लखनऊ।शीत लहरी के मौसम में हर 53वें कनपुरिया को हार्ट अटैक और ब्रेन अटैक का खतरा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस खतरे से एहतियात रखकर बचा जा सकता है। अगर कोई ब्लड प्रेशर की दवा खाता है तो बीच में न छोड़े। इसके अलावा ठंड से बचे। उन लोगों को खासतौर पर खतरा है जिन्हें कोरोना का संक्रमण हो चुका है।
![](https://www.indiaexpressnews.com/wp-content/uploads/2023/01/hart-300x170.png)
नगर में 94 हजार 628 लोग कोरोना की चपेट में आए थे। नगर की आबादी को 50 लाख मानें तो संक्रमितों के आंकड़े के मद्देनजर हर 53वें व्यक्ति के दिल की परेशानी हो सकती है। इनमें ऐसे लोग भी शामिल हैं जिन्हें कोरोना का कोई जटिल लक्षण नहीं उभरा था, लेकिन इस संक्रमण का असर शरीर में जरूर पड़ा है। शोध में यह तथ्य उजागर हुआ है। इसके अलावा बहुत से लोग हैं जिन्होंने कोरोना की जांच नहीं कराई लेकिन लक्षण उभरे थे। वे भी सतर्क रहें।
कार्डियोलॉजी में मृतावस्था में लाए गए कई रोगियों में हाई ब्लड प्रेशर की हिस्ट्री नहीं थी। उनके परिजनों का कहना था कि वह ब्लड प्रेशर या हृदय रोग से संबंधित कोई दवा भी नहीं खा रहे थे। अचानक तबियत बिगड़ी और मौत हो गई। इन लोगों को कोरोना हुआ था। लेकिन होम आइसोलेशन में ठीक हो गए। कार्डियोलॉजी के डॉ. अवधेश शर्मा की अगुवाई में हुए शोध में उन लोगों की नसों में कमी मिली थी जिनके कोरोना हुआ था। लेकिन सामान्य तौर पर उनमें कोई लक्षण नहीं था और न ही कोई तकलीफ थी।