राज्य कर विभाग के डिप्टी कमिश्नर श्यामधर तिवारी ने छोड़ी नौकरी,महाभ्रष्ट ‘सत्यपाल’ और ‘बाबूलाल’ के खिलाफ बोला ‘हल्ला बोल’…

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भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबकर ‘जीएसटी’ राज्य कर विभाग में डकैती डाल रहे एडिश्नल कमिश्नर के काम से आहत एक अफसर डॉ. श्यामधर तिवारी ने छोड़ी नौकरी

एडिश्नल कमिश्नर सत्यपाल,एडिश्नल कमिश्नर बाबूलाल हर माह व्यापारियों से वसूल रहें करोड़ों रुपये

जीएसटी की जो रकम सरकारी खजाने में जानी चाहिये,जा रहा दोनों भ्रष्ट अफसरों की जेब में…

मुख्यमंत्री येागी आदित्यनाथ करायें दोनों के खिलाफ सीबीआई,विजिलेंस जांच : डॉ. श्यामधर तिवारी

नौकरी छोड़ डॅा.श्यामधर तिवारी बनें सत्यमेव जयते न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष

 

  संजय पुरबिया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में ‘जीरो टॉलरेंस‘ की किस तरह से ‘धज्जियां‘ उड़ायी जा रही है,यदि इसकी बानगी देखनी है तो ‘राज्य कर‘ विभाग (जीएसटी) में देखा जा सकता है। ये विभाग किसी ‘माननीय‘ के पास नहीं बल्कि ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ’ के पास है, फिर भी इस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी बेखौफ होकर ‘लूट‘ कर रहे हैं। ‘राजस्व खजाने‘ में जो पैसा जाना चाहिये,वो महाभ्रष्ट अधिकारियों की ‘जेब‘ में जा रहा है। देखा जाये तो हर दिन करोड़ों रुपये के राजस्व सरकारी खजाने में जाने के बजाये राज्य कर विभाग में तैनात एडिशनल कमीश्नर ग्रेड-1 सत्यपाल और एडिशनल कमिश्नर बाबूलाल की जेब में जा रहा है। दोनों के खिलाफ ‘विजिलेंस’ या ‘सीबीआई‘ जांच करायी जाये तो इनकी अकूत सम्पत्तियों का खुलासा होगाये कहना है सत्यमेव जयते न्यास के राष्ट्रीय अध्यक्ष,पूर्व उप-आयुक्त राज्य कर डॅा. श्यामधर तिवारी का। श्री तिवारी ने भ्रष्टाचार में शामिल वरिष्ठ अधिकारियों के विरोध में अपनी नौकरी छोड़ दी है और आज लखनऊ के प्रेस क्लब में पत्रकारों से मुखातिब थे।


श्री तिवारी ने अपना नया नाम ‘सत्यमेव जयते भारत लोकमंगल’ रखने की घोषणा करते हुये कहा कि जीएसटी में तैनात एडिश्नल कमिश्नर सत्यपाल ने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ डाले है। वर्ष 2012 में वाराणसी में ज्वाइंट कमिश्नर थे।2014-15 तक मिर्जापुर में ज्वाइंट कमिश्नर एसआईबी वैट थे,2019-22 तक गोरखपुर में एडिश्नल कमिश्नर ग्रेड2 अपील के पद पर तैनात थे और पहुंच लगाकर इन्होंने अतिरिक्त कार्य के लिये मुजफ्फरनगर का चार्ज भी ले लिया। श्री तिवारी ने बताया कि अपीलो की सुनवाई में सत्यपाल लाखों रुपये लेकर कर चोरों को छोडऩे लगा। इस तरह से प्रति माह सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगाकर उस रकम को अपनी जेब में भरता रहा। श्री तिवारी ने दावा किया कि वर्ष 2010 से लेकर अभी तक की नौकरी में सत्यपाल ने सरकार को हजारों-करोड़ रुपये की चपत लगा चुका है।

इसी तरह,दूसरा डकैत है सदस्य अधीकरण बाबूलाल,जो पांच साल में वाराणसी,प्रयागराज और गोरखपुर में ही तैनात रहें। बाबूलाल ने गोरखपुर में एडिश्नल कमिश्नर रहते हुये ट्रांसपोर्टरों और फैक्ट्री मालिकों में हर माह लगभग 20 लाख रुपये वसूली कर सरकारी खजाने में जीएसटी का भारी नुकसान पहुंचा रहा है। सत्यमेव जयते न्यास की राष्ट्रीय अध्यक्ष,पूर्व उप-आयुक्त डॉ. श्यामधर तिवारी का कहना है कि सरकार को जीएसटी में तैनात एडिश्नल कमिश्नर सत्यपाल खिलाफ भ्रस्टाचार,षडय़ंत्र रचने एवं पद का दुरूपयोग करने की जांच करानी चाहिये

श्री तिवारी ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार एक संगठित अपराध के रूप में हमारे जीवन, समाज और लोक सेवा में व्याप्त हो गया है। सरकार ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टालरेंस की नीति घोषित कर रखा है, लेकिन इसका कोई ठोस परिणाम सामने नहीं दिखाई पड़ रहा है। एक ओर लोकसेवकों के भ्रष्टाचार से नागरिक उत्पीडऩ के शिकार हैं तो दूसरी ओर राज्य के राजस्व की भारी क्षति की जा रही है। सत्य और स्वाधीनता का नया समर लाना और जीतना होगा। संस्थागत भ्रष्टाचार का विरोध करने का अपना अनुभव बताते हुये डॉ. सत्यमेवजयते ने कहा कि भ्रष्टाचार करने,कराने और दबाने, छिपाने के लिये वरिष्ठ अधिकारी पद का खुल्लम-खुल्ला दुरुपयोग और षडय़ंत्र करने में हिचकते नहीं हैं। राज्य और जनता के करोड़ों रुपये के राजस्व को संगठित रूप से लूटने-लुटाने वाले विभागीय अधिकारी कोई गुमनाम व्यक्ति नहीं हैं। दशकों से उनके भ्रष्टाचार की गंध विभाग और प्रदेश में फैली हुयी है।

उन्होंने कहा कि राज्य कर विभाग में सत्यपाल,बाबू लाल ऐसे कुख्यात अधिकारियों को बर्खास्त किये जाने,अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिश्े जाने से राजस्व संरक्षण हो सकेगा। उनके द्वारा विगत 10-12 वर्षों में किये गये प्रवर्तन, कार्पोरेट कर निर्धारण और अपीलीय कार्यों से अर्जित अकूत संपत्ति की सीबीआई जांच और वसूली कराने की आवश्यकता है। सत्यमेव जयते न्यास द्वारा भ्रष्टाचार का विरोध और जनजागरण अभियान चलाने का निर्णय किया गया है। वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, लखनऊ, कानपुर, झांसी, मेरठ, बरेली आदि मंडलों में सत्यमेवजयते न्यास की मंडल इकाइयों का पुनर्गठन किया गया है।


इसी क्रम में भारत भाग्योदय फ ाउंडेशन के संस्थापक व सामाजिक कार्यकर्ता राम महेश मिश्र जी ने कहा कि भ्रष्ट अधिकारियों, कर्मचारियों को दंडित नहीं किये जाने के कारण एक तेज़-तर्रार, ईमानदार अधिकारी ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लिया। भ्रष्टाचार के विरुद्ध उनका दशकों का प्रयास व्यर्थ नहीं जायेगा। हमें यह जानकर पीड़ा और क्षोभ का अनुभव हो रहा है कि शुचिता पूर्ण जीवन और कार्यशैली वाले अधिकारी पीडि़त होकर व्यवस्था से बाहर जाने को बाध्य हो रहे हैं और भ्रष्टाचारी फ ल- फू ल रहे हैं। डॉ सत्यमेवजयते न दैन्यं न पलायनम् की नीति अपनाते हुये भ्रष्टाचार से लडऩे के लिये आगे आ गये हैं। हम इस लड़ाई में उनके साथ हैं।

पूर्व मुख्य प्रधान आयकर आयुक्त गिरीश नारायण पांडेय ने कहा कि डॉ. सत्यमेवजयते उत्तर प्रदेश राज्य कर विभाग में एक ईमानदार और निर्भीक अधिकारी के रूप में प्रसिद्ध रहे हैं। उनका राजकीय सेवा छोड़कर बाहर जाना सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर बड़ा प्रश्न चिह्न है। इस दौरान सत्यमेव जयते न्यास के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य शुकदेव ,अधिवक्ता डॅा. मृदुल कुमार शुक्ल, मंडल संयोजक, सामाजिक कार्यकर्ता पंकजनाथ कल्की, डॉ. राजेश कुमार, काशीनाथ मिश्र आदि मौजूद रहें।

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