं कर रहें कार्रवाई ?

कानून के हत्यारे को बचाने वाले मंडल जीसी कटियार के खिलाफ भी क्यों नहीं विभाग कर रहा कार्रवाई ?

 

     संजय पुरबिया

लखनऊ। सवाल सौ टके का है…। उत्तर प्रदेश में विधान सभा चुनाव के मद्देनजर आचार संहिता लागू है। सभी नागरिकों व सरकारी अधिकारियों का ‘नैतिक दायित्व’ के साथ ही ‘कर्तव्य’ बनता है कि वे आचार संहिता का ‘सम्मान’ करें। आचार संहिता का किसी सूरत पर उल्लंघन ना करें। लेकिन यूपी में सिर्फ एक विभाग है जो आचार संहिता की धज्जियां उड़ाने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों पर पूरी तरह मेहरबान है। होमगार्ड विभाग में मुख्यालय पर तैनात डीजी विजय कुमार और डीआईजी रंजीत सिंह ने मानों आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले कर्मचारियों को बचाने का ठेका ले रखा है। रामनगर होमगार्ड ट्रेनिंग सेंटर पर तैनात हवलदार प्रशिक्षक ने जिस तरह से यूपीएचजी ऑफिस के ग्रुप पर एक राजनैतिक दल का पोस्टर डालकर प्रचार कर रहा है और अपने व्हाटसअप ग्रुप पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को खुलेआम मोदी मियां बोल रहा हो, उसे डीजी और डीआईजी ने बख्श दिया। हालांकि खबर प्रकाशित होने के बाद मिर्जापुर का प्रमोटी कमांडेंट बिनोद कुमार सिंह ने द संडे व्यूज़ को फोन कर खबर रोकने की चिरौरी की थी। इतना ही नहीं बिनोद ने मुख्यालय सीटीआई पर तैनात डीआईजी विवेक सिंह से भी हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत के खिलाफ कार्रवाई ना करने की बात की थी। द संडे व्यूज़ ने डीआईजी से भी बात की तो उनका जवाब रहा कि छोटे कर्मचारियों को परेशान नहीं करना चाहिये…छोटी बात है…।  सोचिये,जब आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले हवलदार प्रशिक्षक को बचाने में प्रमोटी मंडलीय कमांडेंट जी.सी.कटियार ही नहीं डीआईजी विवेक सिंह और मिर्जापुर के प्रमोटी कमांडेंट बिनोद सिंह पैरवी कर रहे हैं।

सीधी बात करें तो इस विभाग में नियम-कानून और देश के प्रधानमंत्री की बेइज्जती करने वालों का कितना सम्मान किया जाता है…अब बताने की जरुरत नहीं है। आखिर अधिकारियों की मानसिकता इतनी गिर गयी है, ये जानते हुये भी वे ऐसे हवलदार प्रशिक्षक की पैरवी कर रहे हैं जो कानून का गुनहगार है ? ‘इसलिये पैरवी कर उसे बचाने पर आमादा हैं कि हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत बनारस जाने पर अपने खर्चे पर इन अधिकारियों के लिये शानदार होटल में रहने-खाने और घुमाने का फ्री में व्यवस्था कराता है’ ? ‘शर्मनाक’ से घटिया ‘शब्द’ ऐसे अधिकारियों के लिये नहीं है। कटियार जी, आपने तो हद ही कर दी…। प्रधानमंत्री को गाली देने वाले हवलदार प्रशिक्षक अंजन भगत को ‘कठोर चेतावनी’ देकर छोड़ दिया ? भारतीय दंड संहिता की धारा 76 में क्या लिखा हैतथ्य की भूल क्षम्य है,विधि की भूल क्षम्य नहीं…। फिर आपने किस आधार पर हवलदार प्रशिक्षक अंजन कुमार भगत को कठोर चेतावनी दिया,जबकि आचार संहिता उल्लंघन मामले में 6 माह का कठोर कारावास और दो हजार रुपये का जुर्माना दंड है…। कटियार जी, आप तो प्रमोटी हैं,  कमसे कम गुनहगारों को बचाने के लिये एक बार विभाग के डायरेक्टर कमांडेंट बनने वाले ईमानदार अधिकारियों से तो विचार-विमर्श कर लिये होते…। सभी यही सलाह देते कि धारा 76 का उल्लंघन करने वाले को बचाने के बजाये कार्रवाई करो वर्ना…। हालांकि द संडे व्यूज इस मामले को अब चुनाव आयेाग तक लेकर जायेगा, देखते हैं क्या होता है।

 

22 जनवरी को द संडे व्यूज़ ने डीजी साहेब व्हाटसअप ग्रुप पर प्रधानमंत्री को मोदी मियां कहने वाले हवलदार प्रशिक्षक पर मेहरबानी क्यों बरत रहे हैं? शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। खबर में है कि… क्या राज्य कर्मचारियों को ये अधिकार मिला है कि वे अपने  अपने फेसबुक वाल पर  देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ ‘मोदी मियां‘ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करे ? क्या सरकार में बैठे ब्यूरोक्रेटस ने शासनादेश जारी किया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विभाग में तैनात कर्मचारी सरकार के खिलाफ धड़ल्ले से आग उगले ? यदि नहीं, तो फिर होमगार्ड विभाग के कर्मचारी किस नियमावली के तहत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को  फेसबुक वाल पर ‘मोदी मियां’ बोल रहे हैं ? किस हैसियत से कर्मचारी राज्य सरकार के खिलाफ बेखौफ होकर अपने-अपने व्हाटसअप ग्रुप, विभागीय ग्रुप पर धड़ल्ले से सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं ? चौंकाने वाली बात यह है कि अभी तक डीजी विजय कुमार ने प्रधानमंत्री के खिलाफ ‘निंदनीय शब्दों’ का इस्तेमाल करने वाले हवलदार प्रशिक्षक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की ? इससे साफ जाहिर हो रहा है कि ऐसे कर्मचारियों पर विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का पूरा शह है, तभी तो इनमें आचरण नियमावली, सरकार और चुनाव आयोग का खौफ नहीं है। द संडे व्यूज़ देशहित में सवाल कर रहा है कि आखिर रामनगर ट्रेनिंग सेंटर में तैनात हवलदार प्रशिक्षक अंजन कुमार भगत ने जब अपने फेसबुक वाल और सार्वजनिक व्हाटसअप ग्रुप पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित भारत सरकार के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल किया तो विभाग के डीजी विजय कुमार और डीआईजी, सीटीआई विवेक सिंह ने उसके खिलाफ अभी तक क्यों नहीं कार्रवाई की ? क्या डीजी की शह पर इस विभाग के कर्मचारी सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं ? यदि ऐसा है तो विभाग में एक लाख 18 हजार होमगार्डों के अलावा वैतनिक कर्मचारियों की बड़ी संख्या है, जो सरकार बनाने और गिराने का दम रखते हैं…।

 

सोचने की बात यह है कि आचार संहिता ने तो मामले को गंभीरता से लेते हुये ट्रेनिंग सेंटर के मंडलीय कमांडेंट जी.सी.कटियार से जवाब-तलब किया है लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं भेजा गया है। मुख्यालय के अधिकारियों को गुमराह करने में माहिर कटियार क्या जवाब देते हैं, इस पर द संडे व्यूज़ की नजर है। चौंकाने वाली बात यह है कि आखिर होमगार्ड मुख्यालय पर बैठे जाबांज अधिकारी चुप्पी क्यों साध रखे हैं ? कहीं मुख्यालय से कोई अधिकारी ऐंटी गवर्नमेंट कैंप तो नहीं चला रहा है…। चुनाव सिर पर है और मामले को गंभीरता से लेते हुये राज्य सरकार और मुख्यमंत्री को इस पर कार्रवाई करना चाहिये क्योंकि यदि अधिकारी अपने मंसूबे में कामयाब हो गये तो सरकार को बहुत बड़ा नुकसान झेलना पड़ेगा…।

शर्मनाक बात तो यह है कि एक हवलदार प्रशिक्षक अंजन कुमार भगत ने अपने  फेसबुक वाल में प्रधानमंत्री के खिलाफ मोदी मियां जैसे घटिया शब्दों का इस्तेमाल किया और इसकी जानकारी डीजी से लेकर मुख्यालय पर बैठे सभी अधिकारियों को हुयी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी। हवलदार प्रशिक्षक के खिलाफ कार्रवाई ना करने से गलत संदेश राज्य कर्मचारियों में जाने की संभावना है। सीधी बात करें तो यही हाल रहा तो प्रदेश के सभी राज्य कर्मचारी अपने प्रधानमंत्री के खिलाफ आग उगलने लगेंगे…। बात जो भी हो,डीजी और डीआईजी की खामोशी से साफ जाहिर है कि शायद इनलोगों के मुताबिक हवलदार प्रशिक्षक सही है…

बता दें कि द संडे व्यूज़ ने  18 जनवरी को 2022 को खुलासा किया था। शीर्षक हवलदार प्रशिक्षक ने पहले भी कई बार ‘फेसबुक वाल ‘ में ‘प्रधानमंत्री’ नरेन्द्र मोदी के खिलाफ उगला है आग…। 

1- अंजन कुमार भगत ने नवंबर माह में अपने  फेसबुक वाल पर डाला था कि जनार्दन रेड्डी भाजपा नेता ने 500 करोड़ में बेटी की शादी की। अब सवाल सिम्पल सा है ? ? 500  करोड़ पुराना नोट था या नया ? अगर पुराना था तो सधारण रूप में कैसे चला ? और अगर नया नोट था तो इतना नया नोट उसके पास कहां से आया जबकि एक सामान्य व्यक्ति के बचत खाते से निकासी लिमिट 24000 रुपया साप्ताहिक है और मासिक लिमिट 50000 है। मोदी मियां जनता जवाब चाहती है।

2- फरवरी माह में अपने  फेसबुक वाल पर  हेडिंग डाला है जिसमें लिखा है कि 25  लाख मांगे थे जो मैं नहीं दे पाया इसीलिये बीजेपी ने मुझे निकाल दिया।

3- १ मार्च को अपने  फेसबुक वाल पर पोस्ट किया कि अफजल गुरु आतंकवादी नहीं शहीद है ऐसा महबूबा मुफ्ति और उसकी पार्टी पीडीपी मानता है तो फिर देशभक्त भाजपा ने सत्ता के लालच में पीडीपी के साथ मिलकर सरकार क्यों बनायी? अगर है हिम्मत तो भक्त इस बात का जवाब दें।

इसी तरह के कई और पोस्ट हैं जो ऐंटी बीजेपी है। चलिये ये अंजन भगत का अपना निजी व्हाटसअप ग्रुप है लेकिन क्या एक सरकारी कर्मचारी सरकार विरोधी बयान अपने निजी व्हाटसअप पर डाल सकता है ? क्या ये आचरण नियमावली का उल्लंघन नहीं है ? क्या और सबूत चाहिये ?

 

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