भाग 2- क्या एसीएस अनिल कुमार दागी कमांडेंट मनीष दूबे को बचा रहे हैं !

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एसीएस अनिल कुमार के बयान पर सवाल : क्या कमांडेेेंट मनीष दूबे किसी का ‘रेप’ करेगा तब आप मानेंगे की ठोस प्रमाण है !

क्या एसीएस अनिल कुमार दागी कमांडेंट मनीष दूबे को बचा रहे हैं !

 संजय पुरबिया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के तथाकथित ‘नौकरशाहों’ की माया निराली है। ये ‘भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे’ और ‘परायी महिलाओं’ की ‘अस्मत’ लूटने की चाह रखने वाले अफसरों पर मेहरबान दिखते हैं। आप जानते हैं कि होमगार्ड विभाग के कमांडेंट और एसडीएम ज्योति मौर्या के अवैध संबंधों को लेकर उसके पति आलोक मौर्या के बयान पर राजनीति से लेकर देशभर के परिवारों में भूचाल आ गया था। पति को धोखा देकर पराये मर्द से संबंध बनाने की बात सुन पूरे देश में ज्योति मौर्या और मनीष दूबे के प्रति गुस्सा सुलगने लगा था। शासन की सख्ती के बाद होमगार्ड विभाग के डीजी बी के मौर्या ने जांच प्रयागराज के डीआईजी संतोष सुचारी को सौंपी। भरोसेमंद सूत्रों ने बताया कि गाजीयाबाद के कमांडेंट मनीष दूबे के खिलाफ अमरोहा की महिला होमगार्ड संकेत कुमारी ने गंभीर आरोप लगाते हुये कहा है कि मनीष दूबे यहां तैनाती के दौरान उसे ‘अकेले’ में बुलाते थे। ना जाने पर उसे सस्पेंड़ कर अपने गुर्गों से आने का दबाव बनाते थे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि मनीष दूबे ने ज्योति मौर्या को व्हाटसअप चैटिंग में बिना नाम लिये उनके पति को रास्ते से हटाने की बात अपने मोबाइल नंबर से किया है। रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि मनीष दूबे जब गाजीयाबाद में कमांडेंट के पद पर तैनात था तो बिना सक्षम अधिकारी से अनुमति लिये लखनऊ आकर फाईव स्टार होटलों में ठहरता था,जबकि उसका लखनऊ में निजी आवास है। बाकी छोडिय़े,इन तीन मुददों पर क्या कमांडेंट मनीष दूबे के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिये ?

सवाल नंबर 1-

कमांडेंट मनीष दूबे जब अमरोहा में तैनात थे तो महिला होमगार्ड संकेत कुमारी को वो अपने घर पर खाना बनाने के लिये बुलाते थे। संकेत ने घर जाकर खाना बनाने के लिये मना कर दिया,इस पर मनीष दूबे उसे ‘अकेले में मिलने’ के लिये बुलाने लगें। इस बात को भी संकेत कुमारी ने खारिज कर दिया तब बौखलाये मनीष दूबे ने उसे बेवजह सस्पेंड़ कर दिया। उसने सोचा होगा कि ऐसे नहीं आयी तो बहाली कराने के लिये आयेगी और फिर…। संकेत कुमारी उसके पास जाने की बजाये डीजी,होमगार्ड से मिली और लिखित शिकायत की। पूर्व डीजी,विजय कुमार ने तत्काल फोन कर मनीष दूबे को संकेत कुमारी को बहाल करने का निर्देश दिया,तब जाकर उसकी बहाली हुयी। नियम है कि डीजी के कहने के बाद तीन माह बाद कमांडेंट ने उसकी बहाली की। नियमत: एक माह के अंदर संकेत कुमारी को बहाल कर देना चाहिये था। डीजी के आदेश को नजरअंदाज करने पर उसी समय कमांडेंट मनीष दूबे को निंदा प्रविष्टि तो देना ही चाहिये था,जो नहीं किया गया। खैर,संकेत कुमारी का बयान ही काफी है मनीष दूबे के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिये। भरोसेमंद अधिकारियेां ने बताया कि संकेत कुमारी पर केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है लेकिन संकेत अपने इंसाफ के लिये हर लड़ाई लडऩे के लिये तैयार है।

सवाल नंबर 2-

ज्योति मौर्या के व्हाटसअप पर कमांडेंट मनीष दूबे ने लिखा है कि ‘रास्ते से हटा दो,कहानी खत्म कर दो’…। इस पर डीआईजी की रिपोर्ट में साफतौर ‘पुलिस विभाग द्वारा मनीष दूबे के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की बात कही गयी है’। ‘द संडे व्यूज़’ ने सबसे पहले व्हाटसअप चैटिंग का खुलासा कर बताया था कि मनीष दूबे और ज्योति मौर्या मिलकर पति आलोक मौर्या के हत्या की प्लानिंग कर रहे हैं। ये बात आलोक मौर्या ने भी चैनल के सामने कहा है। ये डॉयलॉग मनीष दूबे ने अपने मोबाइल नंबर से ज्योति मौर्या के मोबाइल नंबर पर किया था। क्या मनीष दूबे के खिलाफ होमगार्ड विभाग को सस्पेंड़ कर विभागीय जांच नहीं बिठानी चाहिये?

सवाल नंबर

3- गाजीयाबाद का कमांडेंट बनने के बाद आये दिन मनीष दूबे शहर से बाहर बिना किसी अधिकारी को बताये गायब रहते थे। कई बार अधिकारियों का दौरा होता था और दूबे जी गायब मिलते थे। मनीष दूबे आये दिन लखनऊ के पांच सितारा होटलों में किसी महिला के साथ रुकते थे,जबकि यहां पर उनका निजी आवास भी है। यदि मनीष दूबे अवकाश पर थे तो क्या किसी सक्षम अधिकारी से अवकाश स्वीकृत करा रखे थे ? देखा जाये तो मनीष दूबे ने साबित कर दिया कि उसकी नजरों में शासन और मुख्यालय के अफसरों की कोई अहमियत नहीं है। तभी तो नियमों को तार-तार कर वो भ्रष्टाचार और किसी का परिवार बर्बाद करता रहा और विभागीय नौकरशाह ‘ध्रुतराष्ट’ बनकर तमाशा देखते रहें और आज भी ‘मूक’ बने हुये हैं लेकिन…

होमगार्ड विभाग के अपर प्रमुख सचिव (एसीएस) अनिल कुमार ने कमांडेंट मनीष दूबे को लेकर मीडिया में बयान दिया है जिससे वे खुद सवालों के घेरे में आ गये हैं। सुनिये,अनिल कुमार का मीडिया में बयान- शासन की जांच में मनीष दूबे पर अनियमितता करने अथवा विभाग की छवि धूमिल करने का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है…। अनिज जी, शासन में बैठे ‘ताकतवर नौकरशाह’ या ‘आपकी नजरों’ में ‘ठोस प्रमाण’ क्या है ? मनीष दूबे अपने अधीनस्थ काम करने वाली महिला होमगार्ड को अकेले में क्या ‘आरती’ उतारने के लिये बुला रहा था ज्योति मौर्या के व्हाटसअप पर उसके पति आलोक मौर्या के ‘मर्डर की प्लानिंग’ करने की योजना बनाना ठोस प्रमाण नहीं है ? क्या विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से बिना अवकाश लिये लखनऊ के 5 स्टार होटलों में किसी महिला के साथ ठहरने का सबूत ठोस प्रमाण नहीं है।

 

आखिर में मेरा सवाल सरकार के काबिल बनने वाले उन नौकरशाहों से है कि क्या उनके परिवार की महिलाओं,बेटियों पर यदि उनके साथ काम करने वाला कोई अधिकारी मनीष दूबे जैसी गंदी निगाह रखे तो आपलोग क्या करेंगे? यदि आपके घर की महिलाएं या बेटियां शिकायत करेंगी तो भी आप उनसे ठोस सबूत मांगेंगे ? अपनी अंतरात्मा से जवाब मांगें, उम्मीद है सही जवाब मिलेगा…। खैर,सिर्फ इतना ही कहना है कि ‘द संडे व्यूज़’ भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरह महिलाओं के सम्मान की लड़ाई लड़ता रहेगा, जब तक महिलाओं के अस्मत से खिलवाड़ करने वालों पर कार्रवाई ना हो…।

क्रमश:

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