होमगार्ड विभाग : डीआईजी संतोष सुचारी ने बलरामपुर प्रकरण में जांच मंडलीय कमांडेंट आर.के.वर्मा को सौंपी
डीआईजी संतोष सुचारी की सख्ती : अयोध्या प्रसाद ओझा हुआ सस्पेंड़,जांच मिली मंडलीय कमांडेंट आर.के.वर्मा को
हमलोग विभागीय मंत्री और डी.जी. की नीतियों का सख्ती से करते हैं पालन : डीआईजी
संजय पुरबिया
लखनऊ। बलरामपुर में 9 जनवरी को होमगार्ड लालता प्रसाद से ड्यूटी परेड खत्म करवाने के एवज में 15 हजार रुपये घूस लेते पकड़े गये बीओ अयोध्या प्रसाद ओझा को 24 घंटे जेल में रहने की वजह से डीआईजी,पूर्वांचल परिक्षेत्र प्रयागराज डीआईजी संतोष सुचारी ने निलंबित कर दिया है। मामले को गंभीरता से लेते हुये श्री सुचारी ने 6 मार्च को मंडलीय कमांडेंट आर.के.वर्मा को विभागीय जांच करने की जिम्मेदारी सौंप दी है। आर.के वर्मा 15 दिनों में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेंगे,उस आधार पर ओझा जी के खिलाफ आगे कार्रवाई होगी। दूसरी तरफ ओझा जी के बयान को यदि आधार मानें तो वो गोण्डा के कमांडेंट चंदन सिंह के कहने पर वसूली के रकम की पहली किश्त लेने गया था। मुख्यालय ने कमांडेंट चंदन सिंह के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई के लिये हफ्तों पहले शासन में रिपोर्ट भेजी लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी।
बता दें कि बलरामपुर का अतिरिक्त चार्ज गोण्डा के कमांडेंट चंदन सिंह के पास था। कमांडेंट के कहने पर बीओ अयोध्या प्रसाद ओझा ने होमगार्ड लालता प्रसाद को वसूली की पहली रकम 15000 लेने गया जिसे एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया। जेल में 48 घंटे रहने पर पूर्वांचल परिक्षेत्र,प्रयागराज के डीआईजी संतोष सुचारी ने 13 फरवरी को निलंबित कर दिया। डीआईजी संतोष सुचारी ने बताया कि उ.प्र. सरकारी सेवक अनुशासन एवं अपील नियमावली 1999 अंतर्गत बीओ अयोध्या प्रसाद ओझा के खिलाफ अनुशासनात्मक,विभागीय कार्यवाही संस्$तुत करते हुये मंडलीय कमांडेंट,आजमगढ़ मंडल आर.के.वर्मा को जांच सौंप दी है। उन्होंने बताया कि श्री वर्मा की जांच रिपोर्ट के आधार पर ही निलंबित बीओ अयोध्या प्रसाद ओझा के खिलाफ कार्रवाई तय की जायेगी।
एक सवाल के जवाब में श्री सुचारी ने कहा कि जांच पूरी तरह से निष्पक्ष ही होगी,इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती जायेगी। हमलोगों की प्राथमिकता है कि विभागीय मंत्री व डी.जी. के निर्देशों को सख्ती से पालन करें।