पुलिस बूथ में शराब पीते होमगार्डों में बड़ा खुलासा ऑडियो : पुलिस को सेटकर होमगार्ड के बेटे ने फंसाया,क्या जेसीपी मोर्डिया को नहीं दिखी सच्चाई ?

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होमगार्ड शराब कांड़ में बड़ा खुलासा (ऑडियो) मोर्डिया साहेब,ऑडियो सुनिये, होमगार्डं के बिगडैल बेटे ने पुलिस को मिलाकर रचा शराब पीलाने का घटिया षडय़ंत्र

संजय पुरबिया

लखनऊ। द संडेे व्यूज़ के पास एक ऑडियो है,जिसमें कंपनी नंबर एक में तैनात होमगार्ड कामता प्रसाद यादव ने स्वीकार किया कि पांचों होमगार्डों को फंसाने के लिये उसके बिगडैल बेटे देवांश यादव ने पुलिस के साथ कुचक्र रचा था। देवांश को कभी वाहन चेकिंग के दौरान चौराहे पर तैनात होमगार्ड अभिषेक त्रिपाठी ने रोका था। दोनों में कहासुनी हुयी और देवांश ने अभिषेक को फंसाने का मन बना लिया। बताया यह भी जाता है कि मडिय़ांव निवासी होमगार्ड कामता प्रसाद यादव और कंपनी नंबर 37 में तैनात होमगार्ड प्रवीण मिश्रा,दोनों ने मिलकर होमगार्डों को फंसाने के लिये देवांश यादव को आगे किया है। खैर,बात जो भी हो,ऑडियो सुनने के बाद विभागीय अधिकारियों को तय करना है कि पांचों होमगार्ड निर्दोष हैं या दोषी…।

डालीगंज स्थित कन्वेंशन सेंटर के पास ट्रैफिक बूथ में बैठकर पांच होमगार्ड शराब पीने वाले प्रकरण में आज द संडे व्यूज़ आपको बतायेगा कि किस तरह से होमगार्ड कामता प्रसाद यादव के बिगडैल बेटे देवांश यादव ने डालीगंज पुलिस की मिलीभगत से घटिया स्क्रिप्ट तैयार कर पांचों बेगुनाह जवानों को फंसाया दिया। शर्मनाक बात तो यह है कि अज्ञात फोन आने पर जेसीपी पीयूष मोर्डिया ने आनन-फानन में छापेमारी की और वहां मौजूद चारो होमगार्ड कोमल,अनूप,सर्वेश एवं राम निवास को किसी अपराधी की तरह घेर लिया। इतना ही नहीं,डालीगंज के जाबाज पुलिसकर्मियों ने डालीगंज चौराहे पर मुश्तैदी से डयूटी कर रहे अभिषेक त्रिपाठी को किसी बड़े अपराधी की तरह सरकारी गाड़ी में लादकर वहां ले जाया गया। शर्मनाक बात यह है कि पीयूष मोर्डिया की मौजूदगी में शराब की खाली बोतल,खाली पानी के ग्लास के साथ पांचों होमगार्डों का फोटो खिंचा गया और मेडिकल भी कराया गया। आखिर पीयूष मोर्डिया ने देखना मुनासिब नहीं समझा कि बोतल में शराब है या नहीं? क्या मोर्डिया ने पांचों जवानों का मौके पर जांच करायी की उनलोगों ने शराब पी है या नहीं? मोर्डिया साहेब आंख बंदकर अपने सिपाहियों पर इतना भरोसा करना ठीक बात नहीं है। लेकिन,क्या होमगार्ड विभाग के अधिकारियों को अपने जवानों की बातों पर भरोसा करना चाहिये या नहीं…। क्योंकि जवान बेगुनाह होते हुये भी अपने बचाव के लिये सबूत इकटठा करने में जुटे हैं। द संडे व्यूज़ के हाथ वो ऑडियो लगा है जिसमें कंपनी नंबर एक में तैनात होमगार्ड कामता प्रसाद यादव ने स्वीकार किया कि उसके बिगडै़ल बेटे देवांश यादव ने ही डालीगंज पुलिस की मिलीभगत से पंाचों होमगार्डों को फंसाया है। ऑडिया में साफ तौर पर एक बाप अपने बिगडैल बेटे की कहानी सुनाकर अपने को बचाने का भरसक प्रयास भी कर रहा है। होमगार्ड विभाग में कमांडेंट ने पांचों होमगार्डों का बयान ले लिया है। अब देखना है पांचों जवानों के साथ इनका विभाग क्या करता है।

बता दें कि 7 जनवरी को शीर्षक पीयूष मोर्डिया साहेब,आपने कहा ट्रैफिक बूथ में पांच होमगार्ड शराब पी रहे हैं,लेकिन उनकी मेडिकल रिपोर्ट तो निगेटिव आयी ! में द संडे व्यूज़ की तहकीकात में कई ऐसे सवाल उठ रहे हैं जो ये साबित कर रहा है कि पांचों जवानों को पुलिस ने एक सोची समझी रणनीति के तहत फंसाने का कुचक्र रचा,जिसमें ये फंस गये...। सवाल यह है कि आखिर पीयूष मोर्डिया के पास किसका फोन आया,जिसने बताया कि पुलिस बूथ में जवान शराब पी रहे हैं ? क्योंकि फोन करने वाले ने ये भी बताया कि वे राहगीरों से नशे में धुत्त होकर अवैध वसूली भी कर रहे हैं ? क्या किसी राहगीर ने अवैध वसूली करने की शिकायत मोर्डिया साहेब से की ? दूसरा सवाल है कि यदि पांचो होमगार्ड पुलिस बूथ में बैठकर शराब पी रहे थे तो सभी की मेडिकल रिपोर्ट निगेटिव कैसे आ गयी ? क्या ये मान लिया जाये कि बलरामपुर हॉस्पिटल में मेडिकल रिपोर्ट बनाने वाला डॉक्टर अनाड़ी है? मेडिकल रिपोर्ट के बाद जब पांचों होमगार्ड को थाने ले जाया गया तो उन्हें फार्म 34 भरवा कर छोड़ क्यों दिया गया ? आखिर पुलिस ने पांचों शराबी होमगार्डों को जेल क्यों नहीं भेजा ? मोर्डिया साहेब सवाल तो बहुतेरे हैं…। द संडे व्यूज़ जानना चाहेगा कि आपकी पुलिस ने डालीगंज चौराहे पर ड्यूटी कर रहे अभिषेक त्रिपाठी को सरकारी टाटा सूमो नंबर 4690 में लादकर उसी पुलिस बूथ में क्यों ले गयी ? आपने पुलिसकर्मियों से क्यों नहीं पूछा कि अभिषेक त्रिपाठी को क्यों पकड़ कर लाये हो ? मोर्डिया साहेब क्या आपने सीसीटीवी की फुटेज को देखने की कोशिश की कि कितने बजे पुलिस ने डालीगंज चौराहे से होमगार्ड अभिषेक त्रिपाठी को उठाया था ? आपके क्षेत्र में चोरी की वारदात होती है तो सबसे पहले आपलोग सीसीटीवी की फुटेज खंगालते हैं फिर इस मामलें में पीछे क्यों रह गये ? क्या आपने ये देखने की जहमत उठायी कि आपके जांबाज पुलिसकर्मियों ने जिस शराब के बोतल को सीलबंद किया है, उसमें शराब की बूंद भी है या नहीं ? खैर,छापेमारी जेसीपी पीयूष मोर्डिया ने की थी इसलिये मामले की गंभीरता को देखते हुये होमगार्ड विभाग के कमांडेंट अतुल सिंह ने पांचों होमगार्ड को निलंबित कर दिया है। जांच जारी है…। वहीं, षडय़ंत्र के तहत फंसाये गये जवानों ने अपने अभिभावक यानि होमगार्ड,कारागार राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति को पत्र लिखकर इंसाफ की गुहार लगायी है। दूसरी तरफ,मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने इस प्रकरण पर कहा कि वे सच का साथ देंगे…। यदि मेरे जवान दोषी हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई होगी और निर्दोष हैं तो उन्हें कुछ नहीं होगा…।

बता दें कि 5 जनवरी को डालीगंज स्थित अपने कार्यालय में जेसीपी एलओ पीयूष मोर्डिया दोपहर में कामकाज देख रहे थे। उसी दरम्यान उनके सीयूजी नंबर पर किसी को कॉल आता है कि डालीगंज स्थित कन्वेंशन सेंटर के पास शाहमीना रोड के ट्रैफिक बूथ में बैैठकर होमगार्ड शराब पी रहे हैं और नशे में धुत्त होकर राहगीरों से अवैध वसूली भी कर रहे हैं। सूचना मिलते ही जेसीपी एलओ सादे कपड़ों में निजी वाहन से बूथ के पास पहुंचे। उन्होंने गाड़़ी कुछ दूरी पर छोड़कर मास्क लगाकर बूथ तक गये। वे बूथ में पहुंचे तो वहां पर शराब की दो बोतल,गिलास व नमकीन रखी थी। होमगार्ड के पांचों जवान रामनिवास,अनूप सिंह,कोमल,अभिषेक त्रिपाठी एवं सर्वेश अवस्थी नशे में पाये गये। जेसीपी के निर्देश पर चौक पुलिस मौके पर पहुंची और पांचों होमगार्ड को हिरासत में ले लिया।मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद होमगार्ड विभाग में हड़कम्प मच गया। पीयूष मोर्डिया की रिपोर्ट पर कमांडेंट अतुल सिंह ने तत्काल प्रभाव से पांचों होमगार्ड को निलंबित कर एक सप्ताह के अंदर अपना पक्ष रखने का निर्देश जारी कर दिया है।

द संडे व्यूज़ को निलंबित जवानों ने बताया कि हमलोग बेगुनाह हैं। अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि लगभग दो माह पूर्व डालीगंज चौराहे पर वाहन चेकिंग कर रहे थे। उसी दौरान एक बाईक सवाल को बिना हेल्मेट रोका। उसने बताया कि उसके पिता पुलिस विभाग में हैं लेकिन मैंने उसका चालान कटवा दिया। उस समय उसके साथ दोनों की कहासुनी हो गयी थी। उसके बाद उसने देख लेने की धमकी दी और बात खत्म हो गयी। पूरी संभावना है कि उसी ने पुलिस वालों के साथ मिलकर हमलोगोंको फंसाया है क्योंकि गुरूवार को मैं डालीगंज में ड्यूटी पर था,उसी दौरान पुलिस की स्कॉर्ट नंबर 4690 में पुलिस वाले आये। ट्रैफिक सिपाही जमालुदद्ीन सिद्दीकी ने पुलिस वालों को बताया कि यही अभिषेक है,ये उसी ग्रुप का है…। ये भी शराब पीता है…। पुलिस वालों ने उसे गाड़ी में बिठा लिया। उस वक्त मौके पर टीएसआई संतोष कुमार भी मौजूद थे। पुलिस वालों ने मुझे डालीगंज चौराहे से 300 मीटर की दूरी पर बने ट्रैफिक बूथ पर ले गये,जहां पहले से ही सर्वेश अवस्थी,अनूप सिंह,कोमल कुमार एवं राम निवास पहले से ही बैठे थे।

उन्होंने बताया कि वहां मौजूद पुलिस वालों ने एक खाली शीशी और पानी के खाली बोतल को रखकर फोटो खिंचा और उसे सीलबंद कर हम पांचों का उस पर हस्ताक्षर करा लिया। अभिषेक ने यह भी बताया कि पुलिस वालों ने मुझे ड्यटी स्थल से जबरियन उठाकर लायी इसकी पुष्टिï टीएसआई संतोष कुमार से की जा सकती है। हमलोगों को षडय़ंत्र के तहत फंसाया गया है। इसकी लिखित शिकायत अपने विभागीय मंत्री से की है। हमलोगों को मंत्री धर्मवीर प्रजापति से इंसाफ की पूरी उम्मीद है। इस मामले पर मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि वे सच का साथ देंगे। बल्कि मंत्री ने द संडे व्यूज से सवाल दागा कि यदि मेडिकल रिपोर्ट निगेटिव है तो जवानों ने शराब नहीं पी है…। सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस द्वारा करायी गयी मेडिकल रिपोर्ट ने साबित तो कर दिया कि पांचों जवान ट्रैफिक बूथ में शराब नहीं पी रहे थे लेकिन क्या इन्हें इनका विभाग इंसाफ देगा ? 

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