लखनऊ विश्वविद्यालय :रजिस्टार साहेब, सर्विस बुक के रिकार्ड का रख-रखाव करता है डीन ऑफिस,फिर सवाल बायोकेमेस्ट्री विभाग से क्यों ?

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लखनऊ विश्वविद्यालय का सूरते-हाल:रजिस्टार साहेब गये थे मलाई खाने,कर बैठे जांच

बायोकेमेस्ट्री विभाग में सर्विस बुक में मिली खामियां,कर्मचारियों को दी ठीक कराने की हेकड़ी

सवाल: डॉ. वी. के. सिंह,जब आपको बायोकेमेस्ट्री विभाग वालों ने बतौर अतिथि बुलाया था तो निरीक्षण करने का सनक क्यों चढ़ा ?

   संजय पुरबिया

लखनऊ।उत्तर प्रदेश में शिक्षा के मामले में लखनऊ विश्वविद्यालय का नाम सबसे ऊपरी पायदान पर है। यहां दाखिला पाने के लिय छात्र-छात्राओं के लिये फिलवक्त आसमां से तारा तोडऩे के बराबर हो गया है। यहां कुछ ऐसे प्रोफेसर हैं जो छात्र-छात्राओं और कर्मचारियों के बीच इतने लोकप्रिय हैं कि उनसे कोई कुछ कहे तो वे सीधे मलाई खाने के लिये दफ्तर बुला लेते हैं। इन्हीं में कुछ ऐसे भी हैं जिन्होंने मलाई खिलाने की बातों को सुन, उन्हें भी दफ्तर बुलाने का आग्रह किया। फिर क्या था,लोकप्रिय डॉ. सुधीर मल्होत्रा ने रजिस्टार डॉ. विनोद कुमार सिंह को अपने बायोकेमेस्ट्री विभाग में 29 जनवरी को बतौर अतिथि बुला लिया। चौक की मशहुर दुकान से मलाई मंगा ली गयी। रजिस्टार साहेब आये और छक कर मलाई खायी, उसके बाद उन्हें निरीक्षण का कीड़ा काटने लगा। उन्होंने आव देखा न ताव, कर्मचारियों को बुलाकर उनकी सेवा पुस्तिका, जी.पी.एफ.पास बुक,जी.पी.एफ. पास बुक सहित आकस्मिक रजिस्टर की जांच करने लगे। इस दौरान उनके साथ डीन,संकाय अध्यक्ष,छात्र कल्याण पूनम टंडन और डॉ.सुधीर मल्होत्रा भी मौजूद थे।

बताया जाता है कि सुधीर मल्होत्रा भी चौं गये कि साहेबान को बतौर गेस्ट मलाई खिलाने बुलाया लेकिन ये तो लगें औचक निरीक्षण करने…। हालांकि उन्होंने रजिस्टार वी.के.सिंह को बताया भी कि कर्मचारियों की सर्विस बुक का रख-रखाव डीन ऑफिस करता है। इस औचक निरीक्षण से बायोकेमेस्ट्री विभाग के कर्मचारी हलकान हैं। खैर, रजिस्टार साहेब मेहमाननवाजी छोड़ औचक निरीक्षण कर चले गये और 29 जनवरी को एक लंबा-चौड़ा खर्रा सभी विभागों को जारी कर दिया जिसमें उल्लेख है कि सेवा संबंधी अभिलेख तथा जी.पी.एफ. पास बुक को सही ढंग से तैयार कर रखें।

विश्वविद्याय में खूब चर्चा है कि भईया, रजिस्टार साहेब को भूलकर भी शादी-ब्याह में ना बुलाना, नहीं तो मालूम चला कि दुल्हा फेरे ले रहा हो,और उसे उठाकर पूछने लगे जी.पी.एफ पास बुक का रिकार्ड सही है या नहीं? बात जो भी कर्मचारियों और शिक्षकों के बीच रजिस्टार साहेब छा गये हैं लेकिन अब छात्र चकल्लस ले रहे हैं कि यूपी में का बा…

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