संतों का जगह-जगह लोगों ने स्वागत सत्कार किया, जहां से यात्रा निकलती लोग हाथ जोड़कर दर्शन पाते और संतों पर फूलों की वर्षा करते रहे। इलाहाबाद डिग्री कालेज के पास महापौर गणेश केसरवानी ने संतों की आरती की और नगर में उनका स्वागत किया।मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी, पूर्व पार्षद विजय वैश्य, मुकेश कसेरा, अभिलाश दुबे, पार्षद रुद्रसेन जायसवाल आदि मौजूद रहहे। रास्ते भर संतों ने लोगों को आशीर्वाद दिया और सभी को महाकुंभ में आने का न्यौता दिया। इस यात्रा के दौरान मेलाधिकारी डा. विवेक चतुर्वेदी और अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
जूना अखाड़ा का झूंसी पुल से नगर प्रवेश करीब पांच बजे हुआ। ढोल नगाड़े और लाउडस्पीकर से बज रहे भजन, घोड़ों पर सवार संन्यासियों का आभा मंडल चहुंओर फैलता रहा। बैरहना चौराहा की ओर से जूना अखाड़ा की यात्रा एडीसी होते हुए मौज गिरि मंदिर पहुंची।
मंदिर के द्वार पर यात्रा के आगे-आगे चल रहे श्रीमहंत हरि गिरि समेत अन्य संतों की आरती हुई। गगन भेदी जयकारे लगे, मां कालिंदी की भव्य पूजा, महाआरती करते हुए अखाड़े के सभी संत संन्यासियों ने परिसर में प्रवेश किया।श्री महंत हरि गिरि ने कहाकि महाकुंभ 2025, की प्रदेश सरकार की ओर से ठोस तैयारियों हो रही हैं। अखाड़े के सभी संत अब यहीं प्रयागराज स्थित मौज गिरि मंदिर में रहकर जप-जप उपासना करेंगे। महाकुंभ और दिव्य और भव्य बनाने में संत कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। मेला प्राधिकरण से मिलने वाली भूमि पर अखाड़ा स्थापित होगा। तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही हैं।
सनातन धर्म का प्रचार प्रसार हो, इसका वैभव पूरी दुनिया को आलोकित करे, संत परंपरा का पूरी तरह से निर्वहन हो, जूना अखाड़े के संरक्षण में महाकुंभ सकुशल संपन्न हो इसकी कामना की जाएगी। यह भी कहा कि मेले में आने वाले देश दुनिया के करोड़ों लोगों तक धर्म का संचार हो, जूना अखाड़ा इसकी भी जिम्मेदारी निभाएगा।
जूना अखाड़े के नगर प्रवेश के दौरान युवाओं में काफी उत्साह रहा। यात्रा में कई बाबा चश्मा लगाए चल रहे थे। इनके साथ सेल्फी लेने को युवा उतावले रहे। संन्यासियों ने भी निराश नहीं किया। पूरी आत्मीयता से फोटो खिंचवाई।