प्रधानमंत्री मोदी की ‘सोच ‘को साकार करेंगे मुख्यमंत्री योगी और सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर

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375 जिलों में प्रधानमंत्री ‘जन औषधि केन्द्र’ खोलने की तैयारी जोरों पर चल रही है

सहकारी समितियों को ‘कम्प्यूटराईज्ड’ किया जायेगा, गांव का लुक’ पूरी तरह से बदल जायेगा

समितियों की जमीन पर ‘पेट्रेाल पंप’ खोले ताकि लोगों को रोजगार मिले

गांव में ही इतने रोजगार मिलेंगे किनौजवान अपने पुश्तैनी गांव में ‘अम्मा-बाबू’ के पास ही रहकर उनका ‘दुलारा’ बनेंगे

संजय पुरबिया

लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ‘सोच का भारत’ अपनी कार्यशैली से विश्व में डंका बजायेगा। अब हमारा देश हर क्षेत्र में अन्य देशों से कमतर नहीं,हर कदम पर उन्नति की राह पर बढ़ता ही जा रहा है। क्या शहर और क्या गांव,चहुंओर विकास की चकाचौंध दिखेगी…। कहा जाता है कि भारत का सहकारी आंदोलन विश्व में सबसे बड़ा सहकारी आंदोलन है। देश में लगभग 2 लाख सहकारी समितिया हैं जिनकी सदस्य संख्या लगभग 18 करोड़ है और अब इसे मजबूत करने कर उसका कायाकल्प बदलने की जिम्मेदारी केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व सहकारिता मंत्री जे.पी.एस.राठौर ने उठा ली है। शीघ्र ही यूपी के 375 जिलों में प्रधानमंत्री ‘जन औषधि केन्द्र’ खोलने की तैयारी जोरों पर चल रही है। इसके लिये 410 समितियों का चयन भी कर लिया गया है। इसी तरह,गांव की सहकारी समितियों को ‘कम्प्यूटराईज्ड’ किया जायेगा। इसके लिये 1530 समितियों का चयन कर लिया गया है। इतना ही नहीं, केन्द्र सरकार ने यह फरमान जारी किया है कि समितियों की जमीन पर ‘पेट्रेाल पंप’ खोले ताकि लोगों को रोजगार मिले और समिति भी आय अर्जित करे। कुल मिलाकर आने वाले समय में ‘गांव का लुक’ पूरी तरह से बदल जायेगा। नौकरी की तलाश में महानगरों की तरफ भागने वाले नौजवानों को अब गांव में ही इतने रोजगार मिलेंगे कि वो अपने पुश्तैनी गांव में ‘अम्मा-बाबू’ के पास ही रहकर उनका ‘दुलारा’ बनेंगे। सच में, सहकारिता विभाग में जितनी योजनाएं लायी गयी हैं उससे जहां बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवायी और सहकारिता मंत्री जे.पी.एस. राठौर की देख-रेख में उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनते अवाम देखेगा।

लोकसभा चुनाव करीब है लेकिन केन्द्र व राज्य सरकार की इन योजनाओं को चुनावी नजररिये से नहीं देखना चाहिये क्योंकि किसी भी योजना को बनने व अमल में लाने में लंबा समय लगता है। लेकिन एक बात है कि जिस रफ्तार से एक के बाद एक कर सहकारिता विभाग में योजनाएं आयी है,उसे देखकर कहा जा सकता है कि प्रधानमंत्री के सपनों को साकार योगीराज में उनके मजबूत स्तंभ कहे जाने वाले मंत्री जे पी.एस. राठौर ही करेंगे। 15 फरवरी 2023 को कैबिनेट द्वारा अनुमोदित सभी पंचायत,गांव में 2 लाख बहुउद्देशीय पैक्स,डेयरी,मत्स्य सहकारी समिति की स्थापना की जायेगी।आगामी पांच वर्षों में अब तक कवर न किये गये पंचायत,गांवों में दो लाख पेस,डेयरी,मत्स्य सहकारी समितियां गठित करने का लक्ष्य है। इसके अंतर्गत भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं को प्राथमिक सहकारी समितियों के स्तर पर केन्द्रीयकृत किया जायेगा। मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों के साथ बैठके की जा रही हैं। इसी तरह,पैक्स के सशक्तिकरण के लिये उनका कम्प्यूटरीकरण करने का काम तेज रफ्तार में चल रहा है। अभी तक 24 राज्यों व चार केन्द्र शासित प्रदेशों से को हार्डवेयर खरीद,डीजीटाइजेशन एवं सपोर्ट सिस्टम स्थापित करने के लिये 437.17 करोड़ रुपये जारी किये जा चुके हैं। नाबार्ड द्वारा राष्टï्रन्ीय एकीकृत साफ्टवेयर तैयार किया जा चुका है। राज्यों द्वारा हार्डवेयर की खरीद एवं सिस्टम इंटीग्रेटर फाइनल होने के बाद कम्प्यूटरीकरण शुुरु हो जायेगा। खाद्य सुरक्षा सूनिश्चित कराने के लिये सहकारिता क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी विकेन्द्रीकृत अन्य भंडार योजना के तहत गोदाम, कस्टम हायरिंग सेंटर,प्रसंस्करण इकाइयां,उचित मूल्य दुकान आदि का निर्माण किया जायेगा। इस योजना से देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी, अनाज की होने वाली बर्बादी में कमी आयेगी,किसानों को अपनी उपज से बेहतर मूल्य की प्राप्ति सुनिश्चित होगी एवं पैक्स स्तर पर ही कृषि संबंधित विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकेगा।

वहीं, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय मौजूदा थोक उपभोक्ता लाइसेंसधारी पैक्स को रिटेेल आउटलेट में बदलने के लिये सहमत हो गया है। साथ ही पेट्रोल,डीलरशिप के लिये भी पैक्स को प्राथमिकता दी जायेगी। इस प्रावधान से पैक्स के मुनाफे में वृद्धि होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर बनेंगे। सरकार गांव में रहने वालों के स्वास्थ्य को लेकर भी चिंचित है तभी तो ग्रामीण स्तर पर जेनटिक दवाइयों की पहुंचे के लिये जन औषधि केन्द्र खोलने की तैयारी चल रही है। 6 जून 2023 को गृह एवं सहकारिता मंत्री की अध्यक्षता में हुयी बैठक में तय हुआ कि अगस्त 2023 तक 1000 एवं दिसम्बर 2023 तक 2000 चिन्हित पैक्स पर जन औषधि केन्द्र खोले जायेंगे। इससे ग्रामीण,ब्लॉक स्तर पर सस्ती जेनेटिक दवाइयां भी आम लोगों तक पहुंच पायेगी और पैक्स को रोजगार के अतिरिक्त अवसर मिलेेंगे। इसमें इच्छुक लोग ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि पैक्स की संरचना व इसकी गहरी पहुंच,जिनसे 13 करोड़ से अधिक किसान बतौर सदस्य जुड़े हैं। इसका लाभ पंचायत स्तर पर विकेद्र्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिये किया जा सकता है। इससे पैक्स से जुड़े किसान कृषि डीजल पंपों को सौर कृषि जल पंपों से बदल सकते हैं और अपनी जमीनों की परिधि पर फोटोवोल्टे माडयूलर स्थापित कर अपनी ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित कर पायेंगे एवं इससे योजना की पहुंच अंतिम मील तक पहुंचाया जा सकेगा।

इसी तरह 1 करोड़ से 10 करोड़ रुपये तक की आय होने वाली सहकारी समितियों के आयकर पर लगने वाले अधिभार को कंपनी के समतुल्य 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे सहकारी समितियों के ऊपर आयकर के भार में कमी होगी,जिससे समिति के पास सदस्यों के लाभ के लिये काम करने के लिये अधिक पूंजी उपलब्ध होगी। वहीं, सहकारिता मंत्रालय ने सहकारी चीनी मिलों को मजबूत करने के लिये एनसीडीसी को अनुदानप सहायता नाम की एक योजना शुरू की है,जिसके अंतर्गत भारत सरकार 2022-23 से 2023-24 तक के लिये एनसीडीसी को रुपये 1000 करोड़ का अनुदान दे रही है। एनसीडीसी इस अनुदान का उपयोग सहकारी चीनी मिलों को रुपये 10,000 करोड़ तक ऋण प्रदान करने के लिये करेगी,जिसका उपयोग सहकारी चीनी मिलें इथेनोल संयंत्र स्थापित करने के लिये या कोजेनेरेशन प्लांट लगाने के लिये या कार्यशील पूंजी के लिये कर पायेंगी। इसी तरह, बहुराज्य सहकारी सोसाइटी अधिनियम 2002 के तहत नई भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड की स्थापना की गयी है जो अंब्रेला संगठन के रुप में एकल ब्रांड के अंतर्गत उन्नत बीजों की खेती, उत्पादन और वितरण करेगी।

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