रीढ़ व घुटने की बीमारी से थे परेशान
लखनऊ।गोमतीनगर के विशालखंड-2 निवासी रिटायर आईएफएस अधिकारी अतिबल सिंह (67) ने शुक्रवार को खुद को गोली से उड़ा लिया। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हालांकि परिवारीजन उनको लेकर सहारा अस्तपाल गये। जहां डॉक्टरों ने मौत की पुष्टि कर दी। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने बाथरूम से लाइसेंसी रिवॉल्वर व चश्मा बरामद किया है। पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि रिटायर आईएफएस अधिकारी काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। इसी डिप्रेशन में खुदकुशी की है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
एसीपी गोमतीनगर श्वेता श्रीवास्तव के मुताबिक मूलरूप से सुल्तानपुर के बिल्हरी गांव निवासी आईएफएस अतिबल सिंह चीफ फारेस्ट ऑफिसर के पद से रिटायर थे। वह अपने परिवार के साथ विशालखंड-2 स्थित आवास पर रहते थे। परिवार में पत्नी आशा सिंह, बेटा अभिषेक सिंह व दो बेटियां आकांक्षा सिंह व अनामिका सिंह के साथ रहते थे। बड़ी बेटी आकांक्षा सिंह की शादी हो चुकी है। वहीं छोटी बेटी भी वन विभाग में हाल ही में चयनित हुई है। जो कोयंबटूर में प्रशिक्षण ले रही है। वहीं बेटा अभिषेक सिंह नोएडा में नौकरी करता है। घर पर अतिबल सिंह केसाथ उनकी पत्नी आशा सिंह और दो नौकर थे। शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे के करीब उनकी पत्नी आशा सिंह अपने एक नौकर शिवमंगल सिंह के साथ विपुलखंड स्थित एक परिचित के घर गई थी। करीब 11.30 बजे दूसरा नौकर लखीमपुर निवासी रामू किचन में खाना बना रहा था। इसी दौरान रामू ने बाथरूम से गोली चलने की आवाज सुनी। गोली की आवाज सुनकर वह बाथरूम की तरफ गया। जहां रिटायर आईएफएस अतिबल सिंह खून से लथपथ पड़े मिले। रामू ने तत्काल शिवमंगल को सूचना दी। शिवमंगल तत्काल आशा सिंह को लेकर घर पहुंचा। वहां बाथरूम में अतिबल सिंह को खून से लथपथ देखा तो आशा सिंह चीख पड़ी।
खून से लथपथ अतिबल सिंह को नौकरों की मदद से आशा सिंह ने कमरे में बेड पर लिटाया। इसके बाद अपनी गाड़ी से लेकर सहारा अस्पताल पहुंची। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। आईएफएस अधिकारी ने खुद को दाहिनी कनपटी पर सटाकर गोली मारी थी। जो बाएं तरफ सिर के पिछले हिस्से से निकल गई। सूचना पर पहुंचे गोमतीनगर इंस्पेक्टर केशव कुमार तिवारी ने अपनी टीम के साथ मौके की पड़ताल शुरू की। बाथरूम से लाइसेंसी रिवॉल्वर, उसकी डोरी व आईएफएस अधिकारी का चश्मा बरामद किया। पुलिस ने मौके से सारे मिले सारे सामान को सीज कर दिया है। मौके पर जांच के लिए फोरेंसिक टीम को बुलाया। टीम ने साक्ष्य जुटाए। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।खुदकुशी की सूचना मिलते ही वन विभाग के कई अधिकारी व आसपास के लोग रिटायर आईएफएस अधिकारी अतिबल सिंह के घर पहुंचने लगे। वहीं कुछ रिश्तेदार भी पहुंच गये थे। एक तरफ पुलिस ने बेटियों व बेटे को सूचना दे दी थी। बेटा नोएडा से लखनऊ केलिए निकल चुका था। देर रात तक उसके पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। वहीं वन विभाग के अधिकारी शव के पोस्टमार्टम कराने के लिए जुटे थे। ताकि शनिवार को अंतिम संस्कार समय से कराया जा सके।
रिश्तेदार अवनीश सिंह ने बताया कि रिटायर आईएफएस अधिकारी काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उनको पहले घुटने में दिक्कत आई। फिर धीरे-धीरे कर रीढ़ की हड्डियों तक बीमारी पहुंच गई। उनको चलने फिरने में दिक्कत हो रही थी। कमर में हमेशा मेडिकल बेल्ट लगाना पड़ता था। इलाज भी चल रहा था। लेकिन इस बीमारी के कारण वह काफी चिड़चिडे़ हो गये थे। पत्नी व बच्चे भी इसके कारण काफी परेशान थे।अतिबल सिंह को खून से लथपथ हालत में परिवारजन सहारा अस्पताल लेकर पहुंचे। डाक्टरों ने यहां परीक्षण के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। पति की मौत की खबर जैसे ही आशा ने सुनी वह अचेत हो गईं। आशा को आनन फानन परिवारजन ने अस्पताल में भर्ती कराया। आशा की हालत नाजुक बताई जा रही है।पुलिस के मुताबिक जिस बाथरूम में रिटायर आईएफएस अधिकारी ने खुदकुशी की थी। वह कमरे के अंदर है। कमरे में एक सुसाइड नोट मिला है। जिस पर अतिबल सिंह ने लिखा हे। रीढ़ की हड्डी का दर्द बढ़ रहा है। भीषण दर्द से परेशान रहता हूं। इलाज से भी कोई लाभ नहीं मिल रहा है। इस दर्द से छुटकारा पाने के लिए ही जान दे रहा हूं। पुलिस के शुरूआती पड़ताल में भी इसकी पुष्टि हुई है।