मध्य प्रदेश की 136 विधानसभा सीटों के समीकरण- सात सांसद, 25 मंत्री और 2020 की बगावत के कई चेहरे

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नई दिल्ली।  मध्य प्रदेश में चुनावी सरगर्मी तेज हो चुकी है। प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जहां आज चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा की, तो दूसरी ओर भाजपा ने उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी कर इस सरगर्मी को और बढ़ा दिया। आगामी चुनाव के लिए पार्टी ने सोमवार को 57 नाम तय किए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधनी से चुनाव लड़ेंगे। इस तरह 230 सदस्यीय विधानसभा के लिए भाजपा ने चार सूची जारी कर अब तक कुल 136 प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। आइये जानते हैं कि चारों सूचियां कब जारी हुईं? इनमें खास क्या है और इन सीटों पर समीकरण क्या हैं ?

मध्य प्रदेश में आगामी चुनाव के लिए भाजपा ने सोमवार (नौ अक्तूबर) को 57 उम्मीदवारों की सूची जारी की। भाजपा ने चौथी सूची में राज्य के 34 में से 25 मंत्रियों को उम्मीदवार बनाया है। बड़े चेहरों की बात करें तो खुद शिवराज सिंह चौहान बुधनी से चुनाव लड़ेंगे। वहीं प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा दतिया से, गोपाल भार्गव रेहली से, विश्वास सारंग नरेला से और तुलसीराम सिलावट सांवेर से ताल ठोकेंगे।

कुल 57 सीटों में से छह एसटी के लिए सुरक्षित सीटें हैं। छह एससी के लिए सुरक्षित सीटें हैं। वहीं, 45 सामान्य सीटों पर भी उम्मीदवार घोषित किए गए हैं। सभी 57 सीटों पर मौजूदा विधायकों को ही टिकट दिया गया है। इनमें से नौ विधायक ऐसे हैं जो 2018 में कांग्रेस के टिकट पर जीते थे। इन सभी ने बाद में पाला बदल लिया था और उपचुनाव में भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी। जैतपुर से विधायक मनीषा सिंह को इस बार जयसिंह नगर से टिकट दिया गया है। वहीं, जयसिंह नगर के विधायक जयसिंह मरावी को इस बार जैतपुर भेज दिया गया है।

पहली सूची में क्या था ?

इससे पहले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने हारी हुई 39 सीटों पर उम्मीदवारों का एलान 17 अगस्त को ही कर दिया था। राज्य की इन 39 सीटों में से 38 पर भाजपा को 2018 में हार मिली थी। वहीं, झाबुआ सीट पर 2018 में पार्टी को जीत जरूर मिली थी। लेकिन, बाद में हुए उपचुनाव में यहां से कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया विधायक बने थे।

2008 में हुए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी इन 39 सीटों के नतीजे लगभग बराबरी पर थे। 39 में से 18 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के उम्मीदवार जीतकर आए थे। जबकि कांग्रेस को 20 विधानसभा सीटों में जीत मिली थी। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को विजय मिली थी। छतरपुर जिले की महाराजपुर सीट पर निर्दलीय भंवर राजा मानवेंद्र सिंह जीते थे। 2013 में मानवेंद्र सिंह भाजपा के टिकट पर फिर से जीते। हालांकि, 2018 में उन्हें यहां से हार का सामना करना पड़ा। राजपरिवार से आने वाले मानवेंद्र सिंह की जगह भाजपा ने इस बार यहां से उनके बेटे कामाख्या प्रसाद सिंह को टिकट दिया है।

इन 39 में से भोपाल उत्तर, कुक्षी और पिछोर ऐसे तीन सीटें हैं जहां भाजपा लगातार तीनों चुनाव हारी है। 10 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां पिछले तीन चुनावों में से दो में जीत मिली है ओर एक बार यहां हार का सामना करना पड़ा है। ये सीटें हैं छतरपुर, पथरिया, गुन्नौर, बड़वारा, बरगी, बरघाट, सौंसर, भोपाल मध्य, अलीराजपुर ओर तराना विधानसभा सीटें हैं। जहां पार्टी को 2018 से पहले के दोनों चुनाव में जीत मिली थी।17 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां पिछले तीन चुनावों में से एक में ही जीत मिली है और दो बार यहां हार का सामना करना पड़ा है। ये सीटें हैं सबलगढ़, सुमावली, गोहद, चचौरा, बांदा, महाराजपुर, जबलपुर पूर्व, शाहपुरा, बिछिया, गोटेगांव, मुलताई, भैंसदेही, सोनकच्छ, महेश्वर, पेटलावद, धरमपुरी ओर घाटिया।

दूसरी सूची में क्या था ?

विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने 39 उम्मीदवारों की दूसरी सूची की घोषणा 25 सितंबर को की थी। भाजपा की दूसरी सूची में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत कई सांसदों को टिकट दिया गया था। इसमें नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रह्लाद सिंह पटेल के भी नाम थे। इन तीनों के साथ ही मौजूदा सांसदों राकेश सिंह, गणेश सिंह, रीति पाठक और उदय प्रताप सिंह को भी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिला। इन सात नामों के साथ ही कैलाश विजयवर्गीय के नाम की भी चर्चा सबसे ज्यादा है। विजयवर्गीय 10 साल बाद फिर से विधानसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं।

इन 39 में से सिर्फ चार सीट पर 2018 में भाजपा को जीत मिली थी। इनमें सीधी, नरसिंहपुर, मैहर और आगर सीटें शामिल हैं। इनमें से आगर सीट पर 2020 में हुए उपचुनाव में यह सीट भाजपा के हाथ से चली गई। इस वक्त सीधी से भाजपा के केदार नाथ शुक्ल विधायक हैं। सीधी कांड के चलते शुक्ल का टिकट कट गया है। उनकी जगह से सीधी से सांसद रीति पाठक को यहां से उतारा गया है। इसी तरह नरसिंहपुर सीट से इस वक्त जालम सिंह पटेल विधायक हैं। जालम सिंह केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल के भाई हैं। उनकी जगह यहां से प्रह्लाद पटेल को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, मैहर सीट से नारायण त्रिपाठी विधायक हैं। त्रिपाठी लगातार बगावती तेवर दिखाते रहे हैं। जुलाई में ही उन्होंने विंध्य जनता पार्टी के नाम से नई पार्टी बनाने का एलान किया था। अब कहा जा रहा है कि इस वह कांग्रेस के टिकट पर ताल ठोंक सकते हैं।

तीसरी सूची में क्या था ?
विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने सिर्फ एक उम्मीदवार की तीसरी सूची की घोषणा 26 सितंबर को की थी। भारतीय जनता पार्टी ने छिंदवाड़ा जिले की अमरवाड़ा सीट से मोनिका बट्टी को उम्मीदवारी घोषित किया था।

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