तीसरे चरण में 22% दागी प्रत्याशी लड़ रहे चुनाव, एडीआर ने पेश की रिपोर्ट

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कांग्रेस के लुईस खुर्शीद पर सबसे अधिक 17 मुकदमे

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के तीसरे चरण का मतदान 20 फरवरी को होना है। तीसरे चरण में 16 जिले की 59 सीटों पर 627 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। तीसरे चरण से जुड़ी एडीआर की रिपोर्ट भी सामने आ गई है। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म ने इस चरण में चुनाव लड़ने वाले 623 उम्मीदवारों के बारे में अहम जानकारियां सामने रखी हैं।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों व विभिन्न संगठनों के प्रयासों के बाद भी राजनीतिक दल दागियों का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में भी 22 प्रतिशत दागी उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रत्याशी शामिल हैं और 17 प्रतिशत के विरुद्ध तो गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। पहले व दूसरे चरण में 25-25 प्रतिशत प्रत्याशी दागी थे। इस दृष्टि से तीसरे चरण में दागियों की संख्या में कोई खास कमी नहीं देखने को 96 (15 प्रतिशत) महिला उम्मीदवार भी मैदान में हैं।

उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच व एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) के विश्लेषण में दागियों की यह तस्वीर सामने आई है। संस्था ने तीसरे चरण में 59 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ रहे 627 उम्मीदवारों में से 623 प्रत्याशियों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है। चार उम्मीदवारों के शपथपत्र स्पष्ट न होने के कारण विश्लेषण में शामिल नहीं किये गए हैं। एडीआर के प्रदेश संयोजक अनिल शर्मा के अनुसार 623 में से 135 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये है। यानी तीसरे चरण में 22 प्रतिशत उम्मीदवार दागी हैं। इनमें 103 उम्मीदार यानी 17 प्रतिशत ऐसे हैं, जिन पर गंभीर आपराधिक मामले हैं।दागी उम्मीदवारों में सपा के 58 में से 30 (52 प्रतिशत), भाजपा के 55 में से 25 (46 प्रतिशत), बसपा के 59 में से 23 (39 प्रतिशत), कांग्रेस के 56 में से 20 (36 प्रतिशत) व आप के 49 में से 11 (22 प्रतिशत) प्रत्याशियों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषत किये हैं। गंभीर आपराधिक मामलों की बात की जाये तो सपा सबसे आगे है। सपा के 58 में से 21 (36 प्रतिशत) प्रत्याशियों पर गंभीर आपराधिक मामले घोषित हैं। इसके अलावा भाजपा के 55 में से 20, बसपा के 59 में से 18, कांग्रेस के 56 में से 10 व आप के 49 में से 11 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले हैं।

बाहुबल के साथ चुनाव में धनबल की भी कमी नहीं है। एडीआर के राज्य संयोजक संतोष श्रीवास्तव बताते हैं कि तीसरे चरण में 623 में से 245 (39 प्रतिशत) उम्मीदवार करोड़पति हैं। इनमें सभी राजनीतिक दलों के उम्मीदवार शामिल हैं। इनमें सबसे अमीर झांसी की बबीना विधानसभा सीट से सपा उम्मीदवार यशपाल सिंह यादव हैं, जिन्होने अपनी संपत्ति 70 करोड़ रुपये घोषित की है। दूसरे स्थान पर कानपुर की किदवई नगर विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी अजय कपूर ने अपनी संपत्ति 69 करोड़ रुपये घोषित की है। तीसरे स्थान पर कांग्रेस के कानपुर की आर्यानगर सीट से प्रत्याशी प्रमोद कुमार ने अपनी संपत्ति 45 करोड़ रुपये घोषित की है। करोड़पति उम्मीदवारों में सपा के 58 में से 52 (90 प्रतिशत), भाजपा के 55 में से 48 (87 प्रतिशत), बसपा के 59 में से 46 (78 प्रतिशत), कांग्रेस के 56 में से 29 (52 प्रतिशत) व आप के 49 में से 18 (37 प्रतिशत) शामिल हैं। इन उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 2.82 करोड़ रुपये है। 248 उम्मीदवारों ने अपनी देनदारी भी घोषित की है।

तीसरे चरण में 239 (38 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता पांचवीं और 12वीं कक्षा के बीच घोषित की है। जबकि 357 (57प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक व उससे अधिक घोषित की हैं। पांच उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं और 13 उम्मीदवार साक्षर। पांच उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता असाक्षर घोषित की है। इसके अलावा 241 उम्मीदवार 25 से 40 वर्ष आयु के हैं और 300 उम्मीदवारों की आयु 41 से 60 वर्ष के मध्य है। 81 उम्मीदवारों ने अपनी आयु 61 से 80 वर्ष के बीच घोषित की हैं। एक उम्मीदवार 83 वर्ष आयु के भी हैं।

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