आईएएस सुनील वर्मा के करीबी ठेकेदारों के घर-प्रतिष्ठानों पर विजिलेंस का छापा

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छह घंटे चली कार्रवाई, लोग रहे आशंकित

नंबर एक में करते हैं काम, कोई डर नहीं

औरैया। भ्रष्टाचार के मामले में औरैया के पूर्व जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा के निलंबन के बाद जिले में उनके करीबियों के तीन ठिकानों पर विजिलेंस की टीम ने मंगलवार तड़के छापा मारा। दोपहर 12 बजे तक चली कार्रवाई के दौरान टीमें अपने साथ बालू खनन के पट्टे, जमीनों के बैनामे समेत संपत्ति से जुड़े दस्तावेज जब्त कर साथ ले गई है। विजिलेंस की इस कार्रवाई की खबर से आईएएस अफसर के करीबी अधिकारियों व ठेकेदारों में दिन भर खलबली मची रही। पुलिस और विजिलेंस के अधिकारी कुछ भी कहने से बचते रहे। लखनऊ और कानपुर से आई विजिलेंस की संयुक्त टीम ने सुबह साढ़े छह बजे से जांच शुरू की।सबसे पहले टीम आईएएस सुनील कुमार वर्मा के करीबी कहे जाने वाले बालू ठेकेदार हरी नारायण उर्फ हरी तिवारी के अयाना स्थित आवास पर पहुंची। यहां पर टीम ने खनन के पट्टे से जुड़ी जानकारी ली। पांडेय एंड पांडेय ब्रदर्स फर्म, बालू घाट के पट्टे के कागजात, रजिस्ट्री, जमीनों, प्लाटों और खेत के बैनामे से संबंधित दस्तावेज जब्त किए।

साथ ही घर के हर कोने में तलाशी ली। इसके बाद टीम सुबह करीब 9:20 बजे बीझलपुर स्थित बालू घाट पहुंची। यहां पर टीम ने घाट की रॉयल्टी व अन्य कागजातों की करीब 40 मिनट तक पड़ताल की। इसके कागजात भी जब्त किए। यहां पहुंचने पर घाट के कुछ लोग मौके से भाग निकले।इसके बाद टीम करीब 10:30 बजे मुरादगंज के अयाना रोड स्थित मखलू पांडेय के पांडेय पैलेस पहुंची। यहीं पर रहने वाले उनके भाई सुरेश पांडेय उर्फ छोटे के घर की भी तलाशी ली। सूत्रों के मुताबिक यहां से टीम ने करीब 50 हजार की नकदी व कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं। विजिलेंस टीम ने हरी नारायण और मखलू पांडेय से उनके व्यवसाय, पैतृक जमीन, गाड़ियों, गहनों की भी जानकारी ली।अयाना स्थित हरी नारायण के घर में सुबह साढे़ छह बजे से कार्रवाई शुरू हुई। यह कार्रवाई मखलू पांडेय के भाई सुरेश पांडेय के घर पर दोपहर 12 बजे के करीब समाप्त हुई। छानबीन के दौरान अयाना और अजीतमल थाने के पुलिसकर्मियों को मुस्तैद देख आसपास के घरों में रहने वाले लोग आशंकित नजर आए। लखनऊ और कानपुर से आई टीम में विजिलेंस के सीओ डीपी सिंह, इंस्पेक्टर अभिमन्यु यादव, इंस्पेक्टर विनोद कुमार त्रिपाठी समेत आठ लोग शामिल थे। टीम के अधिकारियों ने मीडिया के किसी सवाल का स्पष्ट जवाब नहीं दिया। एक अधिकारी ने कहा कि अभी जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद सब कुछ बताया जाएगा।

विजिलेंस की कार्रवाई के बाद हरी नारायण ने बताया कि वह पांडेय एंड पांडेय ब्रदर्स फर्म में पार्टनर हैं। इसमें उनके साथ आशा देवी, रमन, पुष्पलता, आलोक भी पार्टनर हैं। बताया कि फर्म पर 18 वर्ष पहले आयकर का छापा पड़ा था। इसके बाद से हर काम नंबर एक में चल रहा है। वह नियमित टैक्स अदा करते हैं। उन्हें किसी भी तरह की कार्रवाई का डर नहीं है। हरी नारायण ने बताया कि टीम उनके घर से जमीनों की 20 रजिस्ट्रियां व अन्य जरूरी कागजात साथ ले गई है। इसकी उन्हें रिसीविंग भी दी है। साथ ही जरूरत पड़ने पर अन्य जानकारी मांगने व जांच में सहयोग करने की बात कह कर गई है।
पूर्व जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा पर भ्रष्टाचार को लेकर की गई निलंबन कार्रवाई के दूसरे दिन विजिलेंस टीम की कार्रवाई ने अफसरों की धड़कनें बढ़ा दीं हैं। कलक्ट्रेट और विकास भवन में अफसर अपने दफ्तरों में तो थे, लेकिन उन्हें कार्रवाई को लेकर चिंता सता रही थी। इनमें से कई ऐसे अफसर भी शामिल हैं, आईएएस सुनील वर्मा के काफी करीबी थे। कुछ अधिकारी एक-दूसरे से जानकारी करते रहे तो कुछ अपने दफ्तरों के साथ घर जाकर सामान इधर-उधर करने में जुट गए। उन्हें डर था कि कहीं टीम उनके यहां भी छापा न मार दे।कार्रवाई के दौरान कुछ मीडियाकर्मी अयाना जा पहुंचे। टीम के लोगों को जब इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने मीडिया कर्मियों को बाहर जाने के लिए कहा और कुछ के मोबाइल जमा करा लिए। हालांकि कार्रवाई के बाद जाते समय टीम के लोग मोबाइल फोन वापस दे गए।

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