पार्ट 2 – भ्रष्ट उद्यान अधिकारी डॉ. सीमा सिंह राणा की कहानी : मैडम की गाड़ी चली नहीं, बिल आया 3 लाख …

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पार्ट 2 – प्रतापगढ़ में हैं तीन लाख रुपये का पेट्रोल पीने वाली उद्यान अधिकारी डॉ. सीमा सिंह राणा…  

डॉ. सीमा सिंह का खेला –

1-20 वर्ष से प्रतापगढ़ में हैं तैनात। आखिर मैडम पर किसका है हाथ ? 

2-ट्रैवेल्स के नाम पर बना चुकी हैं तीन लाख के पेटे्राल का फर्जी बिल…

3-प्रति माह पेट्रोल का 44,520 रुपये आता है बिल। जनपद में कहां और कितनी बार की दौरा,बतायें?

4-मैडम की सरकारी गाड़ी सिर्फ प्रतापगढ़ से प्रयागराज स्थित आवास तक चली,फिर?

5-फर्जी किसान बनाकर स्वीकृत कर दिया लाखों रुपये का बिल पास,किसने दिया फ्राड करने का अधिकार?

6-मैडम के 5 वर्ष के कार्यकाल में माइक्रोएरिगेशन योजना की करा ली जाये जांच तो बड़े पैमाने पर खुलेगा घोटाला

    संजय पुरबिया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज मंडल में उद्यान विभाग के महाभ्रष्ट अधिकारी ‘गंगा मईया’ में ‘डुबकी’ लगाकर अपने ‘पाप’ को धोने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ‘द संडे व्यूज़’ की टीम उनके ‘नापाक इरादों’ को ‘नेस्तनाबूद’ करने में लगा हुआ है। कोशिश है कि प्रयागराज मंडल के साथ-साथ मुख्यालय में बैठे आकाओं की ‘काली कमाई‘ की करतूत को ‘सरकार‘ और ‘जनता‘ के सामने लाऊं ताकि ये भी सलाखों के पीछे जायें। पार्ट 2 में बात करते हैं एक ऐसी महिला अधिकारी की जिसने अपने ‘पद’ और ‘गरिमा‘ को सिर्फ ‘काली कमाई‘ के चक्कर में बदनाम कर दिया है। जी हां,बात कर रहे हैं प्रयागराज मंडल के प्रतापगढ़ में तैनात उद्यान अधिकारी डॅा. सीमा सिंह की, जिन्होंने आकाओं के आशिर्वाद से सरकार द्वारा बनायी गयी सभी नियमावली का वर्षों से धज्जियां उड़ा रही हैं। ‘मुख्यमंत्री’ और ‘उद्यान मंत्री‘ को की गयी शिकायत में अनीता देवी और भाजपा युवा मोर्चा,प्रतापगढ़ के जिला उपाध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने डॉ. सीमा सिंह पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाये हैं। देखते हैं जांच होती है या नहीं?

मुख्यमंत्री को लिखे गये शिकायती पत्र में अनीता देवी ने आरोप लगाया है कि उद्यान अधिकारी डॉ. सीमा सिंह वर्ष 2021-22 में माइक्रोएरिगेशन योजना में काम दिखाकर 3 लाख रुपये वाहन खर्च में निकाल लिया है। योजना के नाम पर वाहन चलाने के नाम पर प्रति माह स्पीड ट्रवेल्स, हजरतगंज,लखनऊ के नाम पर 44,520 रुपये का बिल बनाकर देती थी।  हकीकत यह है कि सीमा सिंह वाहन का प्रयोग सिर्फ अपने निजी आवास नियर ओझा हॅास्पिटल, टैगोर टाउन प्रयागराज से प्रतापगढ़ के लिये करती थी। यदि लॉग बुक में भरे गये स्थान,तिथि एवं उसके सापेक्ष सत्यापन आदि राजकीय कार्यों की तिथि से मिलान कर लिया जाये तो पता चलेगा कि किस तरह से सीमा सिंह राजकीय धन की लूट कर रही हैं। पत्र में यह आरोप भी लगाया गया है कि  सीमा सिंह की पहली तैनाती प्रयागराज में उद्यान निरीक्षक के पद पर हुयी थी। यहीं पर पदोन्नति मिली और बन गयीं वरिष्ठ  उद्यान निरीक्षक, खुशरुबाग, इलाहाबाद। उसके बाद क्लास 2 में पदोन्नति पाकर डॉ. सीमा सिंह बन गयीं अधीक्षक राजकीय उद्यान, इलाहाबाद। मौजूदा समय प्रतापगढ़ में तैनात हैं।

सीधी बात करें तो लगभग 20 वर्ष तक सीमा सिंह इलाहाबाद में ही तैनात थीं और अभी भी प्रयागराज मंडल में ही हैं। आरोप लगाया गया है कि सीमा सिंह की पांच वर्ष के कार्यकाल में माइक्रोएरिगोशन कार्य में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है।  इन्होंने एक ही खतौनी पर परिवार के अलग-अलग सदस्यों को अलग-अलग वर्षों में लाभार्थी बनाकर अनुदान दिया गया है। लाभार्थि किसानों के पास भू-राजस्व अभिलेखों में उनके नाम के आगे अंकित रकबा को कूटरचित तरीकेे से अनुदान की सीमा तक बढ़ाया गया है। नियम की बात करें तो यदि किसी लाभार्थी को योजना का लाभ मिल गया है तो फिर दुबारा उसे 7 साल बाद ही योजना का लाभ मिलेगा लेकिन यहां वर्षों से डॅा. सीमा सिंह अपनी टीम के साथ मिलकर एक ही किसान को फर्जी तरीके से लगातार कई सालों तक योजनाओं का लाभ देती रही हैं।

इनके पांच वर्ष के कार्यकाल में माइक्रोएरिगेशन योजना की जांच करा ली जाये तो करोड़ों का घोटाला सामने आयेगा। इसी योजना में यदि सभी जनपदों में उच्च स्तरीय जांच करा ली जाये तो हजारों-करोड़ों का घोटाला निकल कर सामने आयेगा।वर्ष 2020-21 के संप्रेक्षण में भी इस प्रकार का प्रकरण उच्च अधिकारियों को बताया गया लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी। इससे साबित होता है कि मुख्यालय में बैठे एमडी को भी इनलोगों ने ‘मैनेज’ कर लिया है।

इस पर भारतीय जनता युवा मोर्चा,प्रतापगढ़ के जिला उपाध्यक्ष मनोज कुमार यादव ने कहा कि डॉ. सीमा सिंह ने वाहन चलाने के नाम पर जो तीन लाख का बिल विभाग में दिया है यदि उसकी सच्चाई जाननी है तो सरकारी लॉग बुक से मिलान कर लिया जाये। सच सामने आ जायेगा। इसके अलावा माइक्रोएरिगेशन योजना में इनके द्वारा बनाये गये लाभार्थियों की भूमि की जांच करा ली जाये तो घोटाला हजारों-करोड़ का निकलेगा क्योंक मैडल पांच वर्ष से उक्त योजना में लाभार्थियों को लाभ दे रही हैं।

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