सेनानी परिजन अपने गौरव को पहचानें- जितेन्द्र रघुवंशी

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स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारजनों ने लखनऊ के गांधी सभागार से भरी हुंकार

 सेनानियों के सम्मान की रक्षा और सेनानी परिजनों की समस्याओं के समाधान पर हुई चर्चा

 उ.प्र.स्वतंत्रता सेनानी परिवार समन्वय समिति का हुआ गठन



संजय पुरबिया

लखनऊ। भारत को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिवारीजन आज गांधी भवन सभागार में एक साथ जुटे। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए सेनानी परिजनों ने एक दूसरे से परिचय किया और राज्य में एक बड़ा संगठन खड़ा करने का संकल्प लिया। सौ की उम्र को छू रहे वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानियों राम विचार पाण्डेय, आनन्द सिंह बिष्ट और वीरांगना प्रेम शीला पाण्डेय की उपस्थिति में सेनानी परिजनों द्वारा उ.प्र.स्वतंत्रता सेनानी परिवार समन्वय समिति का गठन किया गया। यह समन्वय समिति स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान की रक्षा तथा सेनानी परिजनों की विविध समस्याओं के निदान और एक संगठित शक्ति के निर्माण का कार्य करेगी। संगोष्ठी में उत्तर प्रदेश के विभिन्न अंचलों से आए लगभग 300 स्वतंत्रता सेनानी परिजनों ने परस्पर एक दूसरे से परिचय किया और साथ ही राज्य में क्रियाशील लगभग 80 सेनानी संगठनों को मिलाकर एक महामंच बनाने का निर्णय लिया। यह संकल्प लिया गया कि सदैव भारतवर्ष की दिशा व दशा तय करने वाला उत्तर प्रदेश अपने क्रियाकलापों और यहां की सुवास का प्रसार समूचे देश में करेगा। धीरे-धीरे देश भर के सभी सेनानी संगठनों का एक महासंगठन राष्ट्रीय स्तर पर तैयार होगा।

मुख्य वक्ता विचार व्यक्त करते हुए स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के अंशज-वंशज अपनी गौरव गरिमा को पहचानें तथा एकजुटता का परिचय दें। उन्होंने कहा कि देश भर में ४ करोड़ से ज्यादा परिजनों का यह एक वृहद परिवार है। श्री रघुवंशी ने कहा कि सेनानियों की पत्नियों, बच्चों और पारिवारिक सदस्यों की भूमिका बड़ी महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने परिवार के मुखिया की अनुपस्थिति में असीम कष्ट सहे हैं। तब आज हम सब आजाद भारत में खुली सांस ले रहे हैं। उन्होंने समाज और सरकार से आग्रह किया कि त्यागियों-तपस्वियों के इस विशाल परिवार की कद्र करें और उनके स्वावलंबन, शिक्षा व स्वास्थ्य आदि की जरूरी व्यवस्थाएं जुटाएं। श्री रघुवंशी ने बताया कि प्रतिमाह प्रथम रविवार 10 बजे 10 मिनट पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को श्रद्धांजलि प्रदान करने का कार्यक्रम लगभग दो दर्जन प्रान्तों में सफलतापूर्वक विस्तार ले चुका है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की सभी जनपदीप इकाइयों से आग्रह किया कि इस परंपरा का नियमित रूप से निर्वहन करें। इससे राज्य से गांव तक का संगठन शनै: शनैः खड़ा होता चला जाएगा।

वरिष्ठ स्वाधीनता संग्राम सेनानी राम विचार पाण्डेय, आनन्द सिंह बिष्ट एवं मां प्रेमशीला पाण्डेय ने जब आजादी की लड़ाई के दौर के अपने अनुभव सुनाए, तब सेनानियों की दूसरी व तीसरी पीढ़ी के सदस्यों की आंखें नम हो उठीं। उन्होंने नई पीढ़ी के सदस्यों का आह्वान किया कि वे हम लोगों द्वारा दिलाई गई आजादी को बरकरार रखें और उसे अक्षुण्ण बनाए रखें तथा देश को हर दृष्टि से मजबूत बनाएं। सेनानी संगोष्ठी में उत्तर प्रदेश के सभी 18 मंडलों के विभिन्न जनपदों से आए सेनानी परिजनों ने प्रतिभाग किया।

सभा में केंद्रीय कोर कमेटी के सदस्यों राजेश पाण्डेय, ओम प्रकाश पाठक, रमेश कुमार मिश्र, अजय कुमार सिंह एवं राम महेश मिश्र के अलावा मोईन अहमद किदवई (बाराबंकी), के.पी.सिंह (मेरठ), सत्य प्रकाश द्विवेदी (बांदा), गिरजा शंकर राय (झांसी), शिव सहाय त्रिपाठी (अंबेडकरनगर), अनुभव शुक्ल (उन्नाव), श्रवण कुमार शर्मा (बाराबंकी), हिमांशु सक्सेना (कन्नौज), आनन्द प्रकाश नारायण (चंदौली), मुन्नालाल कश्यप (मैनपुरी), इशरत उल्लाह खान (मुरादाबाद), प्रताप सिंह बुंदेला (बुंदेलखंड), सुरेश चंद्र बबेले (झांसी), कालिंदी पाल (देवरिया), महंत प्रजापति (गोरखपुर), मुनींद्रनाथ दत्ता (इटावा), रमेश चंद्र सविता (कानपुर देहात), भानु प्रताप द्विवेदी (बहराइच), चंद्रभान यादव (अमेठी), सुभाष चौहान (बिजनौर), अनिल त्रिपाठी (कानपुर), गंगासागर (बलिया), एडवोकेट शैलेंद्र शुक्ल (उन्नाव), प्रोफेसर वीरेंद्र प्रताप सिंह (चंदौली), राजेश सिंह (अमेठी), संजीव चौरसिया (ललितपुर), डॉ. कौशल तिवारी (हमीरपुर), विजय प्रकाश पांडेय (कुशीनगर), राम प्रताप सिंह (फतेहपुर), अशोक दीक्षित (कानपुर), विकास पुरवार (खीरी), माधव राज सिंह (गोंडा), विनोद कुमार आर्य (देवी पाटन) एवं आदित्य भानु सिंह (बहराइच) ने अपने विचार व्यक्त किये। इसके पूर्व स्वाधीनता संग्राम सेनानी परिजनों द्वारा राष्ट्रध्वज फहराया गया, जिसका नेतृत्व वरिष्ठ स्वतंत्रता सेनानी राम विचार पांडेय और आनन्द सिंह बिष्ट ने किया। सभा का समापन समवेत स्वर में राष्ट्रगान के साथ हुआ। सभा का संचालन एडवोकेट हाईकोर्ट राजेश पाण्डेय तथा भाग्योदय फाउंडेशन के अध्यक्ष आचार्य राम महेश मिश्र ने किया।

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