एमडी वरूण मिश्रा की जांबाजी से बच गया 146 करोड़ : क्या उ.प्र. कोआपरेटिव बैंक लिमिटेड के कुएं भरा है भांग ?

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उ.प्र.कोआपरेटिव बैंक के एम.डी. की मुश्तैदी से बचा 146 करोड़,पकड़े गये अधिकारी के रुप में घोटालेबाज 12 अफसर

आईटी सेल के प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी

बैंक की सुरक्षा एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही शुरू

 संजय पुरबिया

लखनऊउ.प्र.कोआपरेटिव बैंक के मुख्यालय के खाते से 146 करोड़ रुपये हैक करने के मामले में मंगलवार को बैंक प्रबंधन ने दो महाप्रबंधक, उप-महाप्रबंधक सहित 10 को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। पुलिस ने इस मामले में बैंक के रिटायर्ड अधिकारी आर.एस. दुबे सहित तीन लोगों को हिरासत में लिया है। इस घटना के बाद बैंक मुख्यालय में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगा दी गयी है। बैंक के प्रबंध निदेशक वरुण कुमार मिश्र के मुताबिक इस मामले में अशोक कुमार- महाप्रबंधक, एनएडी, के.डी. पाठक महाप्रबंधक-वित्त, राजनाथ सिंह उप-महाप्रबंधक-एनएडी, ध्रुवराज- एसओ, विवेक सिंह-सहायक महाप्रबंधक,वित्त, मेवालाल- प्रबंधक, एनएडी, अजय कुमार- प्रबंधक, सामान्य, अजय कुमार-सहायक प्रबंधक-आरटीजीएस सेल, विकास पाण्डेय- सहायक कैशियर तथा विजय बहादुर मौर्य गार्ड को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया हैद संडे व्यूज़ शनिवार को जब एमडी से खबर के सिलसिले में मिलने बैंक गया तो वहां नीचे बैठे गार्ड ने ‘आगंतुक रजिस्टर’ में पूरा ब्यौरा भरने के बाद भी ऊपर जाने नहीं दिया। एमडी के पीए से परिचय दिया लेकिन पहली बार उसने ऊपर आने से मना कर दिया। बता दें कि पीए का कॉल किसी और ने उठाया था और ऊपर आने से मना कर दिया। चौंकना लाजमी था…। मजे की बात यह है कि सिक्योरिटी गार्ड ने घोटालेबाजों को तो अंदर जाने दिया लेकिन मीडिया वालों को नियमावली का पाठ पढ़ाता रहा

खैर, नीचे गलियारे में चर्चाओं का बाजार गरम था…लग रहा है कि बैंक में कोई बड़ा फ्राड हुआ है…। खैर,एमडी से फोन पर बात हुयी तो उनका जवाब था कि मैं आफिस में नहीं हूं,जब रहुंगा तब आईयेगा…। संवाददाता के मन में खबर को लेकर कौतुहल बढऩे लगी थी और वही हुआ जिसकी शंका थी। उ.प्र.कोआपरेटिव बैंक लि. में सौ नहीं 146 करोड़ रुपये हैक के मामले में पुलिस ने बैंक प्रबंधन ने दो महाप्रबंधन,उप-महाप्रबंधक सहित 10 को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। सीधी बात करें तो कोआपरेटिव बैंक के कुएं में पूरी तरह से भांग भरा हुआ है। यानि,इस मुख्यालय पर एक नहीं अधिकारी की कुर्सी पर ‘दर्जनों घोटालेबाज’ बैठे हैं। अब भी जांच का विषय है कि इससे पहले इस बैंक में और कितना खेला अधिकारियों ने खेला है ? शुक्र है बैंक के एमडी वरूण मिश्रा की ‘चौकन्नी निगाहों’ में ये प्रकरण आया अन्यथा सहकारिता विभाग में ‘अंधेरे’ में ‘दीपावली’ मनायी जाती …। वहीं घटना के दिन शनिवार को बैंक मुख्यालय के प्रवेश द्वार पर तैनात सुरक्षागार्ड शैलेन्द्र कुमार को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

एसपी साइबर क्राइम त्रिवेणी सिंह ने इतनी बड़ी धनराशि हैक करने की घटना को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी आरएस दुबे सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी तथा भूमिसागर कंस्ट्रक्शन एवं सागर सोलर प्रा.लि. के गंगा सागर चौहान को हिरासत में ले लिया है। एमडी के मुताबिक सोमवार को बैंक मुख्यालय के कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने का जो प्रयास आरोपियों ने किया, उसमें वह असफल हो गए। बैंक व ग्राहकों की पूरी धनराशि को सुरक्षित कर लिया गया है। इस घटना के बाद बैंक ने कई कदम उठाए हैं। जिसमें संबंधित बैंकों के जिन खातों में धनराशि क्रेडिट हुई उन बैंकों के अधिकारियों से वार्ता कर धनराशि को ट्रांसफर किए जाने पर रोक लगवा दी गई। घटना की प्राथमिकी पुलिस में दर्ज कराई जा चुकी है।

बैंक प्रबंधन ने बताया कि सुरक्षा एजेंसी स्टैंडर्ड वे इंटेलीजेंस सिक्योरिटी सर्विसेज प्रा.लि. को ब्लैक लिस्ट करने की कार्यवाही की जा रही है। अब बैंक मुख्यालय पर उ.प्र. पूर्व सैनिक कल्याण निगम से सेवानिवृत्त सैनिकों की सेवाएं लिए जाने का फैसला लिया गया है। बैंक मुख्यालय के आईटी की स्पेशल आडिट का काम एक सप्ताह में शुरू कराया जाएगा। इस मामले में बैंक के आईटी सेल के प्रभारी अतुल कुमार सीईओ कैडर को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया गया है। मुख्यालय में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया है। नौवें तल स्थित बैंक के गेस्ट हाउस में किसी के भी प्रवेश को प्रतिबंधित कर दिया गया है। एफआईआर दर्ज करने केस साथ ही साइबर पुलिस ने पूरे प्रकरण की विवेचना तेज कर दी है। 

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