अवनीश अवस्थी टायर्ड नहीं: वृंदावन में रिटायरमेंट के बाद भी एक्टिव मोड में दिखे

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अवस्थी हमारे बुलावे पर आएः शैलजाकांत

मथुरा। पीके, पूर्व अपर मुख्‍य सचिव और सीएम योगी आदित्‍यनाथ के करीबी माने जाने वाले अवनीश अवस्‍थी 31 अगस्‍त को रिटायर जरूर हो गए लेकिन वह टायर्ड बिल्‍कुल नहीं है। शुक्रवार को उन्‍होंने मथुरा-वृंदावन के विकास से जुड़ी योजनाओं पर अधिकारियों के साथ मंथन किया। बांके बिहारी मंदिर हादसे के सबक और भीड़ को नियंत्रित करने के उपायों पर चर्चा की। उनके साथ प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम और ब्रज विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र भी रहे।

यूपी काडर के 1987 बैच के आइएएस अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी को रिटायरमेंट के बाद से ही नई जिम्‍मेदारियों के लिए प्रतीक्षारत माना जाना जा रहा है। दरअसल, योगी सरकार ने अवस्थी के सेवा विस्तार की सिफारिश की थी लेकिन उसे केंद्र से मंजूरी नहीं मिली। उसके बाद से ही चर्चा है कि योगी सरकार में वो सलाहकार की भूमिका में नई पारी की शुरुआत कर सकते हैं। अटकल ये भी है कि किसी निगम, प्राधिकरण या आयोग के चेयरमैन के तौर पर उनकी सिस्टम में वापसी हो जाए।

अवस्थी ने पानीगांव पुल संपर्क मार्ग, नगला रामताल और जुगलघाट क्षेत्र में पार्किंग निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। इसके बाद पर्यटक सुविधा केंद्र में अधिकारियों से मथुरा-वृंदावन के नए मास्टर प्लान, प्रस्तावित योजनाओं और उनकी प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बांके बिहारी मंदिर पर भारी संख्या में आने वाली भीड़ को अलग-अलग मार्गों से लाने की आवश्यकता है। अभी तक केवल दो प्रमुख मार्गों से ही अधिकांश श्रद्धालु वृंदावन दर्शन करने आते हैं। ऐसे में श्रद्धालुओं का आवागमन और समुचित पार्किंग व्यवस्था पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

पूर्व एसीएस अवनीश अवस्थी के मथुरा में अफसरों के साथ बैठक को लेकर चर्चाएं भी खूब रहीं। इस पर ब्रज तीर्थ विकास परिषद के उपाध्यक्ष शैलजाकांत मिश्र सामने आए और उन्होंने कहा कि श्री अवस्थी का ब्रज के विकास से विशेष जुड़ाव रहा है। परिषद के आग्रह पर ही उन्होंने मथुरा के विकास कार्यों का जायजा लेते हुए अधिकारियों से चर्चा की।

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