प्रेस कांफ्रेंस- मोदी सरकार की ‘हैट्रिक’ के लिए ‘मजबूत पिच’ बनाते भी दिख रहे हैं योगी आदित्यनाथ

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दिल्ली की सत्ता हासिल करने में यूपी की हमेशा अहम राजनीतिक भूमिका रही

बजट में विकास के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, किसानों, महिलाओं और युवाओं पर फोकस

 

  संजय पुरबिया

लखनऊ।  24 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश को छह वर्ष में बीमारू राज्य की छवि से उबारने के बाद योगी सरकार अब प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाएगी। आत्मनिर्भर भारत की तर्ज पर आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की मजबूत नींव रखने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने सातवें बजट के जरिए सभी को साधने के साथ ही मोदी सरकार की हैट्रिक के लिए मजबूत पिच बनाते भी दिख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा व मार्गदर्शन से समग्रता में राज्य के विकास के लिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का प्रतिनिधित्व करने वाला भारी-भरकम बजट, भ्रष्टाचार व अपराधियों के प्रति जीरो टालरेंस की नीति और सांस्कृतिक व धार्मिक एजेंडे के दम पर योगी सरकार प्रदेशवासियों पर ‘कमल’ की अमिट छाप आगे भी बनाए रखना चाहती है ताकि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में पहले से कही ज्यादा लोकसभा सीटों पर भगवा परचम लहराए और मोदी सरकार की हैट्रिक लगाने की राह आसान हो।

मोदी-योगी की डबल इंजन सरकार से विपक्षी दल लगातार सत्ता से दूर ही है। विपक्षी, केंद्र की सत्ता के करीब आगे भी न पहुंच पाएं इसके लिए पिछले वर्ष सत्ता में वापसी के साथ ही योगी सरकार की नजर वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव पर रही है। कारण है कि दिल्ली की सत्ता हासिल करने में यूपी की सदैव अहम राजनीतिक भूमिका रही है। वर्ष 2014 में 73 सीटें जीतने पर पहली बार केंद्र में नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने बहुमत की सरकार बनाई थी। 2014 के लोकसभा चुनाव में 80 में से 73 लोकसभा सीटों पर था भाजपा का कब्‍जा विधानसभा चुनाव में सभी को साधने वाले भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्रों के जिन 130 संकल्पों के सहारे योगी सरकार ने पिछले वर्ष सूबे की सत्ता में ऐतिहासिक वापसी की थी, उनमें से 110 यानी 85 प्रतिशत संकल्पों को दूसरे बजट से ही पूरा कर योगी सरकार ने भाजपा के लिए मिशन-80 की राह आसान बनाने का काम किया है। दरअसल, एक दशक पहले वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में 80 में से 73 लोकसभा सीटें जीतने वाली भाजपा ने डेढ़ दशक बाद बड़े वादे-संकल्पों के साथ वर्ष 2017 में प्रचंड बहुमत से राज्य की सत्ता में भी वापसी की थी।

वर्ष 2019 में भी प्रदेश की 64 सीटों के साथ मोदी सरकार ने सत्ता में वापसी की थी। पिछले वर्ष सूबे की सत्ता में वापसी के लिए भी लोक-लुभावन वादों का भाजपा ने लोक कल्याण संकल्प पत्र जारी किया था। संकल्प पत्र में राज्य के समग्र विकास के साथ ही समाज के सभी वर्गों के हितों को लेकर 130 प्रमुख वादे किए गए थे। गौर करने की बात यह है कि योगी सरकार-2.0 के पास वैसे तो संकल्पों को पूरा करने के लिए पूरे पांच वर्ष है, लेकिन बुधवार को लगभग 6.90 लाख करोड़ रुपये का दूसरा बजट पेश कर मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट तौर पर कहा कि राज्य के सर्वसमावेशी और तेज समग्र विकास के साथ ही आत्मनिर्भरता की नींव रखने वाले सबसे बड़े बजट में बुनियादी सुविधाओं के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, किसानों, महिलाओं और युवाओं का खास ख्याल रखा गया है।बजट को लोक कल्याण संकल्प पत्र के 110 वादों को पूरा करने वाला बताकर मुख्यमंत्री ने साफ कर दिया कि प्रदेशवासियों को वादों के पूरा होने के लिए पांच वर्ष का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। दो वर्ष में ही 85 प्रतिशत वादों को पूरा करने के लिए बजट में 64 हजार करोड़ रुपये से अधिक की व्यवस्था भी की गई है। इससे साफ है कि योगी सरकार अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों को प्रदेशवासियों में सेंध लगाने का कोई मौका नहीं देना चाहती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा व मार्गदर्शन से समग्रता में राज्य के विकास के लिए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का प्रतिनिधित्व करने वाला भारी-भरकम बजट, भ्रष्टाचार व अपराधियों के प्रति जीरो टालरेंस की नीति और सांस्कृतिक व धार्मिक एजेंडे के दम पर योगी सरकार प्रदेशवासियों पर ‘कमल’ की अमिट छाप आगे भी बनाए रखना चाहती है ताकि वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में पहले से कही ज्यादा लोकसभा सीटों पर भगवा परचम लहराए और मोदी सरकार की हैट्रिक लगाने की राह आसान हो।

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