जब ‘घोड़े’ पर सवार हो ‘पिस्टल’ लेकर अकेले ‘माफिया’ के गढ़ में घुसे बी.के.मौर्या, खात्मा कर…

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चंदौली के गांव में तप कर टॉपर बी.के.मौर्या पहुंच गये हारवर्ड यूनिवर्सिटी,टिकटिंग फ्राड में सांसद को पहुंचाया जेल…

गांव में पेड़ की ‘छांव’ में पढऩे से लेकर ‘सात समंदर’ पार भारत का मान बढ़ाने वाले योद्धा का नाम है बी.के.मौर्या


   दिव्यांश श्री.

लखनऊ। यूपी-बिहार के बार्डर पर बसे चंदौली के छोटे से गांव में रहने वाले किसान के होनहार बेटे की ‘सोच‘ इतनी बड़ी थी कि वो पुलिस विभाग का बड़ा अफसर बनना चाहता था। ठेठ गांव में बिजली की सुविधा ठीक से ना होने पर वो पेड़ की छांव में पढ़ाई करता और खेत-खलिहान के बीच बैठकर अपनी परीक्षा की तैयारी करता था। अन्य परिक्षार्थियों की तरह उस नौजवान ने भी इंटरमीडिएट की परीक्षा दी। करीब शाम सात बजकर बीस मिनट का वक्त था,जब आकाशवाणी में इंटरमीडिएट का परिणाम सुनाया गया। जैसे ही समाचार में बताया गया कि इंटरमीडिएट की परीक्षा में बी.के.मौर्या पूरे प्रदेश में सेकेण्ड पोजीशन आये हैं…। फिर क्या था,पूरे गांव में खुशियां मनायी गयी और क्या चच्चा और क्या दादी,सभी ने बी.के.मौर्या को बधाई और दुवाएं दीं। उसी समय श्री मौर्या का चयन आईआईटी में हो गया। आईआईटी,बीएचयू से बीटेक किया जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल मिला। उसके बाद श्री मौर्या ने आईआईटी,दिल्ली से एम.टेक. किया। वर्ष 1990 में इनका चयन आईपीएस में हुआ और बन गये यूपी में 1990 बैच के आईपीएस बी.के.मौर्या…। शिक्षा में टॉपर से लेकर गोल्ड मेडल हासिल करने वाले श्री मौर्या ने हारवर्ड यूनिवर्सिटी (यूएसए)से मास्टर इन पब्लिक मैनेजमेंट कोर्स किया। यूं कहा जाये कि चंदौली जैसे गांव से सात समुंदर पार हारवर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले बी.के.मौर्या पुलिस विभाग के पहले अधिकारी बनें। इतना ही नहीं, ओसो-यूनाईटेड नेशन के पीस कीपिंग प्रोग्राम में भी शामिल हो चुके हैं।

कहते हैं ना कि खुली आंखों से सपना देखो तो कुदरत भी आपके सपनों को साकार करने में कोई कसर नहीं छोड़ती…। गरीबी के झंझावत से होकर पुलिस विभाग में आईपीएस बनने तक के सफर में बी.के.मौर्या ने सभी रंग को देखा,तभी तो वे आज भी सरल,सौम्य एवं सादगी से भरे इंसान दिखते हैं। फिलवक्त वे डीजी, लॅाजिस्टीक एवं होमगार्ड विभाग में डीजी पद की जिम्मेदारी उठा रहे हैं। दो बार राष्ट्रपति से गैलेन्ट्री अवार्ड पाने वाले श्री मौर्या ने अपने सर्विस के दौरान चैलेंज से भरे कई ऐसे काम किये जिसकी वजह से उन्हें अनगिनत अवार्ड नवाजा गया। आईये आज स्पेशल रिपोर्ट में बताते हैं किस तरह के मजबूत इरादे वाले इंसान हैं आईपीएस बी.के.मौर्या…। आईपीएस बनने के बाद बी.के.मौर्या ने 10 जिलों में एसएसपी,तीन मंडलों में डीआईजी जैसे पदों पर रहते हुये कई ऐसे काम किये जिनकी वजह से लोग आज भी इन्हें याद करते हैं।

बताया जाता है कि एडीजी,रेलवे में रहते हुये इन्होंने गुमशुदा बच्चों पर एक बड़ा आपरेशन चलाया। अक्सर देखा गया है कि छोटे बच्चे किसी वजह से नाराज होकर घर से भाग जाते हैं। बच्चे सबसे पहले बस अड्डा या रेलवे स्टेशन की तरफ रुख करते हैं और वहां गिरोह के शातिर लोगों की नजरें उन पर पड़ती है और वे बच्चों को गायब कर देते हैं। उस वक्त श्री मौर्या ने रेलवे पुलिस और अधिकारियों के साथ बच्चों के लिये बड़ा मिशन चलाया और बड़ी संख्या में घर छोड़कर भागने वाले बच्चों की शिनाख्त कर उनके घर वापसी का इंतजाम कराया। कई स्टेशनों पर जगह भी मुहैय्या कराया गया ताकि इस तरह के बच्चों को वहां रखा जाये। रेलवे बोर्ड के तात्कालीन चेयरमैन श्री लोहानी ने इस काम के लिये श्री मौर्या को सम्मानित किया और भारतीय रेल में श्री मौर्या की तर्ज पर एक बड़ा अभियान चलाया। इस काम में रेल अधिकारियों,महिलाओं को भी शामिल किया गया। श्री मौर्या के इस अभियान को देख फिक्की ने इन्हें सम्मानित किया था।

इसी तरह,बरेली में जब श्री मौर्या एसएसपी थे तो उन्होंने माफियाओं के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था। बताया जाता है कि उस वक्त का दमदार माफिया था,जिसे पुलिस विभाग के कुछ लोगों का संरक्षण मिला हुआ था क्योंंकि जब भी उसके यहां छापेमारी की जाती,वो फरार मिलता…। इस बात की भनक श्री मौर्या को लगी कि माफिया के साथ खाकी वाले भी मिले हैं…। फिर क्या था,उन्होंने अपनी रणनीति बदली और घोड़े पर सवार होकर अकेले पिस्टल लेकर माफिया के गढ़ में घुसे और उसका खात्मा कर बाहर निकल आये…। ये काम वर्दी पहनने वाले जीवट, शूरवीर ही कर सकता है…। श्री मौर्या की बहादुरी के अनगिनत किस्से हैं,जिसे लिखा जाये तो अखबार के पन्ने कम पड़ जायेंगे…।

आईपीएस बी.के.मौर्या के जांबाजी की एक और कहानी बताता हूं...। श्री मौर्या जब एयर इंडिया में डायरेक्टर सिक्योरिटी के पदपर थे,इन्होंने एयरपोर्ट पर होनी वाली बड़ी चोरी को पकड़ा तो एयर इंडिया में हड़कम्प मच गया। इन्होंने एक सांसद का टिकटिंग फ्राड पकड़ कर सत्ता से लेकर पूरे देश में हंगामा मचा दिया था। दरअसल,एक सांसद ने अंडमान जाने के लिये टिकट लिया लेकिन वे गये नहीं। सांसद जी, अंडमान ना जाकर उसके किराये का पेमेंट ले लिया,इस बात की भनक लगते ही श्री मौर्या ने जांच करायी। जांचोपरांत बात सच साबित होने पर उन्होंने सांसद के खिलाफ सीबीआई को केस सौंप दिया। आखिर में सी.बी.आई. ने सांसद के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज की और उसे जेल जाना पड़ा। सांसद के टिकटिंग फ्राड पकड़े जाने से पहले भी अनगिनत बार ये खेल होता रहा जिसकी वजह से एयर इंडिया को बड़े पैमाने पर नुकसान होता था। इस खुलासे के बाद से एयर इंडिया में कभी इस तरह का फर्जीवाड़ा देखने-सुनने को नहीं मिला।

कुछ इसी तरह,जब श्री मौर्या आई.टी.बी.पी. में आईजी के पद पर तैनात थे,इन्हें लेह और लद्दाख का विवादित इलाका देखना पड़ता था। श्री मौर्या की मानें तो वे हवाई जहाज से जब जीरो टेंपरेचर पर ड्यूटी करने वाले जवानों से मिलने जाते थे और वे जवानों से पूछते थे कि उन्हें कोई समस्या है ? जवानों का एक ही जवाब होता…सब ठीक है सर…। बकौल श्री मौर्या अचंभित रह जाते थे क्योंकि ऐसे समय जब कोई घर से निकलने की हिम्मत नहीं करता लेकिन हमारे जवान बर्फ के ढेर पर ड्यूटी कर अपने फर्ज को अंजाम देते हैं…। श्री मौर्या बस यही कहते हैं कि सरहद पर डटे हमारे जवानों की वजह से ही हमारा देश सुरक्षित है…।

फिलहाल,डीजी बी.के.मौर्या पुलिस विभाग और होमगार्ड विभाग को और बेहतर बनाने में लगे हैं। श्री मौर्या का कहना है कि पूरे देश की पुलिस से उत्तर प्रदेश की पुलिस सुसज्जित है। जिस तरह से यूपी में अत्याधुनिक साइबर लैब,फोरेंसिक लैब बन रहे हैं, उसका कोई सानी नहीं है। इसी तरह, पुलिस विभाग को अत्याधुनिक बनाने के लिये साइबर लैब,ड्रोन कैमरे से निगरानी करने पर तेजी से काम किया जा रहा है। कोशिश है कि ट्रैफिक सिस्टम,क्रिमिनल्स की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने या चुनाव में निगरानी रखने के लिये ड्रोन का इस्तेमाल किया जाये। श्री मौर्या साइबर क्राईम के क्षेत्र में भी काम कर रहे हैं।

इनकी चाहत है कि हमलोग इतने माडनाईज्ड हो जायें कि हमारा सब-इंस्पेक्टर मौक ा-ए-वारदात पर टैबलेट लेकर जाये ताकि तत्काल मौके पर ही जाकर सबकुछ फाईल कर उसे केस डायरी में इंट्री कर दे। श्री मौर्या पुलिस का स्वरुप बदलने की पूरी तैयारी चल रही है और आने वाले वक्त में यूपी पुलिस को पूरी दुनिया सलाम करेगी और इसका श्रेय आईपीएस बी.के.मौर्या को दिया जायेगा। श्री मौर्या ने होमगार्ड विभाग में भी सकारात्मक अंदाज में कायाकल्प बदलने मे जुटे हैं।

 

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