दिल्ली। सिलिकॉन वैली बैंक (S VB) में तालाबंदी की खबरों के बाद अमेरिका के साथ-साथ दुनियाभर के बाजार में हड़कंप मच गया। 2008 की मंदी के दौरान वाशिंगटन म्यूचुअल और लेहमन ब्रदर्स के डूबने के बाद इसे सबसे बड़ा आर्थिक संकट माना जा रहा है। अमेरिकी नियामकों ने शुक्रवार को S VB को बंद करने की घोषणा कर दी। कैलफोर्निया में बैंकिंग नियामकों ने बैंको बंद करने के बाद फेडरल डिपॉजिट इन्श्योरेंश कॉरपोरेशन (FDIC) को बैंक के असेट रिसिवर के तौर पर नियुक्त किया है। इस खबर को पूरी दुनिया के बाजार में ग्लोबल मंदी की आहट के रूप में देखा जा रहा है। आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला ? स्टार्टअप्स में निवेश करने वाले एक बैंक को बंद करने की नौबत क्यों आ गई ? भारतीय बैंकों और स्टार्टअप इकोसिस्टम पर इसका क्या असर पड़ेगा ? जानते हैं पूरी कहानी …
बैंक ने जिन बॉन्ड्स में निवेश किया क्या वे असफल रहे?
संस्थागत निवेशकों ने क्यों छोड़ा साथ?
क्या S VB विफल रहा ?
हां, कैलिफोर्निया डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल प्रोटेक्शन एंड इनोवेशन ने बैंक का अधिग्रहण किया और अपर्याप्त तरलता और दिवालियापन का हवाला दिया। इसने फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉर्प को रिसीवर के रूप में नामित किया।