जूना अखाड़े का नगर प्रवेश, संगम नगरी में हुआ जोरदार स्‍वागत

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प्रयागराज। महाकुंभ में सनातन धर्म ध्वजा लहराने को संन्यासियों के सबसे बड़े जूना अखाड़े का नगर प्रवेश रविवार को पूरे वैभव से हुआ। सजधज, राजसी ठाठ, ध्वज पताका और जयकारों के बीच संतों का समूह हनुमानगंज के रामापुर पटेल नगर स्थित रोकड़िया हनुमान मंदिर से कालिंदी (यमुना नदी) के तट पर स्थित मौज गिरि मंदिर पहुंचने के लिए रवाना हुआ।
संपूर्ण यात्रा की अध्यक्षता जूना अखाड़ा के संरक्षक और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने की। अखाड़े के सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि, काशी सुमेरु पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती और अन्य संन्यासी इसमें प्रमुख रूप से शामिल हुए।संत संन्यासियों के नगर प्रवेश का स्वरूप ही नागरिकों का ध्यान अपनी ओर खींचता रहा। जटाओं से लेकर गले और दोनों बांह तक रूद्राक्ष, मस्तक से लेकर पूरे शरीर पर भभूत, तिलक, चंदन, काजल से चमकती आंखें, हाथों में त्रिशूल, भाला, तलवार और दंड, कान में कुंडल, कलाई में कड़े और चौड़े ललाट यह बताते हुए कि सनातन को छत्रछाया देने वालों का डेरा तीर्थराज प्रयाग में जम गया है।
जूना अखाड़े का यह नगर प्रवेश तो था ही, मानो जन-जन में आस्था का अनूठा प्रवाह भी था। रथ पर अखाड़े के संरक्षक श्रीमहंत हरि गिरि, रमता पंच, काशी सुमेरु पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती, महामंडलेश्वर स्वामी कपिल पुरी, अखाड़े के अध्यक्ष प्रेम गिरि, श्रीमहंत मोहन भारती, महेश पुरी, शैलेंद्र गिरि, अष्ट कौशल महेंद्र, शिवानंद सरस्वती, थानापति धर्मेंद्र गिरि, किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि, टीना मां, जगदगुरु महेंद्रानंद गिरि आदि रथों पर सवार रहे।

संतों का जगह-जगह लोगों ने स्वागत सत्कार किया, जहां से यात्रा निकलती लोग हाथ जोड़कर दर्शन पाते और संतों पर फूलों की वर्षा करते रहे। इलाहाबाद डिग्री कालेज के पास महापौर गणेश केसरवानी ने संतों की आरती की और नगर में उनका स्वागत किया।मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी, पूर्व पार्षद विजय वैश्य, मुकेश कसेरा, अभिलाश दुबे, पार्षद रुद्रसेन जायसवाल आदि मौजूद रहहे। रास्ते भर संतों ने लोगों को आशीर्वाद दिया और सभी को महाकुंभ में आने का न्यौता दिया। इस यात्रा के दौरान मेलाधिकारी डा. विवेक चतुर्वेदी और अन्य प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

जूना अखाड़ा का झूंसी पुल से नगर प्रवेश करीब पांच बजे हुआ। ढोल नगाड़े और लाउडस्पीकर से बज रहे भजन, घोड़ों पर सवार संन्यासियों का आभा मंडल चहुंओर फैलता रहा। बैरहना चौराहा की ओर से जूना अखाड़ा की यात्रा एडीसी होते हुए मौज गिरि मंदिर पहुंची।

मंदिर के द्वार पर यात्रा के आगे-आगे चल रहे श्रीमहंत हरि गिरि समेत अन्य संतों की आरती हुई। गगन भेदी जयकारे लगे, मां कालिंदी की भव्य पूजा, महाआरती करते हुए अखाड़े के सभी संत संन्यासियों ने परिसर में प्रवेश किया।श्री महंत हरि गिरि ने कहाकि महाकुंभ 2025, की प्रदेश सरकार की ओर से ठोस तैयारियों हो रही हैं। अखाड़े के सभी संत अब यहीं प्रयागराज स्थित मौज गिरि मंदिर में रहकर जप-जप उपासना करेंगे। महाकुंभ और दिव्य और भव्य बनाने में संत कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। मेला प्राधिकरण से मिलने वाली भूमि पर अखाड़ा स्थापित होगा। तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही हैं।

सनातन धर्म का प्रचार प्रसार हो, इसका वैभव पूरी दुनिया को आलोकित करे, संत परंपरा का पूरी तरह से निर्वहन हो, जूना अखाड़े के संरक्षण में महाकुंभ सकुशल संपन्न हो इसकी कामना की जाएगी। यह भी कहा कि मेले में आने वाले देश दुनिया के करोड़ों लोगों तक धर्म का संचार हो, जूना अखाड़ा इसकी भी जिम्मेदारी निभाएगा।

जूना अखाड़े के नगर प्रवेश के दौरान युवाओं में काफी उत्साह रहा। यात्रा में कई बाबा चश्मा लगाए चल रहे थे। इनके साथ सेल्फी लेने को युवा उतावले रहे। संन्यासियों ने भी निराश नहीं किया। पूरी आत्मीयता से फोटो खिंचवाई।

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