2014 के सभी कमांडेंट ‘प्रमोट’ होकर बन गये मंडलीय कमांडेंट,डीआईजी व आईजी,नहीं बदली लूटने की ‘सोच’…

0
82

साहेबान,माना की आप की नजरों में कमांडेंट भ्रष्ट हैं तो क्या डीआईजी और मंडलीय कमांडेंट पाक-साफ हैं !

2014-22 में एसीएस अनिल कुमार ने पकड़ा कमांडेंट द्वारा नियुक्ति तिथि में किये जा रहे फ्राड 

  संजय पुरबिया

लखनऊ। यूपी में सीएम योगी की टीम ‘सिस्टम ठीक’ करने के लिये दिन-रात एक कर रही है…। शासन में बैठे ब्यूरोक्रेटस हो या फिर सरकारी विभाग के मुख्यालय पर बैठे साहेबान…सभी की कोशिश रही है कि ‘जीरो टॉलरेंस’ का पालन हो और किसी भी कर्मचारी को बेवजह अधिकारी मानसिक,शारीरिक प्रताडि़त ना करें। लेकिन…एक विभाग ऐसा है जहां पर तैनात अफसर ना तो सरकार की नीतियों को मानने को तैयार हैं और ना ही शासन,मंत्री व डीजी की…। नाम है होमगार्ड विभाग। पिछले माह की बात हैमुख्यालय पर आयोजित बैठक में विभागीय मंत्री धर्मवीर प्रजापति,अपर प्रमुख सचिव अनिल कुमार, डीजी बी.के. मौर्य सहित सभी मंडल के डीआईजी,मंडलीय कमांडेंट एवं कमांडेंट मौजूद थे। हर बार की तरह इस बैठक में भी मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने अपने अधिकारियों को ‘ईमानदारी’ से काम करने की नसीहत दी…एसीएस ने होमगार्डों की ‘जन्मतिथि’ एवं ‘नियुक्ति तिथि’ जांच कर ऐसे होमगार्डों को हटाये जिनकी उम्र 42 वर्ष पूरी हो चुकी है…डीजी ने अफसरों से सख्ती से कहा कि ‘सुधर जाएं वर्ना जेल जायेंगे’…उनका इशारा भ्रष्ट कमांडेंट  की तरफ ही था। बड़ा सवाल है कि आखिर मंत्री एसीएस और डीजी कमांडेंट को ही ईमानदारी और सुधरने की नसीहत क्यों दे रहे हैं ? शासन स्तर से तो एक वर्ष से बोला जा रहा है कि होमगार्डों की जन्मतिथि व नियुक्ति तिथि को सुधारें लेकिन अभी तक सूबे के सभी जिलों में 100 फीसदी सुधार नहीं हुआ है। सीधी बात करें तो आयोजित होने वाली बैठकों में हमेशा से दोषी जिला कमांडेंट  बनाये जाते हैं। कमांडेंट  को ही शासन से लेकर मुख्यालय के अफसर भ्रष्ट मानकर चलते हैं लेकिन क्या कभी किसी ने ये जानने की कोशिश की कि इन कमांडेंट को भ्रष्टाचार की राह पर धकेलने वाला कौन है ? क्या शासन ने जानने की जहमत उठायी कि भ्रष्टाचार की कमाई के लिये उकसाने वाला कौन है ? ये भी जानने की कोशिश की गयी कि विभाग के डीआईजी और मंडलीय कमांडेंट कितना और क्या काम कर रहे हैं ? क्या सारा ‘बोझ’ कमांडेंट ही झेले और शासन की फटकार के साथ ‘भ्रष्टाचार का तगमा’ भी ले…। 

दरअसल, होमगार्ड विभाग में कमांडेंट के पद पर रहते हुये ही विभागीय अफसर मंडलीय कमांडेंट,डीआईजी व आई जी की कुर्सी तक पहुंचे हैं। बता दें कि वर्तमान में जितने भी मंडलीय कमांडेंट हैं,पूर्व में जिला कमांडेंट के पद पर तैनात थे। उस दरम्यान इनके द्वारा बड़े स्तर पर होमगार्डों की जन्मतिथि में परिवर्तन किया गया और इसके एवज में होमगार्डों से मोटी रकम वसूल की गयी। वर्ष 2014 से जबसे साफ्टवेयर से ड्यूटी लगने लगी तब तक अधिकांशत: जिला कमांडेंट प्रमोशन पाकर मंडलीय कमांडेंट बन चुके थे। एनआईसी साफ्टवेयर में तब जनपद के किसी भी होमगार्ड के जन्मतिथि में संशोधन का अधिकार मंडलीय कमांडेंट को दे दिया गया था। इस अधिकार का फायदा उठाते हुये मंडलीय कमंाडेंटों ने वर्ष 2014 से 2022 तक वृहद स्तर पर पैसा वसूल कर होमगार्डों के जन्मतिथि में बदलाव किया। इसकी भनक अपर मुख्य सचिव,होमगार्ड अनिल कुमार को लगी। उन्होंने तत्काल प्रभाव से एनआईसी से संपर्क कर साफ्टवेयर में संशोधन करते हुये जन्मतिथि परिवर्तन का अधिकार मंडलीय कमांडेंट के हांथों से हटा दिया। निर्देशित किया कि जब मुख्यालय से अनुमति मिलेगी तभी जन्मतिथि में बदलाव किया जायेगा। इतना ही नहीं,एसीएस अनिल कुमार साफ्टवेयर पर भी पैनी निगाह रखने लगे,उसके बाद मंडलीय कमांडेंटस द्वारा जन्मतिथि के नाम पर हर माह लाखों रुपये की लूट पर रोक लगी लेकिन तब तब बड़ी संख्या में होमगार्डों के जन्मतिथि में वर्तमान मंडलीय कमांडेंट द्वारा किया जा चुका था

सीधी बात करें तो डीआईजी व मंडलीय कमांडेंट द्वारा पूर्व में किये गये पाप को जिले में तैनात जिला कमांडेंट धो रहे हैं। चौंकाने बात तो यह है कि आज मौजूदा जिला कमांडेंट को भ्रष्ट भी साबित किया जा रहा है क्यों ?द संडे व्यूज़’ ये नहीं कहता कि सभी डीआईजी,मंडलीय कमांडेंट या जिला कमांडेंट भ्रष्टाचार में डूबे हैं लेकिन ये भी कटु सत्य है कि अधिसंख्य अधिकारी अवैध वसूली में लिप्त हैं और उन्हें भ्रष्ट नहीं महाभ्रष्ट कहेंगे।द संडे व्यूज़’ सिलसिलेवार खुलासा करता रहेगा….

बता दें कि प्रमोटी डीआईजी,मंडलीय कमांडेंट की वर्ष 2014-2022 वाली सोच आज भी बदस्तूर जारी है। ये सोचते हैं कि कमांडेंट की आज भी उनके कार्यकाल की सरकारों की तरह प्रति माह 40 से 50 लाख रुपये की अवैध कमाई हो रही है। नाम न छापने की शर्त पर अधिकारियों ने बताया कि सभी कमांडेंट को लॉ-एण्ड- आर्डर के अलावा जवानों की ड्यूटी लगाने व उन पर नजर रखने सहित विभागीय निर्देशों को पूरा करने की जिम्मेदारी रहती है। जहां तक जवानों की उम्र सीमा की बात है तो उसकी भी हमलोग जांच करते रहते हैं। जिन जवानों की उम्र सीमा अधिक हो जाती है तो उसकी पत्रावली मंडलीय कमांडेंट को भेज देते हैं। अब मंडल की जिम्मेदारी है कि जिस जवान का गलत उम्र भरा गया है, सॅाफ्टवेयर से उसकी ड्यूटी डिलीट करें लेकिन मंडलीय कमांडेंट ऐसा नहीं कर रहे हैं। वे पत्रावली सिर्फ इसलिये दबा देते हैं ताकि उक्त जवान से कुछ….मिल जाये। कई अधिकारियों ने सही सवाल उठाया कि जब शासन और मुख्यालय पर बैठे अफसर चंद मिनट में देखकर बता देते हैं कि फलां जिले में होमगार्ड की उम्र पूरी हो चुकी है, उसे तत्काल हटाया जाये तो विभागीय डीआईजी और मंडलीय कमांडेंट को क्यों नहीं दिखायी देता ? मंडलीय कमांडेंट के पास तो कोई काम ही नहीं है,अधिकतर अधिकारी जिसे में नहीं अपने घरों पर आराम कर सरकार से लाखों रुपये की सैलरी उठा रहे हैं। मोटा वेतन लेने के बाद भी ये लेाग सिर्फ कमांडेंट की कमियों को उजागर करने का काम कर रहे हैं। अब जरा एक नजर उन मंडलों पर डालते हैं जहां पर शासन और मुख्यालय स्तर से कई निर्देश दिये जाने के बाद भी होमगार्डों की नियुक्ति तिथि में सुधार नहीं किया गया गोरखपुर, कुशीनगर, आजमगढ़,औरय्या, गोण्डा, देवरिया, बलरामपुर, बाराबंकी, सुल्तानपुर एवं सीतापुर जिलों में अभी भी होमगार्डों की नियुक्ति तिथि में सुधार नहीं किया गया है।

अधिकारियों ने बताया बैठक में मेरठ के कमांडेंट सिद्धांत चौधरी का जवाब था होमगार्डों के नियुक्ति तिथि की पत्रावली में सुधार करने के लिये मंडलीय कमांडेंट सुभाष राम के पास पत्रावली भेज दिया था। उन्होंने कार्रवाई क्यों नहीं की वे ही जानें…। गोरखपुर के कमांडेंट मारकंडेय सिंह का जवाब था कि नियुक्ति तिथि के सभी प्रकरण में सुधार कर मंडलीय कमांडेंट के. एच. मिश्रा के पास पत्रावली भेज दी है लेकिन उन्होंने पत्रावली सहेज लिया है। बता दें कि गोरखपुर में जन्मतिथि के भी सबसे अधिक मामले मंडलीय कमांडेंट श्री मिश्रा ने दबा रखा हैं। इसी तरह हापुड़ के कमांडेंट मेम्बर सिंह ने जवाब दिया कि नियुक्ति तिथि में जो भी कमियां थी,सुधार कर मंडलीय कमांडेंट सुभाष राम को 5 फरवरी को ही भेज दिया था। चौंकाने वाली बात यह है कि होमगार्ड विभाग के मंडलीय कमंाडेंट के पास विभागीय कोई काम नहीं है,फिर भी ये लोग नियुक्ति तिथि और जन्मतिथि के प्रकरण को क्यों लटका कर रख रहे हैं ? ये बताने की जरुरत नहीं कि इसकी आड़ में कुछ अवैध कमाई करने की जुगत में लगे हैं। 

क्रमश :

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here