नई दिल्ली। पेशेवर सफर के शुरुआती दौर में सही मार्गदर्शन से अपने लक्ष्य प्राप्ति में काफी सहजता हो जाती है। डोला रे डोला…, जादू है नशा है.. और चिकनी चमेली… जैसे कई सुपरहिट गानों की गायिका श्रेया घोषाल हिंदी सिनेमा और संगीत की दुनिया में पिछले दो दशकों से ज्यादा समय से सक्रिय हैं। अपने इतने लंबे सफर का श्रेय वह अपने वरिष्ठ, समकालीन और युवा कलाकारों को सुनने और उनसे नई चीजें सीखते रहने को देती हैं।
आगे बोलीं कि पेशेवर सफर में यह जरूरी होता है कि अपना दिमाग और कान दोनों खुला रखें और देखें कि आप कहां बेहतर कर सकते हैं। अगर कभी भी मन में यह भावना आती है कि मैंने तो सब सीख लिया, इसके आगे और क्या सीखूंगी, तो वहीं पेशेवर सफर खत्म हो जाता है।
हालांकि ऐसा भी नहीं कि हर किसी के सुझाव सुनना है। ऐसे व्यक्ति का सुझाव जरूरी होता है, जिसे उस विषय या कला की अच्छी समझ हो, कुछ बड़ी उपलब्धियां अर्जित की हो।’ श्रेया फिलहाल फिल्मी गानों के साथ-साथ इंडिपेंडेंट गाने भी खूब गा रही हैं।