अवकाश के लिए अब ऑनलाइन ही करना होगा आवेदन
आवास के लिए बुजुर्गों को 30 हजार रुपये अतिरिक्त देगी राज्य सरकार
ब्यूरो, लखनऊ। राज्यकर्मियों को अब अवकाश लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन ही करना होगा। यह आवेदन मानव संपदा पोर्टल से होगा। एक फरवरी से यह व्यवस्था कड़ाई से लागू होने जा रही है। शीघ्र ही मुख्य सचिव के स्तर से इसका आदेश जारी होने की उम्मीद है। साथ ही सेवा संबंधी सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन पूरी करना अनिवार्य होगा।
इससे
पहले भी सरकार कई बार राज्य कर्मियों को मानव संपदा पोर्टल के जरिए ही छुट्टी के लिए आवेदन करने के निर्देश दे चुकी है। इसमें बाल्य देखभाल अवकाश भी शामिल है। तबादला होने पर नई जगह पदभार ग्रहण करने व पुरानी जगह से पदभार छोड़ने की प्रक्रिया भी ऑनलाइन पूरी करने के लिए कहा गया है। सेवा पुस्तिका भी ऑनलाइन करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद कई विभागों के कर्मचारी इन निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे में सरकार ने अवकाश की ऑफलाइन व्यवस्था खत्म करने जा रही है। यानी अब कर्मियों को अवकाश के लिए ऑनलाइन आवेदन ही करना होगा। आदेश न मानने पर दंड की भी व्यवस्था की जाएगी।

प्रयागराज महाकुंभ में 22 जनवरी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की बैठक से पहले 22 प्रस्तावों को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन स्वीकृति दी गई है, लेकिन उनके बारे में सरकार ने कोई जानकारी नहीं दी है। माना जा रहा है कि पारित प्रस्तावों में से अहम निर्णयों के बारे में महाकुंभ में होने वाली कैबिनेट की बैठक के बाद जानकारी दी जाएगी।कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए स्वीकृत किए गए प्रस्तावों में महत्वपूर्ण प्रस्ताव प्रधानमंत्री आवास योजना-2 शहरी से जुड़ा है। इस योजना के तहत 12 माह के भीतर मकान बनाने वालों को 10 हजार रुपये पुरस्कार के रूप में अलग से दिया जाएगा। चयनित पात्रों को अभी मकान बनाने के लिए अनुदान के रूप में 2.50 लाख रुपये देने की व्यवस्था है। अब प्रदेश सरकार बुजुर्गों, विधवा व परित्यक्त महिलाओं को अतिरिक्त राशि देकर उनकी सहायता करेगी। यह मकान पांच साल तक न तो बेचे जा सकेंगे और न ही दूसरे के नाम पर हस्तांतरित होंगे।