तकनीकी कमियां से जिंदा जल कर मौत : बस में इमरजेंसी गेट पर थी सुकून से सोने वाली सीट, भाग नहीं सके यात्री, देखें रिपोर्ट

0
112
लखनऊ।मोहनलालगंज में किसान पथ पर स्लीपर बस (यूपी 17 एटी 6372) में आग की घटना के बाद आरटीओ प्रवर्तन संदीप कुमार पंकज मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटना की प्रारंभिक पड़ताल करते हुए उच्चाधिकारियों को सूचित किया। इसके बाद परिवहन आयुक्त बीएन सिंह के निर्देश पर मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर (एमवीआई) विष्णु कुमार ने बस की तकनीकी जांच की। उन्होंने रिपोर्ट परिवहन आयुक्त को सौंपी है। सूत्र बताते हैं कि प्रारंभिक जांच में बस के कागजात तो दुरुस्त मिले, लेकिन तकनीकी स्तर पर बड़ी कमियां सामने आई हैं।

कमियां जो बनीं काल
– बस में अग्निशमन यंत्र के लिए एक भी यंत्र नहीं था। अंदर यात्री छोटे सिलिंडर लेकर यात्रा कर रहे थे जो की बड़ा जोखिम था।
– बस के इमरजेंसी गेट के रास्ते में यात्रियों के लिए सीटें लगा दी गई थीं। इसके चलते आग लगने पर गेट को खोला नहीं जा सका।

– बस के अंदर कपड़े के पर्दे लगाए गए थे। ये पर्दे भी आग फैलने का बड़ा कारण बने जिससे आग तेजी से अंदर फैलती गई।
– खर्च बचाने के लिए बस के इंटीरियर में अग्निरोधी मेटेरियल का इस्तेमाल नहीं किया गया था। सस्ते मेटेरियल ने तेजी से आग पकड़ी और बेकाबू हो गई।
– बस की बॉडी का डाइमेंशन मानकों के अनुरूप नहीं था। अंदर आने-जाने का पैसेज काफी सकरा था जिससे यात्रियों को निकलने में दिक्कत हुई।
– बसों के पहियों में सेंसर नहीं थे जो कि महंगी बसों में इस्तेमाल किए जाते हैं। इससे पहियों के तापमान पर ड्राइवर की नजर रहती है।
इन 21 बिंदुओं पर हुई बस की जांच
एसी स्लीपर बस की जांच 21 बिंदुओं पर की गई। इसमें बस की लंबाई, चौड़ाई, प्रवेशद्वार की ऊंचाई व चौड़ाई, खिड़की का आकार, स्लीपर बर्थ की डिजाइन, ऊपरी व निचली बर्थ के बीच की दूरी, हेडरूम, गैंग वे, सीट विन्यास, सर्विस द्वार, अग्निशमन यंत्र, विंड स्क्रीन, इमरजेंसी गेट के बिंदुओं को जांचा गया है।
पूरे थे परमिट, फिटनेस, प्रदूषण के कागज
बस बागपत में ट्रेवेल पॉइंट के नाम से पंजीकृत है। बागपत के सीनियर एआरटीओ प्रशासन ने बताया कि बस का टैक्स 31 मई 2025 तक जमा है। पिछली बार गोरखपुर से बस की फिटनेस करवाई गई थी, जिसकी वैधता 7 अप्रैल, 2026 तक है। बस का इंश्योरेंस 13 जुलाई तक तथा प्रदूषण प्रमाणपत्र 22 मार्च 2026 तक वैध है। बस संचालन के लिए स्पेशल परमिट 10 से 16 मई तक के लिए लिया गया था। पिछले दो वर्ष में बस का चालान एक बार भी चालान नहीं हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार 46, पुलिस ने बताए 70 यात्री
बस में सवार यात्रियों की संख्या को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। परिवहन विभाग के अफसरों के मुताबिक बस 52 सीटर थी। इसमें करीब 46 यात्री सवार थे। वहीं, घटनास्थल पर पहुंचे डीसीपी दक्षिण निपुण अग्रवाल का कहना है कि बस में 70 से अधिक यात्री थे।
रास्ते में 16 आरटीओ किसी ने नहीं की जांच
16 आरटीओ पार कर गई एसी स्लीपर बस मोहनलालगंज में आग का गोला बनी बस में पांच मौतें हो गईं। खास बात यह है कि यह बस बिहार से दिल्ली के बीच 1300 किमी का सफर तय कर रही थी। इस रूट पर करीब 16 आरटीओ के क्षेत्र आते हैं। लेकिन बस में इमरजेंसी गेट बंद होने व अन्य खामियों की पड़ताल किसी ने नहीं की। बस के रास्ते में कुशीनगर, गोरखपुर, संतकबीरनगर, बस्ती, अयोध्या, बाराबंकी, लखनऊ, उन्नाव, हरदोई, कन्नौज, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, अलीगढ़, नोएडा और गाजियाबाद के आरटीओ व एआरटीओ के क्षेत्र आए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here