‘द संडे व्यूज़’ की खबर पर होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने लगायी मुहर,गाजीपुर कमांडेंट हंसराज सरोज हुये बहाल

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गाजीपुर के निलंबित कमांडेंट हंसराज सरोज हुये बहाल

द संडे व्यूज़ की खबर पर होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने लगायी मुहर,गाजीपुर कमांडेंट हुये बहाल

   संजय पुरबिया

लखनऊ । होमगार्ड विभाग में भ्रष्टाचार की कहानियां तो खूब लिखी जाती है। द संडे व्यूज़ चाहें होमगार्ड विभाग हो या फिर अन्य सरकारी महकमा,भ्रष्टाचार के खुलासे को लेकर जाना जाता है। फिर चाहें वे सरकार के नौकरशाह हो या फिर अधिकारी…। पूर्वांचल के गाजीपुर में तैनात कमांडेंट हंसराज सरोज पर वहीं तैनात बीओ सुरेन्द्र सिंह कुशवाहा ने उसकी पत्नी पर ब्लू फिल्म के शॉट्स भेजने एवं वसूली संबंतिधत गंभीर आरोप लगाकर निलंबित करा दिया। उसके बाद हंसराज सरोज ने द संडे व्यूज़ को बीओं सुरेन्द्र कुशवाहा के खिलाफ एक फोटो भेजा। फोटो में बीओ की जेब में ड्यूटी लगवाने के लिये महिला होमगार्ड श्रीमती गुड्डी मिश्रा रुपये डाल रही है। खबर को प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया गया जिसके बाद विभागीय जांच बिठा दी गयी। जांच में दोषी पाये जाने पर जहां विभागीय अधिकारियों ने सुरेन्द्र कुशवाहा को निलंबित कर दिया वहीं उसका तबादला एटा कर दिया गया। सच्चाई जानने के बाद होमगार्ड मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति ने कमांडेंट हंसराज सरोज को बहाल कर दिया है।

बता दें कि द संडे व्यूज़ ने शीर्षक ‘गाजीपुर के घूसखोर बीओ सुरेन्द्र कुशवाहा को किया सस्पेंड,भेजा एटा’ खबर प्रकाशित किया था। खबर को गंभीरता से लेते हुये भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे बीओ सुरेन्द्र कुशवाहा को निलंबित कर एटा तबादला कर दिया गया। मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने द संडे व्यूज़ की खबर पर मुहर लगाते हुये गाजीपुर के निलंबित कमांडेंट हंसराज सरोज को बहाल कर दिया है। एक बार फिर हमारी खबर को गंभीरता से लेते हुये होमगार्ड विभाग ने भ्रष्टाचार के आकंठ में वर्षो से एक ही कुर्सी पर ‘कुंडली’ मार कर बैठे ब्लाक आर्गनाइजर (बीओ) सुरेन्द्र कुमार सिंह कुशवाहा को सस्पेंड़ करन के साथ ही उसे गाजीपुर से हटाकर एटा ट्रांसफर कर दिया है। ‘द संडे व्यूज़’ ने 14 नवंबर 2021 को शीर्षक ‘घूसखोरों को सम्मान,अफसर को निलंबन’ खबर प्रकाशित किया था। पेज वन पर एक फोटो प्रकाशित की गयी जिसमें महिला होमगार्ड गुड्डी मिश्रा बीओ सुरेन्द्र कुशवाहा की जेब में ड्यूटी लगाने के लिये हजार रुपये डाल रही थी। खबर छपने के बाद हंगामा मच गया। जांच की जिम्मेदारी मंडलीय प्रशिक्षण केन्द्र, प्रयागराज में तैनात मंडलीय कमांडेंट शैलेन्द्र प्रताप सिंह को सौंपी गयी। शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने अपनी जांच रिपोर्ट पूर्वांचल परिक्षेत्र के डीआईजी संतोष सुचारी को सौंप दी है। जांच रिपोर्ट में उन्होंने लिखा है कि राष्ट्रीय साप्ताहिक समाचार पत्र द संडे व्यूज़ में प्रकाशित खबर में सत्यता है। गाजीपुर के बीओ सुरेन्द्र कुमार सिंह कुशवाहा अपने ही कार्यालय में बैठकर महिला होमगार्ड श्रीमती गुड्डी मिश्रा से ड्यूटी लगाने के नाम पर घूस की रकम ले रहा है। गुड्डी मिश्रा बीओ की जेब में ड्यूटी लगाने के लिये नकद रूपये दे रही है।

बीओ ने कमांडेंट,गाजीपुर पर आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी के सिम पर कमांडेंंट हंसराज सरोज ब्लू फिल्म के शॉट भेजते हैं तो सच्चाई यह है कि वो सिम बीओ सुरेन्द्र कुशवाहा की पत्नी के नाम से नहीं बल्कि बीओ के नाम से लिया गया है। जिस पर सभी सरकारी संदेश आदान-प्रदान किये जा रहे हैं। इसलिये अखबार में उठाये गये सभी सवाल सही पाये गये और बीओ कुशवाहा हर तरह से दोषी पाये जाते हैं। श्री सिंह ने अपनी रिपोर्ट पूर्वांचल परिक्षेत्र के डीआईजी संतोष सुचारी को सौंप दी। डीआईजी संतोष सुचारी ने मामले को गंभीरता लेते हुये तत्काल प्रभाव से गाजीपुर के बीओ सुरेन्द्र कुमार सिंह कुशवाहा को सस्पेंड कर दिया है। इतना ही नहीं,डीजी खबर में गाजीपुर में तैनात बीओ कुशवाहा द्वारा हमेशा विवादित रहने और वसूली करने के मामले को गंभीरता से लेते हुये डीजी विजय कुमार ने उसका ट्रांसफर करने का फरमान दिया। डीआईजी,मुख्यालय रंजीत सिंह ने उसका एटा ट्रांसफर कर दिया है।

बता दें कि 14 नवंबर 2021 को ‘द संडे व्यूज़’ ने ‘घूसखोरों को सम्मान,अफसर को निलंबन’ खबर प्रकाशित की। खबर का सार यह है कि गाजीपुर में तैनात बीओ सुरेन्द्र कुमार सिंह कुशवाहा,जो लगभग 15 वर्ष से एक ही जगह पर तैनात था। यहां की पूरी वसूली यही करता था। कुशवाहा को हटाने के लिये यहां तैनात पूर्व कमांडेंट हंसराज सरोज ने खूब प्रयास किया लेकिन कामयाब ना हो सके। कमांडेंट ने बीओ के भ्रष्टाचार और काम में लापरवाही बरतने को लेकर अपने वरिष्ठï अधिकारियों को पत्र लिखा,लेकिन उसे उस कुसी से कोई टस से मस तक नहीं करा पाया। उसके बाद बीओ कुशवाहा ने कमांडेंट को फंसाने के लिये बेहद गंदा खेल खेला। कमांडेंट हंसराज सरोज को षडय़ंत्र के तहत कुशवाहा सस्पेंड़ करवाने में कामयाब हो गया। बीओ कुशवाहा ने कमांडेंट पर आरोप लगाया था कि वे उसकी पत्नी के मोबाइल पर ‘ब्लू फिल्म‘ के शॉट भेजते हैं… जो गलत आरोप था।

द संडे व्यूज़ ने बीओ कुशवाहा के आरोप पर कई सवाल उठाया था। बीओ जिस मोबाइल को अपनी पत्नी का बता रहा था दरअसल, वो सिम नंबर सुरेन्द्र सिंह कुशवाहा के नाम से लिया गया था। उसी सिम से सभी विभागीय कार्य होते थे। खैर, कमांडेंट और बीओ की रार का आलम यह था कि ‘द संडे व्यूज़‘ को अधिकारियों ने वो फोटो दिया जिसे देखकर साबित हो गया कि बीओ सुरेन्द्र कुशवाहा खुलेआम अपनी कुर्सी पर बैठकर होमगार्डों से वसूली की रकम लेता है। यानि,वो बेखौफ होकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहा था। खबर छपी और मुख्यालय स्तर से जांच बिठा दी गयी। जांच अधिकारी शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने पूरी ईमानदारी से जांच कर अपनी रिपोर्ट डीआईजी,पूर्वांचल परिक्षेत्र संतोष सुचारी को सौंप दी और उन्होंने 28 जून को बीओ सुरेन्द्र कुमार सिंह कुशवाहा को सस्पेंड कर दिया। दूसरी तरफ,डीजी के निर्देश पर डीआईजी,मुख्यालय रंजीत सिंह ने सुरेन्द्र कुशवाहा का ट्रांसफर गाजीपुर से एटा कर दिया है।

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