अब भाजपा संगठन के पदाधिकारी,विधायक ‘कंप्रोमाईज’ करवायेंगे दहेज उत्पीडऩ केस बंदियों के मामले : धर्मवीर प्रजापति

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भाजपा के विधायक, जिलाध्यक्ष जेलों में बंद दहेज उत्पीडऩ केस में करवायेंगे समझौता,बंदी होंगे रिहा

जेल मंत्री धर्मवीर प्रजापति की शानदार पहल : संगठन की करते हैं बैठक,छोटे मामले,दहेज उत्पीडऩ में फंसे लोगों की करते चिंता

    संजय पुरबिया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कारागार एवं होमगार्ड राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति की नई पहल ने साबित कर दिया है कि वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ‘सोच’ पर पूरी तरह से खरा उतर कर ही दम लेंगे। मंत्री जिलों में जाते हैं पदाधिकारियों के साथ बैठक करने। बैठक में पार्टी की नीतियों पर बात करने के बाद वे जेलों में बंद दहेज उत्पीडऩ एवं छोटे मामलों के बंदियों को छुड़वाने के लिये भी अपील करते हैंअब तक उन्होंने दर्जनों जिलों में बैठक कर वहां के जिलाध्यक्ष व विधायकों से कहा कि वे अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों का आंकड़ा जुटाये कि कितने लोग दहेज उत्पीडऩ व मामूली लड़ाई के केस में लोग जेलों में बंद हैं।

द संडे व्यूज़ से खास बातचीत के दौरान आज कारागार व होमगार्ड राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि मैंने दो माह में लगभग 35 जेलों का निरीक्षण किया। इस दौरान देखा कि अधिसंख्य दहेज उत्पीडऩ और छोटे मामले में बंदी सजा काट रहे हैं। ऐसे लोगों की सुनवाई करने वाला कोई नहीं हैं। इनमें से अधिसंख्य कमजोर तबके के लोग होते हैं। मैं जब पार्टी के काम से जनपदों में जाता हूं तो वहां पार्टी के जिलाध्यक्ष,विधायक से कहता हूं कि आपलोग अपने-अपने विधानसभा की जेलों में सजायाफ्ता ऐसे बंदियों की सूची निकाले,जो दहेज उत्पीडऩ के केस में बंद हैं। मंत्री ने कहा कि अक्सर देखा गया है कि दहेज उत्पीडऩ मामलों में गुस्से में या जबरियन गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है। हालांकि ये न्यायालय का मामला है है लेकिन मैंने तय किया है ऐसे मामलों में जिलाध्यक्ष,विधायक दोनों परिवार को बिठाकर ‘कंप्रोमाईज करायें’ ताकि जेल में बंद पूरा परिवार छूट जाये और राहत की सांस ले सके।

श्री प्रजापति ने बताया कि मेरी ‘सोच‘ है कि एक केस में पूरा का पूरा परिवार जेल में सालों से सजा काट रहा है,वो छूट जाये और दोनों परिवार एक हो जायें। फिलवक्त, मैंने गाजियाबाद, आगरा, अलीगढ़, बुलंदशहर, पीलीभीत, बलरामपुर, संत कबीरनगर, अयोध्या,बहराईच के जिलाध्यक्ष,विधायक एवं संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर अपनी बात को रखी और सभी युद्ध स्तर पर इस नेक काम को करने में जुट गये हैं। मैंने पीलीभीत के जिलाध्यक्ष से हाल ही में कहा कि अपने विधानसभा क्षेत्र के विधायक से वार्ता कराओ ताकि वहां की जेलों में बंद ऐसे लोग छूट सकें।

एक सवाल के जवाब में श्री प्रजापति ने कहा कि जेलों में मुझे ऐसे बंदी मिलें जो अपनी जिंदगी में ईमानदारी से काम कर रोजी-रोटी कमा रहे थे लेकिन दुराभाव रखने वाले साथियों ने फर्जी केस में फंसा दिया और वे जेल की सलाखों में हैं। मंत्री ने उलट सवाल दागा कि क्या आपने कभी जेल में एक साथ सैंकड़ों बंदियों को रोते हुये देखा है? फिल्मों में भले ही देखा हो लेकिन असल जिंदगी में नहीं देखा होगा…। मैं जब जेलों में बंदियों से मिलता हूं तो कम उम्र वालों से बस एक ही सवाल करता हूं कि आज तुम जेल में हो और बाहर तुम्हारे मां-बाप कैसी जिंदगी जी रहे होंगे,इसके बारे में कभी सोचा है ? मां-बाप ने सोचा होगा कि मेरा बेटा बड़ा होकर मेरी बुढ़ापे का सहारा बनेगा और तुम जेल में हो,उन पर क्या बीत रही होगी,सोचे हो ? इसी तरह,बुजुर्गोे के कंधों पर सिर्फ हांथ रखकर उनका हालचाल पूछता हूं तो वहां मौजूद सभी बंदी फफक-फफक कर रोने लगते हैं। ये दृश्य बेहद हृदय विदारक होता है…। मैं खुद भावुक हो जाता हूं…। मेरी कोशिश है कि कमजोरों की मदद करो क्योंकि मंत्री बाद में हूं,पहले इस देश का सच्चा नागरिक हूं…।

वाकई, कारागार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मवीर प्रजापति की अदभूत सोच के लिये द संडे व्यूज़ परिवार सैल्यूट करता है…

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