होमगार्ड विभाग : पुलिस की कुर्सी पर कैसे बैठे हैं होमगार्ड के मंडलीय कमांडेंट विनय मिश्र ?

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विनय मिश्र और संजीव शुक्ला ने मंत्री धर्मवीर प्रजापति को नियम विरुद्ध तैनाती बताकर किया गुमराह सवाल : यदि अजय पाण्डेय नियम विरुद्ध तैनात थे तो विनय मिश्रा की तैनाती सही है ? संजीव शुक्ला पूर्व में सीटीआई,लखनऊ में डीआईजी थे,उनके कारनामें ना खुले इसलिये अजय पाण्डेय को …
     संजय पुरबिया लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार में सरकारी नियमावली को किस तरह से अपनी मर्जी बनाकर पेश किया जा रहा है इसकी बानगी देखना है तो होमगार्ड विभाग मुख्यालय में झांकना होगा…।
तस्वीर 1– मुख्यालय पर तैनात एसओटूसीजी का पद पुलिस विभाग का है। इस पर पुलिस विभाग के ही एस.पी.रैंक के अधिकारी की तैनाती होनी चाहिये लेकिन यहां तैनात हैं होमगार्ड विभाग के मंडलीय कमांडेंट विनय मिश्रा…। किस नियमावली के तहत मिश्रा जी यहां तैनात हैं,शायद इसका जवाब शासन के पास भी नहीं होगा ? चौंकाने वाली बात यह है कि विनय मिश्रा इससे पूर्व भी लखनऊ में कमांडेंट व मुख्यालय पर एसएसओ के पद पर तैनात रहे हैं। क्या मान लिया जाये कि विभाग में यही इकलौते काबिल अधिकारी हैं और बाकी नकारा हैं ? तस्वीर 2- 28 जून को मंडलीय कमांडेंट अजय कुमार पाण्डेय का ट्रांसफर मुख्यालय स्थित सीटीआई पर हुआ और 29 जून को इस आदेश को रद्द कर डीटीसी पर कर दिया गया। विनय मिश्रा और डीआईजी-आगरा संजीव शुक्ला मिलकर मंत्री धर्मवीर प्रजापति को गुमराह कर अजय पाण्डेय को सीटीआई से हटाने में कामयाब रहें। मिश्रा जी और शुक्ला जी ने मंत्री को तर्क दिया कि नियमावली के विरुद्ध अजय पाण्डेय की तैनाती की जा रही है ? ‘द संडे व्यूज़’ का सवाल है कि जब अजय कुमार पाण्डेय मंडलीय कमांडेंट पद पर सबसे सीनियर हैं,फिर इनकी सीटीआई पर तैनाती कहां से नियम विरुद्ध हुयी ? नियम के विपरित तो विनय मिश्रा तैनात हैं ? आखिर वे किस अधिकार से एसओटूसीजी के पद पर तैनात हैं ? दोषी तो शासन के वे अफसरान हैं,जिन्होंने पुलिस अधिकारी के इस कुर्सी पर विनय मिश्रा को बिठाया है ? अब आप समझ गये होंगे कि होमगार्ड विभाग में नियमावली का राग अलाप कर अंधेरगर्दी मचायी जा रही है लेकिन शासन के अफसर कंबल ओढ़कर घी पी रहे हैं। अब आपको बता दूं कि मिश्रा जी और शुक्ला जी ने होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति को गुमराह करने का अपराध क्यों किया…।
28 जून 2024 को मंडलीय कमांडेंट अजय पाण्डेय का ट्रांसफर मुख्यालय स्थित सीटीआई (केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान) पर हुयी तो मुख्यालय पर तैनात आगरा के डीआईजी संजीव शुक्ला के हाथ-पांव फूल गये। शुक्ला जी इसलिये बेचैन हो गये कि यदि अजय पाण्डेय यहां रहें तो पूर्व में उनके द्वारा किये गये भ्रष्टïाचार की परत -दर- परत खुल जायेगी। मुख्यालय पर तैनात भरोसेमंद अफसरों ने बताया कि जब डीजी,होमगार्ड सूर्य कुमार शुक्ला थे, उस दौरान संजीव शुक्ला ने ही विभाग को चलाया था। शुक्ला जी सीटीआई (केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान) पर तैनात थें और नियमों की खूब धज्जियां उड़ाई और खूब कमाई की। अब क्या और कितनी कमाई की इसका ‘द संडे व्यूज़’ पुष्टि नहीं करता लेकिन आगे नियमों को तोड़कर किये गये कार्यों के दस्तावेज मिलेंगे तो जरुर प्रकाशित किया जायेगा…। बस, शुक्ला जी किसी तरह अजय पाण्डेय को हटाने में लग गये। उन्होंने विनय मिश्रा को मिलाया और दोनों ने मिलकर ‘मिशन पाण्डेय ट्रांसफर’ फेल करने की योजना बना डाली। दोनों पहुंचे मंत्री के यहां और पाण्डेय जी के ट्रांसफर पर ही सवाल उठा दिया। अधिकारियों ने बताया कि मिश्रा जी और शुक्ला जी ने मंत्री जी को बताया कि अजय पाण्डेय का ट्रांसफर सीटीआई पर नियमावली के खिलाफ किया गया है। मंत्री जी दोनों की चालाकी से वाकिफ नहीं थे, उन्होंने सोचा कि दो सीनियर अफसर बता रहे हैं तो बात में दम होगा और उन्होंने आनन-फानन में एसीएस अनिल कुमार को फोन कर अजय पाण्डेय का ट्रांसफर सीटीआई से रद्द कर डीटीसी मंडलीय ट्रेनिंग सेंटर करने का फरमान जारी कर दिया। अब मंत्री जी का आदेश था तो 29 जून को ही अजय पाण्डेय का ट्रांसफर सीटीआई से डीटीसी कर दिया गया। चलिये मान लेते हैं कि संजीव शुक्ला और विनय मिश्रा ने अपने ही मंत्री को गुमराह करने में कामयाब रहें लेकिन ये तो शासन को सोचना चाहिये कि विनय मिश्रा भी तो नियम विरु द्ध मुख्यालय पर तैनात हैं ? राजपत्रित नियमावली के खिलाफ विनय मिश्र की तैनाती स्टाफ आफिसर टू कमांडेंट जनरल के पद पर की गयी है,जबकि यह पद होमगार्ड राजपत्रित नियमावली में कहीं नहीं है। फिर इन्हें क्यों नहीं हटाया जा रहा है। हम तो यही कहेंगे सरकार चाहें तो कुछ भी कर सकती है लेकिन जब बात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक पहुंचेगी तब…। अगले अंक में…एक आईजी बिन आदेश संभाल रहें कई पद…      

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