अंसल आंगन योजना समिति के अध्यक्ष ने अंसल के बाबू की मिलीभगत से आवंटी के आवास पर लगाया ताला

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अंसल आंगन योजना समिति के अध्यक्ष ने अंसल के बाबू की मिलीभगत से आवंटी के आवास पर लगाया ताला

अंसल आंगन योजना समिति के अध्यक्ष पर लगा 1234 आवास कब्जा करने का आरोप, अंसल के बाबू की मिलीभगत से लगाया ताला

ठेकेदार और मोहल्ले वालों ने ताला तोडऩे को कहा तो बाबू मनीष पाण्डेय चला भाग,पुलिस की मौजूदगी में हुआ हंगामा

जब मकान सौरभ कनौजिया के नाम से आवंटित है तो समिति अध्यक्ष ने किससे पूछकर लगाया आवास में ताला?

   अरूण शर्मा
लखनऊ। आशियाना स्थित अंसल आंगन योजना में बने मकानों में अवैध तरीके से रह रहे लोगों को मकान खाली करने के लिये 12 मई को आशियाना पुलिस पहुंची। इस दौरान अंसल के बाबू मनीष पाण्डेय भी मौजूद थे। मकान खाली कराने के बाद जब पार्क की तरफ गये तो वहां लोगों ने आवास नंबर 1234 पर लगे ताला तोडऩे की बात करने लगे। विरोध का स्वर तेज होने पर बाबू आगे की ओर भागने लगा,इस पर मोहल्ले वालों ने कहा कि ताला तोड़कर कंपनी अपना ताला लगाये लेकिन वो तैयार नहीं हुआ। बाबू का तर्क था कि वो ताला नहीं तोड़ सकतापुलिस की मौजूदगी में ठेकेदार सहित मोहल्ले वालों ने समिति के तथाकथित दलालों द्वारा बिजली कनेक्शन के नाम पर धन उगाही करने सहित अन्य सभी मामलों का पर्दाफाश किया गयापुलिस भी समझ गयी कि अंसल का बाबू भी दलाली के खेल में शामिल हैशर्मनाक बात यह है कि जिस अंसल के मालिक करुन अंसल और महाप्रबंधक अजीत झा को समिति के पदाधिकारियों ने कोर्ट का चक्कर लगवाया,बाबू मनीष पाण्डेय उन्हीं पदाधिकारियों की दलाली कर रहा है? खैर, पुलिस और मोहल्ले वालों के दबाव में मकान के दरवाजे पर दूसरा ताला लगा दिया गया है। देखना है आवंटी सौरभ कनौजिया के मकान से समिति का ताला टूटता है या इसे भी सुनियोजित तरीके से बेच दिया जायेगा।

अंसल आंगन योजना में मकान तो छोटे बने हैं लेकिन दलाली का विवाद बहुत लम्बा है। दरअसल पहले यहां पर ज्यादा मकान नहीं बने थे और लोग-बाग नहीं रहते थे इसलिये एक समिति बनाकर कुछ लोगों ने अपनी दुकान सजा रखी थी। बिजली कनेक्श् ान दिलाने के नाम पर 15 हजार रुपये से लेकर 17 हजार रुपये की दलाली का खूब खेला चला। समिति के दलालों की दुकान इतनी सज गयी थी कि पदाधिकारी नौकरी करने तक नहीं जाते थे लेकिन द संडे व्यू$ज ने मिशन चलाकर अंसल आंगन योजना समिति के दलाल पदाधिकारियों के मंसूबे पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया।

12 मई को एक और मामला सामने आया। पुलिस यहां पर अवैध तरीके से रहने वालों से मकानखाली करवा रही थी।मकान नंबर 1282 के बाद मुख्य सड़क के पार्क छोर पर बने मकान नंबर 1234 पर लगे ताला को तोडऩे के लिये ठेकेदार गोरखनाथ ने कहा। तब पता लगा कि ये मकान सौरभ कनौजिया के नाम से आवंटित है और इस पर समिति के अध्यक्ष ने अपना ताला जड़ा है। इस पर द संडे व्यूज़ की टीम ने पुलिस की मौजूदगी में अंसल के बाबू मनीष पाण्डेय से समिति द्वारा काबिज ताला तोडऩे की बात कही तो वो आगे की ओर भागने लगा। इस पर एक सुर में सभी ने ताला तोडऩे का विरोध किया तो बाबू ने कहा कि इसमें समिति ने अपना सामान रखा है,मैं ताला नहीं तोड़ सकता। इस पर वहां मौजूद मोहल्ले वालों ने बताया कि समिति द्वारा ताला लगाने के पीछे मकसद कुछ और है। इस मकान पर कब्जा कर उसे चुपके से बेच देंगे क्योंकि इसमें अंसल का बाबू की मिलीभगत है। बात जो भी हो,मोहल्ले वालों का उग्र रूप देख पुलिस की मौजूदगी में उसी ताला पर एक ताला और लगा दिया गया है। देखने की बात यह है कि 1234 मकान क आवंटी सौरभ कनौजिया को उसका मकान मिलता है या दलालों के भेंट चढ़ता है।

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