सीनियर कंसलटेंट अमरेन्द्र कुमार को सिर्फ दो दिन के लिये ओपीडी में क्यों बिठाया जाता है ?
जब एक डेंटिस्ट हैं तो दूसरे को क्यों बुलाकर 70 हजार रुपये का चूना लगाया जा रहा है ?
सीएम संगीता सागर के बोल: मुझे आये जुम्मा-जुम्मा हुआ है…
संजय पुरबिया
लखनऊ। रेल मंत्रालय ने उत्तर रेलवे के ‘इंडोर हॉस्पिटल’ में मरीजों की बेहतरी के लिये अत्याधुनिक उपकरणों को लगा रखा है लेकिन क्या रेल कर्मचारियों के परिजनों को सभी सुविधाएं मिल रही है ? क्या यहां तैनात सभी स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स अपने कमरे में बैठकर मरीजों को देख रहे हैं ? इसका जवाब जब जानने संवाददाता इंडोर हॉस्पिटल पहुंचा तो छह में से पांच स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स अपने चैम्बर में नहीं मिले। बताया जाता है कि चेस्ट स्पेशलिस्ट,आर्थो स्पेशलिस्ट,चाईल्ड एक्सपर्ट,आई सर्जन, यूरोलॉजिस्ट सर्जन, रेडियोलॉजिस्ट एवं सीनियर कंसंल्टेंट अपने चैम्बर में कम 32 नंबर कमरे में बैठ रहे हैं। बताया जाता है कि रोटेशन से इन स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की यहां पर डयूटी लगायी जा रही है जबकि सीनियर कंसंल्टेंट (एच) को ओपीडी में बिठाना चाहिये। ऐसा नहीं कि इन स्पेशलिस्ट डॅाक्टर को वहां बैठकर गुफ्तगु करने में मजा आता है बल्कि सीएमएस के आदेश पर जबरियन ओपीडी में बिठाया जा रहा है। कायदे से ओपीडी में जनरल फिजीशियन को ही बिठाना चाहिये। इससे जहां मरीजों को डॉक्टर समय पर नहीं मिल पातें वहीं उक्त चिकित्सकों को भी असुविधा हो रही है। चौंकाने वाली बात तो ये है कि डेंटल सीट एक है और डॉक्टर दो…। आखिर दूसरे डेंटिस्ट पूजा अग्रवाल को टेंपरेरी क्यों तैनात किया गया ? हां सीएमएस संगीता सागर अपने चैम्बर में जरुर मिलीं। जब सीएमएस से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी में नहीं है और जहां तक मैं जानती हूं सभी सीनियर डॉक्टर्स अपने चैम्बर में ही बैठ रहे हैं लेकिन ऐसा नहीं है तो देखूंगी। अभी तो मुझे यहां पर आये जुम्मा-जुम्मा ही हुआ है।
उत्तर रेलवे में इंडोर हॉस्पिटल में प्रतिदिन लगभग दो से ढाई सौ मरीज आते हैं। रेलवे के अत्याधुनिक अस्पतालों में इसकी गिनती होती है लेकिन सुविधाओं की कमी की वजह से धीरे-धीरे रेल कर्मचारियों का परिवार इलाज के लिये निजी अस्पतालों की ओर भाग रहा है। ऐसा नहीं कि यहां पर दवाओं की कमी है, लेकिन उसे वीवीआईपी,वीआईपी मरीजों को देखकर ही दिया जाता है। मरीजों ने बताया कि इंडोर हॉस्पिटल में स्पेशलिस्ट डॉक्टर को ढूंढो तो मिलते नहीं। पता चलता है ओपीडी में बैठे हैं जिसकी वजह सेकई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां पर 6 स्पेशलिस्ट डॉक्टर क्रमश: डॉ. संजीव-एसीएमएस,चेस्ट स्पेशलिस्ट,डॉ. उर्मी सरकार-एसीएमएस,चाईल्ड स्पेशलिस्ट,डॉ. ए.के.यादव-डीएमओ,आर्थों स्पेशलिस्ट,सिरांगी शुक्ला-एडीएमओ,आई स्पेशलिस्ट,सर्जिल कांडपाल,एडीएमओ, यूरोलॉजिस्ट स्पेशलिस्ट,रत्नेश शर्मा-डीएमओ,रेडियोलॉजिस्ट स्पेशलिस्ट हैं।
बताया जाता है कि सीएमएस ने उक्त सभी डॉक्टर की डयूटी रोटेशन ओपीडी में डयूटी लगा रही हैं,जिसकी वजह से ये लोग उस दिन अपने चैम्बर में नहीं बैैठते। चर्चा है कि यहां पर सीनियर कंसंल्टेंट,एच अमरेन्द्र कुमार को बिठाया गया है लेकिन वे सिर्फ दो दिन ही ओपीडी में बैठते हैं और अन्य दिनों में गायब रहते हैं। इसी तरह,डेंटिस्ट एक्सपर्ट डॉ. ए.के. शुक्ला-एसीएमएस,डेंटल तैनात हैं उसके बावजूद पिछले एक वर्ष से सीएमडी डेंटल के पोस्ट पर टेंपरेरी पूजा अग्रवाल को तैनात किया गया है। बताया जाता है कि पूजा अग्रवाल को आखिर किस काम के लिये 70 हजार की सैलरी दी जा रही है? वैसे भी जब मरीजों के दांत का इलाज करने के लिये एक ही कुर्सी है तो फिर दो डॉक्टर रखने की क्या जरुरत आन पड़ी है। खैर,ये तो सीएमएस जानें लेकिन यही हाल रखा तो रेलवे के लोकप्रिय चिकित्सालय इंडोर हॉस्पिटल की साख खराब होती चली जायेगी।