होमगार्ड विभाग: साहेब गये जांच करने,भ्रष्टाचारी के पैसे से ठहरे एसी होटल में,खाया घर का लजीज व्यंजन

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होमगार्ड विभाग का खेला: भ्रष्टाचार करने वाले की शिनाख्त करने गये डिवीजनल कमांडेंट उसी से कराने लगा खातिरदारी

रामनगर टे्रनिंग सेंटर में व्याप्त भ्रष्टाचार पर जी.सी.कटियार की जांच पर बयान लेने पहुंचे बरेली के मंडलीय कमांडेंट प्रमोद पाल

रामनगर के पालकी होटल के एसी कमरे में प्रमोद पाल साहेब,इंस्पेक्टर ताज रसूल के घर से आता था लजीज व्यंजन

चार दिनों तक एसी होटल में रुकने का बिल भ्रष्ट मंडलीय कमांडेंट जी.सी.कटियार ने भरा,ताज रसूल की गाड़ी से साहेब ने किया सैर

   शेखर यादव

इटावा। उत्तर प्रदेश में जब किसी भ्रष्टाचार के मामले में जांच अधिकारी नामित किया जाता है तो उसका बल्ले-बल्ले हो जाता है। उसे मालूृम रहता है कि जिसकी जांच करने जा रहे हैं वो उसके रहने,खाने और ठहरने का इंतजाम जैसा चाहेंगे,ठीक उसी तरह करेगा। होमगार्ड विभाग में वाराणसी के रामनगर ट्रेनिंग सेंटर में तैनात प्रमोटी मंडलीय कमांडेंट जी.सी.कटियार पर लगे भ्रष्टाचार की जांच करने बरेली के मंडलीय कमांडेंट प्रमोद कुमार पाल रामनगर पहुंचे। भोलेनाथ की धरती पर कदम रखते ही पाल साहेब को गाड़ी में बिठाकर होटल पालकी ले जाया गया। पालकी में प्रमोद पाल के लिये वातानुकुलित कमरे में ठहरने की व्यवस्था की गयी। साहेब ने घर में बने लजीज व्यंजन की फरमाईश की,तो विभाग के ही इंस्पेक्टर ताज रसूल के घर से सुबह-शाम का खाना आने लगा। अब जांच के बाद सैर-सपाटा भी करना था तो साहेब के लिये ताज रसूल अपने निजी वाहन से चालक बनकर चार दिनों तक काशी विश्वनाथ,संकट मोचन मंदिर एवं विन्ध्याचल मईया का दर्शन कराते रहें। जहां तक कटियार के खिलाफ जांच की बात है तो जिस वक्त बैण्डमैनों को बयान के लिये जांच अधिकारी प्रमोद पाल ने बुलाया उस दौरान जी.सी.कटियार वहीं बैठे थे। सवाल यह है कि जांच अधिकारी प्रमोद पाल ने बैण्डमैनों से बयान लेते वक्त कटियार को क्यों बिठा रखा था ? मंडलीय कमांडेंट कटियार तो उस वक्त आपके सामने दोषी अधिकारी है,फिर उसके प्रति इतनी नरमी क्यों दिखा रहे थे पाल जी ? सवाल यह भी है कि जब कुछ बैण्डमैनों ने कटियार के खिलाफ बयान दिया तो आपने उन्हें डपटा क्यों ? क्यों आपने कटियार के खिलाफ बयान देने वाले बैण्डमैनों का पन्ना फाड़कर पक्ष में बयान देने का दबाव बनाया ?

वजह साफ हैजी. सी. कटियार ने 1 सितंबर से लेकर 4 सितंबर तक प्रमोद पाल की खूब सेवा सत्कार जो किया था। अब आपलोग अंदाजा लगा सकते हैं कि भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे रामनगर ट्रेनिंग सेंटर के मंडलीय कमंाडेंट जी सी कटियार की जांच रिपोर्ट कितनी निष्पक्ष बनाकर देंगे प्रमोद कुमार पाल।

होमगार्ड विभाग के रामनगर ट्रेनिंग सेंटर में तैनात मंडलीय कमांडेंट जी सी कटियार के बारे में खूब चर्चा है कि उन्हें हर चीज में कमीशन चाहिये। बिना बताये मंडलय छोड़कर लापता रहते हैं। कमीशनखोरी की लत की वजह से ही कटियार का यहां तैनात अपने जूनियर से कभी नहीं बनी। एक मामले में कटियार की जांच करने बरेली के मंडलीय कमांडेंट प्रमोद कुमार पाल रामनगर पहुंचे। 1 से लेकर 4 सितंबर तक रामनगर के पालकी होटल में इन्हें ठहराया गया जिसका प्रतिदिन का किराया 1500 रुपये रुपये है। बैण्डमैनों को बयान देने के लिये जांच अधिकारी प्रमोद पाल ने बुलाया वहां पर अभियुक्त यानि मंडलीय कमांडेंट जीसी कटियार पहले से मौजूद थे। उसी के सामने जांच अधिकारी ने बैण्डमैनों से पूछा कि कटियार साहेब का व्यवहार कैसा है ? इन्होंने क्या-क्या काम कराया ? इस पर कुछ बैण्डमैनों ने बताया कि पेड़ लगावा है,ट्रेनिंग सेंटर की सफाई कराने का काम किया है। साहेब का व्यवहार अच्छा है। उसके बाद बैण्डमैन बसंत और चंद्रमा से भी बयान लिया गया। बताया जाता है कि दोनों ने कटियार के खिलाफ बयान दिया,जिसे जांच अधिकारी ने दोनों के बयान के पन्ने को दो बार फड़वाया। काहें भईया ?

डीजी साहेब,डीआईजी साहेब अब आप ही लोग बतायें कि क्या कटियार के पदासीन रहते हुये कोई कर्मचारी स्वतंत्र होकर बयान दे सकता है ? ऐसा लगता है जांच अधिकारी एसी होटल, लजीज व्यंजन और सैर-सपाटा से इतने खुशिया गये थे कि उन्होंने निष्पक्षता को ताख पर रख दिया और बेच डाला अपना ईमान।बता दें कि डीआईजी,पूर्वी परिक्षेत्र संतोष सुचारी ने अपनी जांच में स्पष्ट लिखा है कि गिरीश चंद्र कटियार एक तानाशाह है,तो एक तानाशाह के सामने कोई कैसे निष्पक्षता से बयान दे सकता है।

इस बारे में जब बरेली के मंडलीय कमांडेंट प्रमोद कुमार पाल से सवाल किया गया कि जब आप रामनगर जीसी कटियार की कौन सी जांच करने गये थे ? इस पर उन्होंने कहा कि इसका जवाब मुख्यालय देगा। फिर सवाल दागा कि जब आप बैण्डमैनों का बयान ले रहे थे तो उस वक्त मंडलीय कमांडेंट कटियार आपके साथ क्यों बैठा था और रामनगर के पालकी होटल में ठहराने,खाने का इंतजाम कटियार ने ही किया था ? इतना सुनते ही प्रमोद कुमार पाल नेटवर्क से बाहर चले गये। कई बार कॉल किया गया लेकिन उन्होंने खांटी पत्रकार से बात करना मुनासिब नहीं समझा।

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