कौन है कल्कि अवतार ?

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    अक्षत श्री.

 यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। अभ्युत्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम् ॥

 परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्। धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥

श्रीमद्भागवत गीता के अध्याय 4 में मौजूद इस श्लोक का वर्णन महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण ने तब किया था जब अर्जुन ने कुरूक्षेत्र में युद्ध करने से मना कर दिया था। इसका अर्थ है की ‘मैं प्रकट होता हूं,मैं आता हूं,जब जब धर्म की हानि होती है, तब – तब मैं आता हूं, जब-जब अधर्म बढ़ता है तब-तब मैं आता हूं, सज्जन लोगों की रक्षा के लिये मैं आता हूं,  दुष्टïों के विनाश करने के लिये मैं आता हूं, धर्म की स्थापना के लिये मैं आता हूं, और युग-युग में जन्म लेता हूं।’ महाभारत की उस रणभूमि में यह श्लोक गूंजा था लेकिन इसकी सबसे ज्यादा आवश्यकता आज के समय में है। आप सभी ने भगवान् विष्णु के अंतिम ‘कल्कि अवतार के बारे में सुना होगा। धार्मिक एवं पौराणिक मान्यता के अनुसार ‘जब पृथ्वी पर पाप बहुत अधिक बढ़ जायेगा,तब दुष्टों के संहार के लिये विष्णु का यह अवतार यानी कल्कि अवतार प्रकट होगा। असलियत में कब वो समय आयेगा, कब अधर्म अपनी चरम सीमा पर होगा यह कोई नहीं बता सकता, मगर इस वक्त समाज की स्थिति देख कर, बढ़ते अपराध, कुरीतियां, दूषित मानसिकता देख कर हम जरूर कह सकते हैं की ‘अधर्म बढ़ रहा है। इसका अंत करने वाला हर एक व्यक्ति मेरे लिये ‘कल्कि अवतार है जिसमें सबसे उच्च स्थान पर और सबसे बखूबी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नाम आता है। एक पीठाधीश और साथ में ‘सत्ताधीश योगी आदित्यनाथ इकलौते नेता हैं जो सनातन धर्म को खुले रूप से अपनाते है और उसकी रक्षा के लिये कुछ भी करने को तैयार रहते हैं।


उत्तर प्रदेश में सरकार खुलेआम यह कहना हो कि हम भारतीय हैं और हिंदुत्व हमारी संास्कृतिक पहचान हैं, गर्व से कहो हम हिन्दू हैं, या फि र धरातल पर उतर कर सरकार बनाते ही निर्देश देकर बूचडख़ानों, कसाईखानों पर प्रतिबंध लगाकर गौ-माता की रक्षा करना हो। योगी आदित्यनाथ की मंशा सदैव ही अर्जुन के निशाने की तरह सटीक रही है जो दिखता है कि किस तरह धर्म की रक्षा और सनातन के नैतिक मूल्यों को और धर्म के चार स्तम्भों को अडिग रखना है। जब कुछ कुंठित मानसिकता के लोगों ने सीए विरोधी दंगों से राज्य को जलाने की कोशिश की तो योगी आदित्यनाथ ने उनकी संपत्ति जब्त कर यह सुनिश्चित किया कि वे जेल में ही सड़ें। जब लव जिहाद का खतरा एक कठोर, खतरनाक वास्तविकता बन गया तो योगी आदित्यनाथ ने हिंदू महिलाओं को बचाने के लिये एक कानून पेश किया। जब ईव-टीजिंग एक महामारी बन गयी तो उन्होंने महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिये एंटी रोमियो दल जैसे दस्तों की शुरुआत की। योगी आदित्यनाथ ने यह भी लिखा था जब मैंने यूपी के सीएम के रूप में पदभार संभाला, तो अयोध्या की स्थिति, जो वर्षों से तुष्टिकरण की राजनीति के कारण अछूत हो गयी थी, मेरे दिल को चुभती थी। अयोध्या की पीड़ा भगवान राम के वनवास की तरह थी।

मैंने अयोध्या के गौरव को वापस लाने और राम जन्मभूमि को प्राथमिकता के आधार पर विकसित करने की शपथ ली। वह सदैव ही यह कहते थे कि राम मंदिर चुनावी मुद्दा नहीं… मेरे लिये जीवन का मिशन है। अपने गुरु महंत अवैद्यनाथ जो खुद राम मंदिर आंदोलन में एक बड़ी भूमिका निभाये थे। उनकी सीख कि भगवान राम के न्याय, समानता, अनुशासन और त्याग के गुण हर राजनीतिक नेता के लिये आदर्श होने चाहिये। इसी का अनुसरण करते हुये आज योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर के सपनें को हकीकत में बदल दिया है। केवल आध्यात्मिक या धार्मिक रूप से ही नहीं, योगी आदित्यनाथ एक प्रबल शासक हैं जिन्होंने इस राज्य को एक सुशासित राज्य बनाया है। मुजफ्फरनगर दंगों में बेघर हुये लगभग 50 हजार लोगों की घरवापसी करायी है और 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में एक भी सांप्रदायिक हिंसा नहीं हुयी है। उत्तर प्रदेश में हत्या के मामलों में वर्ष 2016 से 2020 तक लगभग 20 प्रतिशत की बड़ी गिरावट देखी गयी है। 2020 में राष्ट विरोधी तत्वों से 3,904 हथियार जब्त किये गये। 2020 में प्रति 1 लाख जनसंख्या पर लगभग 1.6 हत्या के मामले थे। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, राज्य 2018 में हिंसक अपराधों के 65,155 मामलों से बढ़कर 2020 में 51,983 हो गया।

योगी आदित्यनाथ की जीत का श्रेय काफी हद तक कानून और व्यवस्था पर उनके मजबूत रुख, हिंदुत्व के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता और उनकी सामाजिक नीतियों को दिया जा सकता है। जिन्होंने जनता को गरीबी और निराशा से बाहर निकाला। लंबित मुद्दों को हल करने और पूरा करने के लिये बेहतर लक्ष्य लेने के लिये योगी आदित्यनाथ ने वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को राज्य में लाया है। अब चाहे गैस चूल्हे का वितरण हो, शौचालयों का निर्माण हो या फि र वंचितों के लिये घरों का निर्माण, यूपी टॉप अचीवर्स में शामिल है। योगी आदित्यनाथ के लिये भारत और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश उनकी कर्मभूमि और जन्मभूमि है। और महंत दिग्विजय नाथ की शानदार विरासत को देखते हुये हम उम्मीद कर सकते हैं कि योगी आदित्यनाथ ने न केवल हिंदुओं, हिंदुत्व और गौरवशाली संस्कृति की रक्षा के लिये राज्य को बदल दिया है, बल्कि आर्थिक और सामाजिक रूप से राज्य का उत्थान भी किया है। योगी आदित्यनाथ ने जब संन्यासी बनने का फैसला लिया तो अजय बिष्ट की पहचान को पीछे छोड़ आगे बढ़ गये यह ठीक वही रास्ता है जिस पर पीएम मोदी अपने शुरुआती दिनों चले थे। योगी आदित्यनाथ भी जल्द या बाद में सिंहासन पर चढ़ेंगे। उत्तर प्रदेश में लगातार होने वाली यह जीत उन्हें उन संभावना के एक कदम और करीब लाती दिख रही है।

जिस प्रकार धर्म की रक्षा और अधर्मियों के विनाश के लिये भगवान कल्कि कर्तव्यबद्ध होंगे उसी प्रकार योगी आदित्यनाथ भी इसी संकल्प के लिये कर्तव्यबद्ध हैं। हम एक ऐसे युग में जी रहे हैं जहंा दुनिया का आधुनिकीकरण की तरफ स्थानांतरण हो रहा है। इस आधुनिक काल में काम करना, पैसे कमाना भले ही आसान हो गया है लेकिन अपनी मान-मर्यादाओं को बचाना उतना ही मुश्किल हो गया है। चाहें श्रद्धा, आफ ताब की कहानी हो या हाल ही में लखनऊ में 14 साल की बच्ची का रेप कर उसे हथौड़े से मारने वाले शाहिद की कहानी, या फि र दिल्ली की साक्षी की कहानी, जिसे साहिल खान ने बर्बरता से 20 बार चाकू मारकर मौत के घाट उतार दिया। यह सब अधर्म नहीं तो क्या है ? और इन्हें करने वाले पापी नहीं तो क्या है ? आज की युवा पीढ़ी से होते हुये मैं सबसे पहले यह समझाना चाहूंगा की धर्म होता क्या है ? क्योंकि सही मायने में आज का युवा केवल इंस्टाग्राम और फेसबुक पा पोस्ट शेयर करने को धर्म और दूसरे पंथों को नीचे दिखाने मात्र को ही धर्म रक्षा मानने लगा है। सनातन धर्म आदि अनंत तक है, इसका कोई अंत नहीं है, यह एक जीवन शैली है जिसे मानकर आप उच्च जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

मनु स्मृति के अनुसार एक सनातनी बनने के लिये आप में यह 10 गुण होने चाहिए। धैर्य, क्षमा, आत्म-नियंत्रण, अस्तेय,स्वच्छता, इन्द्रियानिग्रह, परोपकारी बुद्धि, आध्यात्मिक ज्ञान, परोपकारी सच्चाई, अक्रोध। अगर आप में यह 10 गुण हैं, मतलब आप धर्म के पथ पर चल रहे हैं और आप स्वयं कल्कि अवतार हैं। क्योंकि अन्ततोगत्वा भगवतगीता के 18वें अध्याय के अनुसार परमात्मा सभी जीवों के हृदय में निवास करता है। जब हमारे अंदर भगवान हैं तो हम भगवान के लिये इंतजार क्यों करते हैं? कलियुग तब समाप्त होगा जब हम इसे समाप्त कर देंगे। कल्कि का जन्म तब होगा जब हम उसे जन्म देंगे।

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