मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने जवानों के साथ भोजन कर दिया बड़ा संदेश- ‘सब बराबर हैं’…

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. 13 दिसंबर का इत्तेफाक…

  • काशी में प्रधानमंत्री ने मजदूरों के साथ जमीन पर बैठकर फोटो खिंचाया,मंत्री धर्मवीर प्रजापति भी जमीन पर बैठकर भोजन किया…
  • विभाग की पहचान जवानों से है, उन्हें हर हाल में सम्मान मिलना चाहिये : धर्मवीर प्रजापति

संजय पुरबिया

लखनऊउत्तर प्रदेश के होमगार्ड,कारागार राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति जनमानस के दिलों पर अपने अलग अंदाज,अपने काम करने के तरीकों से छा गये हैं। क्या विभाग और क्या अवाम,चहुंओर मंत्री के काम की सराहना हो रही है। अब देखिये,होमगार्ड दिवस के रैतिक परेड क बाद आयोजित बड़ा खाना में धर्मवीर प्रजापति ने परेड ग्राउंड में हजारों जवानों के साथ जमीन पर बैठकर खाना खाया और सभी के साथ खूब फोटो खिंचवाया। ऐसा कर उन्होंने एक ही झटके में प्रदेश भर में तैनात लगभग एक लाख अट्ठारह हजार जवानों के बीच बड़ा संदेश देने में कामयाब हो गये कि यहां कोई छोटा या बड़ा नहीं,हम सब एक हैं…। सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि ठीक एक वर्ष पूर्व 13 दिसंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी कॉरिडोर को बनाने वाले दर्जनों मजदूरों के साथ कॉरिडोर परिसर में जमीन पर बैठकर फोटो खिंचवाया था। एक वर्ष बाद 13 दिसंबर के दिन ही होमगार्ड विभाग में आयोजित बड़ा खाना में विभागीय मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने भी हजारों जवानों के साथ फोटो खिंचवाया और जमीन पर बैठकर भोजन किया। इसे इत्तेफाक कहा जाये या…कुछ भी हो, द संडे व्यूज़ का वेब न्यूज चैनल देखने के बाद विभागीय अधिकारियों और जवानों के बीच द 13 दिसंबर का दिन छाया हुआ है।

 

होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने द संडे व्यूज़ से खास बातचीत के दौरान कहा कि मुझे ये तो याद है कि 13 दिसंबर को हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने काशी कॅारिडोर में जमीन पर बैठकर उसका निर्माण करने वाले मजदूरों के साथ फोटो खिंचवाया था लेकिन बड़ा खाना खाने वाले दिन13 दिसंबर है,नहीं याद था।

द संडे व्यूज़ से मुझे पता चला और मैं भी आश्चर्य चकित हूं कि एक वर्ष पूर्व 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री ने काशी में काशीधाम कॉरिडोर बनाने वाले मजदूरों के साथ फोटो खिंचवाया था और एक वर्ष बाद 13 दिसंबर को मैंने भी…। इसे इत्तेफाक ही कहा जाये लेकिन मेरे लिये तो अब 13 दिसंबर गौरव का दिन है श्री धर्मवीर प्रजापति ने यह भी कहा कि इस विभाग की पहचान जवानों से है,तभी तो इसका नाम होमगार्ड विभाग रखा गया है। जब विभाग की पहचान जवानों से है तो फिर हमारा दायित्व बनता है कि इन्हें पूरा सम्मान मिले।

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