पीएफआई के लिये काम कर रहे एक हाजी अपराधी के ब्लैकमेलिंग के धंधे के लिये काम कर रही फर्जी वेबसाइट ‘भड़ास4जर्नलिस्ट’
दर्जनों पत्रकारों, उनकी पत्नियों का फोटो लगाकर अमर्यादित खबरें प्रसारित कर योगीराज को चुनौती दे रही फर्जी वेबसाइट
फर्जी वेबसाइट ‘भड़ास 4 जर्नलिस्ट’ सहित गैंग के सरगना, सदस्यों के काले कारनामों का कई कडिय़ों में होगा खुलासा
पुलिस के अफसर,सूचना विभाग,ब्यूरोक्रेटस को ब्लैकमेल करने वालों पर शासन सख्त,अब होगी सख्त कार्रवाई
विधानसभा के प्रेस रूम में सम्मानिल महिला पत्रकारों की तस्वीरों के साथ अशोभनीय टिप्पणी वायरल करने वालों पर भी होगी सख्ती
संजय पुरबिया
लखनऊ। पिछले कुछ ही दिनों में करीब दर्जन भर महिला पत्रकारों और पत्रकारों की पत्नियों को अपमानित किया गया। इन महिलाओं की तस्वीरों के साथ श्यामल त्रिपाठी द्वारा बनायी गयी सोशल मीडिया और ‘भड़ास4जर्नलिस्ट’ नाम की एक फ र्जी वेबसाइट पर महिला शक्ति के सम्मान को चुनौती दी गयी। आश्चर्य है कि ऐसा दुस्साहस करने वालों की विपरीत बुद्धि अपने विनाश के अंजाम से अंजान है। लखनऊ में बैैठे पाकिस्तान परस्त एक विशेष समुदाय के लोग अपने आका के निर्देश पर सनातनी महिलाओं को अपमानित करने का काम कर रहे हैं। पाकिस्तानी एसाइनमेंट करते समय ये शायद भूल गये कि ये मोदी- योगी युग है। उनका राजपाट है जिनकी प्राथमिकता में नारी सम्मान सर्वोपरि है। नारी शक्ति, नारी वंदन के दौर में ब्लैक मेलिंग गैंग जिस कानून का दुरुपयोग करना चाहता है, वही कानून इन दरिंदो को इतनी सख्त सजा देगा कि ये एक नजीर बन जायेगा। संवाददाता की पत्नी की तस्वीर लगाकर वायरल करने से पहले धमकी दी गयी, फिर ऐसा ना करने के लिये मोटी रकम मांगी गयी। क्यों ? किसलिये पैसा दें, किस बात का पैसा दें…। कहकर जब इस पत्रकार ने फ़ोन काट दिया। (फ़ोन कॅाल का डिटेल, ऑडियो उपलब्ध है ) तो फिर इस पत्रकार की पत्नी की तस्वीर के साथ अपशब्द लिखकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर बदनाम किया गया। इससे पूर्व राष्ट्रवादी प्रतिष्ठित चैनल आर भारत (रिपब्लिक भारत) की प्रतिष्ठित महिला पत्रकार की तस्वीर को वायरल कर उन्हें बदनाम करने की साजिश रची गयी। उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के पदाधिकारी की पत्नी और एक पत्रिका की महिला संपादक को सोशल मीडिया और भड़ास4 जर्नलिस्ट नाम की फर्जी वेबसाइट पर बदनाम करने का प्रयास किया गया। किसी श्यामल त्रिपाठी नामक संदिग्ध की ये वेबसाइट प्रतिष्ठित और विश्वसनीय वेबसाइट ‘भड़ास फॉर मीडिया’ की नकल कर मानकों के विपरीत बनायी गयी है, जिसका इस्तेमाल ब्लैक मेलिंग गैंग कर रहा है।
इसी क्रम में दलित समाज की एक सम्मानित महिला संपादक, पत्रकार के बारे में भी अफवाहबाज गैंग ने अनर्गल कंटेंट वाली ऊल-जुलूल अफ वाहबाजी की। (साक्ष्य मौजूद है) इसी सिलसिले में एक और प्रतिष्ठित पत्रकार की पत्नी को महिला मित्र बताकर लव जेहाद से जोड़ा। (साक्ष्य उपलब्ध है)। विधानसभा के प्रेस रूम में सम्मानित महिला पत्रकारों की तस्वीरों के साथ अशोभनीय, अशिष्ट और अमर्यादित टिप्पणी करके उसे वायरल किया गया । (साक्ष्य उपलब्ध है )। यही नहीं 156-3 का दुरुपयोग कर दो महिलाओं पर फ र्जी मुकदमें कर उन्हें ब्लैकमेल किया गया, इन महिलाओं को जान से मारने की धमकी दी गयी, गाली-गलौज किया गया, धन उगाही के लिये महिलाओं पर झूठे मुकदमे किये और उन्हें बदनाम करने की धमकी देकर मोटी रकम मांगी गयी। ये सिलसिला जारी है। कब किस महिला पत्रकार या किसी पत्रकार की पत्नी को बदनाम कर दिया जाये, इस बात का खौफ फैलाकर ब्लैकमेलिंग, अफवाहबाजी और धन उगाही का गैंग उस पत्रकार बिरादरी को डरा रहा है, जिसके कलम की ताकत से हर अराजकतत्व, समाज विरोधी, अपराधी और भ्रष्टाचारी डरता हैं।
दरअसल पत्रकार विरोधी और समाज विरोधी गिरोह एक बड़ी साज़िश पर काम कर रहा है। इनका एक और मकसद है, लोकसभा चुनाव में सरकारी मशीनरी और पत्रकारों को डिस्टर्ब करना। इन लोगों ने अपने आकाओं के इशारे पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना तंत्र को सबसे अधिक टारगेट किया है। ताकि यूपी में 80 का लक्ष्य पूरा कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तीसरी बार एतिहासिक जीत के सफर में जितना हो सके व्यवधान पैदा किया जाये। यूपी में अधिक से अधिक मतदान हो, प्रत्येक नागरिक अपने मतदान के अधिकार का कर्तव्य निभाये और अपने वोट की ताकत से एक मजबूत सरकार दे। इस मुहिम को प्रभावित करने के लिये अधिकारियों को जनहित याचिकाओं के दुरुपयोग और तमाम तरह से परेशान किया जा रहा है।
सूचना विभाग के अफसरों को फर्जी कानूनी नोटिस दिये जा रहे है। यहां तक कि पुलिस अधिकारियों तक पर 156-3 का दुरपयोग कर मुकदमे किये जा रहे हैं। लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दो रत्न प्रमुख सचिव सूचना संजय प्रसाद और निदेशक सूचना शिशिर सूचना तंत्र की सशक्त हस्तियां हैं। ये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जनकल्याणकारी योजनाओं और विकास कार्यों को जन- जन तक पंहुचाने में सफ ल होते रहे हैं। इन्हे फर्जी और भ्रामक कागजों और अफ वाहबाजी में फ ंसाकर परेशान करना अफ वाहबाज गैंग का उद्देश्य है। राइट टू इनफार्मेशन जैसे आम नागरिक के पवित्र हथियार का दुरुपयोग करने और (पीआईएल) एजनहित याचिकाओं को ब्लैकमेलिंग का हथियार बनाने वाले इस गैंग को सोचना होगा कि ये योगी का प्रदेश है, यहां समाज विरोधी, राष्ट्र विरोधी और महिला विरोधियों के हर मंसूबे को मिट्टी में मिला दिया जाता है। लखनऊ की मीडिया में गैंग के सरगना सहित उससे जुड़े सदस्यों के काले कारनामों का खुलासा शीघ्र कई कडिय़ों में किया जायेगा।