31 को रिटायर हो रहे डी.एस. चौहान, प्रशांत कुमार को प्रभार…रेस में कौन हैं सीनियर आईपीएस

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आनंद कुमार और विजय कुमार रेस में

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में डीजीपी का पद शुक्रवार को खाली हो रहा है। 31 मार्च को प्रदेश के डीजीपी डॉ डीएस चौहान रिटायर होने वाले हैं। उनके रिटायरमेंट के बाद प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजीपी का प्रभार दिया जाएगा। प्रशांत कुमार अभी एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के पद पर कार्यरत हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ के पसंदीदा अधिकारियों में उनका नाम शुमार है। इन सबके बीच प्रदेश में नए डीजीपी के नामों को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। कई नाम लाइन में बताए जा रहे हैं। हालांकि, इन सबमें आनंद कुमार और विजय कुमार का नाम डीजीपी पद के लिए रेस में सबसे आगे बताया जा रहा है। हालांकि, इन सबमें सबसे अधिक चर्चा वर्तमान जेल डीजी आनंद कुमार की हो रही है। अब्बास-निकहत कांड और अतीक अहमद के नैनी जेल में ट्रीटमेंट को लेकर वे इस समय खासी चर्चा के केंद्र में बने हुए हैं।
डॉ डीएस चौहान का कार्यकाल 31 मार्च को पूरा हो रहा है। वह यूपी के कार्यवाहक डीजीपी बनाए गए थे। कार्यवाहक डीजपी के तौर पर ही वे रिटायर हो रहे हैं। अभी तक सरकार की ओर से डीजीपी पद के लिए स्थायी नियुक्ति का कोई प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग को नहीं भेजा गया है। यूपीएससी की ओर से डीजीपी पद के लिए नामों पर अंतिम मुहर लगती है। सरकार की ओर से 3 नाम भेजे जाते हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक इस पर चर्चा शुरू नहीं की है। ऐसे में कार्यवाहक डीजीपी के पद पर किसकी नियुक्ति होगी ? इस पर खासी चर्चा चल रही थी। अब एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार का नाम इस पद के लिए सामने आया है। वह डीएस चौहान से कार्यवाहक डीजीपी का प्रभार लेंगे।

नए डीजीपी पद की रेस में 1988 बैच के आनंद कुमार और विजय कुमार के नाम की सबसे अधिक आगे चल रहे हैं। आनंद कुमार इस समय यूपी के डीजी जेल के पद पर कार्यरत हैं। पिछले दिनों माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी और बहू निकहत के चित्रकूट जेल कांड के बाद से वे खासी चर्चा में हैं। वहीं, सीबीसीआईडी के डीजी विजय कुमार भी इस रेस में आगे दिख रहे हैं। आनंद कुमार योगी सरकार के पहले कार्यकाल के दौरान एडीजी लॉ एंड ऑर्डर थे। योगी सरकार की अघोषित एनकाउंटर पॉलिसी को आगे बढ़ाने में आनंद कुमार की अहम भूमिका मानी जाती है। दलित समीकरण के कारण उनकी दावेदारी भी मजबूत है।
डॉ डीएस चौहान के रिटायर होने के बाद यूपी डीजीपी के अलावा डीजी इंटेलिजेंस और डीजी विजिलेंस के पद भी खाली हो रहे हैं। इन पदों पर भी नए अधिकारियों की तैनाती होगी। डीएस चौहान के पास डीजी इंटेलिजेंस का पद था। इसके अलावा वे डीजीपी विजिलेंस के अतिरिक्त प्रभार में थे। रिटायरमेंट के बाद उन्हें गृह विभाग का सलाहकार या अन्य कोई महत्वपूर्ण दायित्व दिए जाने की भी चर्चा है। डॉ चौहान सबसे अधिक 11 माह तक कार्यवाहक डीजीपी रहने वाले अधिकारी बने हैं। उन्हें योगी आदित्यनाथ सरकार में भरोसेमंद पुलिस अधिकारियों में गिना जाता रहा है।
डीएस चौहान के रिटायरमेंट के बाद एडीजी एमके बशाल को डीजी के पद पर प्रमोशन मिल जाएगा। सरकार अगले माह लोक यूपीएससी को स्थाई डीजी पद पर नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेज सकती है। अब इसमें कौन अधिकारी शामिल होंगे? इस पर कोई सीनियर पुलिस अधिकारी भी बोलने को तैयार नहीं है। आईपीएस की सीनियरिटी लिस्ट को देखें तो 1987 बैच के आईपीएस मुकुल गोयल सबसे वरिष्ठ हैं। उनके बाद 1988 बैच के आईपीएस आनंद कुमार और विजय कुमार का स्थान आता है। 1989 बैच के आईपीएस आशीष गुप्ता और 1990 बैच की रेणुका मिश्रा, बीके मौर्य और और एसएन साबत का नाम भी सीनियरिटी लिस्ट में सबसे आगे हैं।

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