पूर्व माध्यमिक विद्यालय,ओलेपुर का प्रिंसिपल लापता ? बाट जोह रहें बच्चे…

0
346

पूर्व माध्यमिक विद्यालय,ओलेपुर  के प्रिंसिपल का लखनऊ मोह,हमेशा रहते हैं गायब

बच्चों ने प्रिंसिपल का नाम रखा नाम ‘जादूगर’…

बाराबंकी के तहसील हैदरगढ़ में ओलेपुर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय की दुर्दशा पर रो रहें बच्चे

 विवेक यादव

बाराबंकी। मुख्ममंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बावजूद पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है। पहले शिक्षक पढ़ाने नहीं आते थे लेकिन अब इस ‘रेस’ में ‘प्रधानाचार्य’ भी शामिल हो गये हैं। बाराबंकी के तहसील हैदरगढ़ में पूर्व माध्यमिक विद्यालय,ओलेपुर का प्रधानाचार्य का लखनऊ मोह इतना बढ़ गया है कि वो अक्सर विद्यालय नहीं जाते। उन्हें अक्सर लखनऊ के आशियाना स्थित सेक्टर एम-1 के आवास पर देखा जा सकता है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानाचार्य अपने ‘सहायक’ के भरोसे विद्यालय छोड़ लखनऊ निकल जाते हैं। इस बात को लेकर जहां नौनिहालों का भविष्य अधर में है वहीं शिक्षक भी मौज कर रहे हैंनाम ना छापने की शर्त पर एक शिक्षक ने बताया कि प्रधानाचार्य का आशियाना के सेक्टर एम-1 में आवास है,जहां रहकर वे शिक्षा के बजाये ‘राजनीतिक’ गतिविधियों में संलिप्त रहते हैं। बहरहाल, ‘प्रधानाचार्य’ के खिलाफ शिक्षा मंत्री और प्रमुख सचिव को पत्र लिखा गया है। पत्र में सवाल उठाया गया है कि प्रधानाचार्य शुक्ला जी ‘नौनिहालों का भविष्य’ बनाने के लिये प्रधानाचार्य बनें हैं या ‘राजनीति’ करने के लिये …


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चाहत है कि प्राईवेट स्कूलों से भी शानदार शिक्षा पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों को मिले। इसके लिये उन्होंने प्रमुख सचिव को निर्देशित भी किया कि विद्यालयों के स्तर में सुधार कराने से लेकर शिक्षक, प्रधानाचार्यों की उपस्थिति का समय-समय पर औचक निरीक्षण कराकर देखा जाये कि वे आ रहे हैं या नहीं। शुरु में तो विद्यालयों की सघन जांच होती रही लेकिन अब औचक निरीक्षण ठंड़े बस्ते में चला गया। जांच का असर यह दिखा कि पूर्व में अधिकांश विद्यालयों में शिक्षक गायब रहते थें,जिनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की हुयी लेकिन अब लापता शिक्षकों की राह पर प्रधानाचार्य चलने लगे हैंपूर्व माध्यमिक विद्यालय,ओलेपुर के प्रधानाचार्य जी हर माह विद्यालय से लापता हो जाते हैं। उनका अधिकांश समय लखनऊ में आशियाना स्थित सेक्टर एम-1 के आवास पर गुजरता है। सीधी बात करें तो उनका नौनिहालों के भविष्य को संवारने के बजाये अपने का आर्थिक तौर पर मजबूत करने में जी लगता है। नाम ना छापने की शर्त पर एक शिक्षक ने बताया कि प्रधानाचार्य अपने सहायक के भरोसे विद्यालय छोड़कर लापता हो जाते हैं…।
शेष अगले अंक में…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here