कमांडेंट का होता है ट्रांसफर लेकिन अवैध वसूली की विरासत छोड़ जाते हैं,वही बताता है कहां से आता है…

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कमांडेंट कार्यालय में वर्षों से तैनात होमगार्डों को क्यों नहीं हटाया जाता है ?

कमांडेंट के ट्रांसफर के बाद उनके साथ लगने वाले जवान ही दिखाते हैं नये कमांडेंट को वसूली की राह

प्रदेश के सभी कमांडेंट कार्यालय में 20 वर्ष से तैनात हैं अधिसंख्य होमगार्ड

    शेखर यादव

इटावा। उत्तर प्रदेशेे के होमगार्ड विभाग में जिला कमांडेंट कार्यालय में 10 नहीं 20 वर्ष से अधिसंख्य होमगार्ड तैनात हैं। कमांडेंट के साथ लगने वाले होमगार्डों को कभी नहीं बदला जाता। यही वजह है कि ट्रांसफर के बाद जब नये कमांडेंट आते हैं तो पुराने कमांडेंट अपनी वसूली की विरासत उन्हें सौंप जाते हैं। सीधी बात है कि वर्षों से एक ही जगह कमांडेंट के साथ तैनात होने की वजह से होमगार्डों को वसूली करने और जवानों पर रौब झाडऩे का एक तरह से लाईसेंस मिल जाता है। ये खेल पूरे प्रदेश में खेला जा रहा है लेकिन अब ताबड़तोड़ एक्शन के बाद होमगार्ड मुंह खोलने लगे हैं।

जवानों का कहना है कि जब सारे जवानों को इधर से ऊधर किया जाता है तो कमांडेंट कार्यालय में तैनात होमगार्ड 20 साल से उसी जगह क्यों जमे हैं ? कमांडेंट का खास बनकर ये लोग वसूली से लेकर मनचाही जगहों पर होमगाडोँ को तैनात करने का काम कर रहे हैं। यदि उनकी मांग पूरी ना करो तो मानसिक और शारीरिक प्रताडऩा झेलना पड़ रहा है।

लखनऊ के जवानों ने बताया कि लखनऊ के पूर्व कमांडेंट के जेल जाने से लेकर शासन स्तर पर अवैध वसूली की कमाई में कमांडेंट कार्यालय में तैनात जवानों का भी बड़ा हाथ है। जांच करा ली जाये तो सूबे के सभी जिला कमांडेंट कार्यालय में कई होमगार्ड वर्षों से तैनात चल रहे हैं। इन्हें भी हटाया जाना चाहिये,अन्यथा इनके दबाव की वजह से किसी भी दिन हंगामा होना तय है।

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