मुजफ्फरनगर के जिला कारागार में कैदियों को परोसा जा रहा है 5 स्टार होटल की तरह खाना: धर्मवीर प्रजापति
खाने की गुणवत्ता के लिये एफएसएसएआई ने दिया 5 स्टार रेटिंग
मुजफ्फरनगर कारागार को गुणवत्ता प्रबंधन में आई.एस. ओ. प्रमाण पत्र मिला
संजय पुरबिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की जेलों में कैदियों को फाइव स्टार होटल की तरह खाना परोसा जा रहा है। चाहें गरमा-गरम रोटी की साईज हो या जायकेदार सब्जी या फिर दाल,सभी में इतना शानदार स्वाद मिला कि मुजफ्फरनगर जिला जेल को एफएसएसएआई ने 5 स्टार रेटिंग प्रदान की है। बता दें कि महानगरों में 5 स्टार होटलों में बनने वाले लजीज व्यंजन को ये रेटिंग दी जाती है। अब आप भी सोच रहे होंगे कि…। इसी तरह,शीघ्र ही प्रदेश के 10 जनपदों में नये जेलों का निर्माण किया जायेगा। जेल राज्य मंत्री ‘स्वतंत्र प्रभार’ धर्मवीर प्रजापति का तप ही तो है कि जेलों में कैदी गायत्री मंत्र,महामृत्युंजय मंत्र तो जाप कर रही रहे हैं तो फिर उन्हें लजीज व्यंजन खाने को क्यों ना मिले।
जेल राज्य मंत्री श्री प्रजापति ने पत्रकारों को बताया किमुख्यमंत्री की प्रेरणा एवं उनकी लगनशीलता का परिणाम है कि मुजफ्फ रनगर जिला जेल को क्वालिटी मैनेजमेनट सिस्टम के लिये क्यू.एफ.एस. मैनेजमेंट सिस्टम एल.एल.पी. सर्वे एजेंसी द्वारा किये गये सर्वे के उपरांत आई.एस.ओ. 9001 -2015 प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। पिछले सप्ताह फर्रुखाबाद जेल प्रशासन को खाने की गुणवत्ता केे लिये एफएसएसएआई ने 5 स्टार रेटिंग प्रदान किया। इससे साबित होता है कि जेलों की व्यवस्था में लगातार सुधार हो रहा है।
श्री प्रजापति ने कहा कि बंदियों द्वारा तैयार किये गये उत्पादों को एम.एस.एम.ई. से जोडऩे की योजना भी सफ ल साबित हो रही है। उत्तर प्रदेश की जेलों में निरूद्ध कैदियों की सिलाई, बुनाई, पेटिंग की कौशल को एनसीआरबी ने प्रथम स्थान प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि कैदियों द्वारा बनाये गये उत्पादों को बेहतर बाजार एवं मूल्य मिल सके। इस दिशा में कारागार विभाग लगातार सकारात्मक प्रयास कर रहा है। जेलों की गुणवत्ता में सुधार हेतु निरन्तर निगरानी के साथ ही समय-समय पर निरीक्षण भी किया जा रहा है।
धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि जेलों में निरुद्ध कैदियों की अत्यधिक संख्या को देखते हुये जल्द ही 10 जनपदों में नई जेलों का निर्माण किया जायेगा। नये जेलों के निर्माण हेतु जमीनों का अधिग्रहण किया जा चुका है। नये जेलों के निर्माण से जेलों में कैदियों की संख्या का दबाव कम किया जा सकेगा। जिन जनपदों में अभी तक जेल नहीं है उन जनपद में नये जेलों का निर्माण किया जायेगा। श्री प्रजापति ने बताया कि जेलों में कैदियों को हुनरमंद बनाने के साथ ही उनकी मनोदशा में बदलाव हेतु संवाद किया जा रहा है।