देश के संसदीय इतिहास में ऐसा शायद ही हुआ होगा जब लोकसभा में गांधी परिवार का कम से कम एक सदस्य न पहुंचा हो। ऐसे भी मौके आए हैं जब गांधी-नेहरू परिवार से जुड़े 5-5 सदस्य लोकसभा में एक साथ पहुंचे। मौजूदा लोकसभा में राहुल गांधी के बाद उनकी बहन प्रियंका भी संसद पहुंच गईं। राहुल और प्रियंका की मां सोनिया गांधी लंबे समय तक लोकसभा सांसद रही हैं।
कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी ने हाल ही में वायनाड लोकसभा उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल की है। राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ने के बाद उनकी बहन प्रियंका गांधी यहां चुनावी मैदान में उतरी थीं। करीब साढ़े तीन दशक का खुद का राजनीतिक अनुभव बताने वाली प्रियंका पहली बार चुनावी राजनीति में दाखिल हुईं और वायनाड से उपचुनाव लड़ा।
प्रियंका गांधी ने सक्रिय राजनीति में काफी देरी से कदम रखा। इससे पहले वो केवल अपनी मां और भाई के लिए चुनाव प्रचार करती हुई नजर आती थीं। 2004 के लोकसभा चुनाव में वह अपनी मां सोनिया गांधी की चुनाव अभियान प्रबंधक थीं और अपने भाई राहुल गांधी के चुनाव प्रबंधन में मदद की।
वायनाड सीट पर हुए उपचुनाव में प्रियंका ने 410931 लाख वोट से जीत हासिल की। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को 622338 वोट मिले थे। यहां दूसरे नंबर पर माकपा के सत्यन मोकेरी रहे, जिन्हें 211407 वोट मिले। वहीं तीसरे स्थान पर भाजपा की नाव्या हरिदास रहीं, जिन्हें 109939 वोट मिले हैं