लोकसभा चुनाव : डीआईजी संजीव शुक्ला ने किया डीआईजी-सीटीआई के पॉवर को ‘ध्वस्त’

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लोकसभा चुनाव : एक डीआईजी,जिसे नहीं मंत्री और डीजी का खौफ,नियमों के विपरित कर रहें काम

आखिर डीआईजी संजीव शुक्ला पर किसका है हाथ ?

    संजय पुरबिया

लखनऊ। लोकसभा चुनाव में होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्वप्न’ को पूरा करने के लिये पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ भीषण गर्मी में ‘पसीना’ बहा रहे हैं लेकिन उनका डीआईजी संजीव शुक्ला अपना ‘तुगलकी फरमान’ जारी कर सभी वैतनिक स्टॉफ का ‘जीना मुहाल’ कर रखा है। डीआईजी को मालूम है कि मंत्री जी चुनावी बयार में व्यस्त हैं,इसलिये अपनी मनमानी करो । नियम की बात करें तो ट्रेनिंग सेंंटरों पर तैनात (डीआईजी, सीटीआई)के निर्देश पर वैतनिक स्टॅाफ को जिला कमांडेंट की मांग पर एवं मंडलीय कमांडेंट की संस्तुति पर चुनाव में अन्य जिलों में भेजा जाता है। लेकिन, डीआईजी, आगरा परिक्षेत्र संजीव शुक्ला डीआईजी, सीटीआई के अधिकार की धज्जियां उड़ाते हुये पत्र जारी कर आगरा,मेरठ,बरेली एवं मुरादाबाद के मंडलीय कमांडेंट को चुनाव में वैतनिक स्टॉफ भेजने का फरमान जारी कर दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि शासनादेश की ऐसी की तैसी करने वाले डीआईजी संजीव शुक्ला के इस कारनामे के बारे में मुख्यालय पर तैनात आईजी, डीआईजी-सीटीआई विवेक सिंह ने डीजी बी.के.मौर्या को नहीं बताया। सहारनपुर के कमांडेंट ने स्टॉफ कम होने के बावजूद तीन स्टॉफ को उनकी सेवा में रवाना कर दिया है। आज सहारनपुर में सात जिलों से 3452 होमगार्ड पहुंच रहे हैं, 3 स्टॉफ देहरादून भेज देने के कारण कमांडेंट को बाध्य होकर स्वयं दौडऩा पड़ रहा है। सहारनपुर का तेज-तर्रार बीओ नंद किशोर के जाने से यहां के कमांडेंट को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। निर्वाचन चल रहा है,सभी कर्मचारी परेशान हैं किन्तु इससे डीआईजी को मतलब नहीं है,उनकी तो बस सेवा होनी चाहिये…। इसी तरह,बरेली प्रशिक्षण केन्द्र पर 2 इंस्पेक्टर हैं,जिसे किसी को नहीं दिया गया,उन्हें शुल्क लेकर वहीं रोक दिया गया। बदायूं ,पीलीभीत, शाहजहांपुर आदि में चपरासी दिया गया है। हास्यापद बात यह है कि चपरासी का निर्वाचन में क्या रोल होता है ? बदायूं जिले में मात्र 2 बीओ हैं,इसलिये उसने इंस्पेक्टर मांगा था,ताकि होमगार्ड के साथ बाहर भेज सके लेकिन मिला चपरासी…। बताया तो ये जाता है कि प्रशिक्षण केन्द्र के स्टॉफ के आवंटन में भी कमाई हो गयी। चर्चा है कि कल बरेली में बदायूं और बरेली कमांडेंट के साथ डीआईजी शुक्ला जी ने लंच,नाश्ता किया और उत्तराखण्ड में चार दिनों के लिये काजू-बादाम और महंगी व्हीस्की फ्री में खरीदवाकर लेते गये। हालांकि ‘द संडे व्यूज़’ ‘हराम की कमाई’ और ‘खवाई’ की पुष्टि नहीं करता है।

 

लोकसभा चुनाव सिर पर लेकिन होमगार्ड विभाग के डीआईजी संजीव शुक्ला अपना वर्चस्व दिखाने में लगे हैं। उन्होंने चुनाव को आगे कर डीआईजी, सीटीआई के अधिकार पर तो कब्जा कर लिया है। जो काम ट्रेनिंग सेंटर के डीआईजी (इसका पॉवर विभागीय आईजी विवेक सिंह के पास है) को करना चाहिये उसे संजीव शुक्ला ने करके साबित कर दिया कि विभाग में वो जो चाहेंगे,वही होगा…। ना तो मंत्री की चलेगी और ना ही मुख्यालय के अफसरों की…। मुख्यालय पर तैनात अधिकारियों ने बताया कि आगरा परिक्षेत्र डीआईजी संजीव शुक्ला ने आचार संहिता लागू होने से पहले मुख्यालय पर तैनाती के लिये पुरजोर कोशिश किया लेकिन एसीएस अनिल कुमार ने सहमति नहीं जतायी। यही वजह है कि शुक्ला जी के मंसूबों पर पानी फिर गया लेकिन साहेब कहां हार मानने वाले…। कमांडेंट सहित ट्रेनिंग सेंटरों पर तैनात वैतनिक स्टॅाफ को अपने रौले में लेने के लिये शुक्ला जी ने सीटीआई,डीआईजी के पद पर खुद ही काबिज हो गये…। लगे धका-धक पत्र जारी कर आदेश जारी करने…। जिन जिलों में प्रथम चरण का चुनाव है वहां स्टाफ ना देकर जहां पांचवे-छठे चरण में चुनाव हैं,वहां पर अभी से ही ट्र्रेनिंग सेंटर के वैतनिक स्टाफ को भेज दिया।

संजीव शुक्ला ने शासन को दिखाया ठेंगा,कर लिया डीआईजी,सीटीआई के पद पर अतिक्रमण

लोकसभा चुनाव होमगार्ड विभाग के लिये चुनौती है क्योंकि पुलिस के बाद यदि सरकार को किसी बल पर पूर्ण भरोसा है तो वो होमगार्ड विभाग ही है। सबकुछ ठीक चल रहा है लेकिन आगरा परिक्षेत्र में तैनात डीआईजी संजीव शुक्ला ने अपनी घटिया कार्यशैली से अपने परिक्षेत्र के अधिकारियों व कर्मचारियों का जीना मुहाल कर दिया है। बताया जाता है कि (डीआईजी सीटीआई का काम मुख्यालय पर तैनात विभागीय आईजी विवेक सिंह देख रहे हैं) के पद पर बिना शासन की अनुमति से डीआईजी,आगरा परिक्षेत्र संजीव शुक्ला ने अतिक्रमण कर लिया है। मंडलीय कमांडेंट, कमांडेंट और विभागीय कर्मचारियों पर अपना प्रभाव जमाने के चक्कर में उन्होंने नियमों के विपरित लोकसभा चुनाव में ट्रेनिंग सेंटरों पर तैनात कर्मचारियों की तैनाती का आदेश जारी कर दिया है। खास बात यह है कि जिन जिलों में प्रथम,द्वितीय चरण का चुनाव है वहां पर वरियता के आधार पर स्टॅाफ भेजने के बजाये संजीव शुक्ला ने पांचवे, छठे चरण वाले चुनाव में स्टॉफ को रवाना कर दिया है, जबकि साहेब अभी बरेली में ही मौज कर रहे हैं।

जहां कमांडेंट ने मांगा स्टॉफ वहां नहीं भेजा,जहां नहीं मांगा गया वहां भेज दिया

बताया जाता है कि बरेली और जहां पर स्टॉफ की आवश्यकता है,वहां इन्होंने किसी को नहीं भेजा। आदेश के क्रम संख्या 12 में शामली को स्टॅाफ देने का आदेश जारी हुआ हैं किन्तु वहां एक भी स्टॅाफ नहीं भेजा गया लेकिन स्टॅाफ देने का फर्जी आदेश जारी कर दिया गया है। इतना ही नहीं,साहेब खुद अभी तक उत्तराखण्ड नहीं गये लेकिन सहारपुर से तीन स्टॅाफ उनकी सेवा में देहरादून पहुंच गये हैं ताकि लग्जरी व्यवस्था में कोई कमी ना रहे। तभी तो कल बरेली में बदायूं व बरेली के कमंाडेंट के साथ नाश्ता व लंच लेते रहें। बताया जाता है कि उत्तराखण्ड में चार दिन के लिये फ्री में काजू-बादाम व महंगी व्हीस्की की भी व्यवस्था करवा लिये।

कुल मिलाकर ये तो साबित हो गया कि इस विभाग में सरकार, शासन, मंत्री और मुख्यालय के आदेशों को ताख पर रखकर डीआईजी संजीव शुक्ला ने वो पुराना दिन याद दिला दिया जब इनके भईया डीजी थे। हम तो यही कहेंगे कि मुख्यालय के अफसर इसी तरह हाथ पर हाथ धरे बैठे रहें तो वो दिन दूर नहीं जब पूर्व की सरकारों में शुक्ला जी ने अपने कारनामों से मंत्री और डीजी की कुर्सी के लिये काल बन गये थे। बताया कि डीआईजी शुक्ला जी ने सबके अधिकारों का अतिक्रमण कर अपने चेलों को सब जगह धंधा करने के लिये आदेश कर दिया। कई कमांडेंट ने तो स्टॅाफ की मांग नहीं की थी, फि र उनके यहां भेज दिया और कई लोगों ने मांगा था, किंतु उन्हें नहीं दिया 

इस बाबत डीआईजी,आगरा परिक्षेत्र संजीव शुक्ला से बात करने की कोशिश की गयी लेकिन बात नहीं हो पायी। वहीं आईजी विवेक सिंह,जिनके पास डीआईजी,सीटीआई का भी चार्ज है,से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि यह पत्र होमगार्ड मुख्यालय के निर्वाचन से संबंधित विस्तृत आदेश के क्रम में जारी किया गया है।

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