ओलेपुर के पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रिंसिपल एक हफ्ते के लिये चले जाते हैं लखनऊ,वापस आने पर होता है फर्जी हस्ताक्षर

0
192

प्रिंसिपल एक हफ्ते के लिये चले जाते हैं लखनऊ,वापस आने पर होता है रजिस्टर पर फर्जी हस्ताक्षर

  विवेक यादव

बाराबंकी। मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बावजूद प्रधानाचार्यों का रवैया नहीं सुधर रहा है। आरामतलबी के चक्कर में वे देश के नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। हम बात कर रहे हैं बाराबंकी के तहसील हैदरगढ़ में पूर्व माध्यमिक विद्यालय ओलेपुर की। यहां पर तैनात प्रिंसिपल अपने सहायक शिक्षक के साथ हफ्ते-हफ्ते की सौदेबाजी कर फ्री में मोटी तनख्वाह उठा रहे हैं। यहां पढ़ाई कर रहे बच्चों के परिजनों ने बताया कि प्रिंसिपल साहेब एक हफ्ते के लिये फर्जी बहाना बनाकर लखनऊ भाग जाते हैं। इस दौरान सहायक शिक्षक वहां का सारा काम देखता है और जब प्रिंसिपल साहेब लौटकर विद्यालय आते हैं तो सहायक शिक्षक एक हफ्ते के लिये लखनऊ निकल जाता है। बता दें कि सहायक शिक्षक भी लखनऊ में ही रहता है। मतलब 20-20 का गेम पिं्रसिपल साहेब का लंबे समय से चलता चला आ रहा है। इतना ही नहीं, हफ्ते भर का हस्ताक्षर प्रिंसिपल साहेब विद्यालय लौटकर आते हैं,तब हस्ताक्षर रजिस्टर में करने की कृपा करते हैं। क्या योगी सरकार विद्यालय से गायब रहने वाले ऐसे प्रिंसिपल को घर बैठने का वेतन दे रही है? इसका सही जवाब तो बाराबंकी के बीएसए ही दे सकते हैं। बीएसए के मोबाइल पर कॉल किया गया लेकिन उनका नंबर उठा नहीं वर्ना उनसे यही सवाल किया जाता कि क्या आपने कभी पूर्व माध्यमिक विद्यालय ओलेपुर का औचक निरीक्षण किया है ? हाईकोर्ट अधिवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले ऐसे प्रधानाचार्यों को सीधे बर्खास्त कर देना चाहिये।


नाम ना छापने की शर्त पर शिक्षक ने बताया कि प्रिंसिपल का लखनऊ में आशियाना स्थित सेक्टर एम-1 में निजी आवास है। वे अधिकांश समय यहीं रहते हैं और जब हफ्ते भर वापस आते हैं तो हस्ताक्षर रजिस्टर पर अपना हस्ताक्षर करते हैं। यही काम उनका सहायक शिक्षक भी करते हैं। वे लखनऊ के रहने वाले हैं और प्रिंसिपल के आने के बाद वे हफ्ते भर के लिये लापता हो जाते हैं। दोनों मिलकर 50 -50 का गेम खेल रहे हैं और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ लंबे समय से करते चले आ रहे हैं। इन दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिये क्योंकि ये लोग सरकारी खजाने को मिलकर लूट रहे हैं।
हाईकोर्ट अधिवक्ता मनीष तिवारी का कहना है कि बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले ऐसे प्रधानाचार्य को किसी सूरत में नहीं बख्शना चाहिये। यदि लखनऊ मोह नहीं जा रहा तो इस्तीफा दे दें और बैठे घर में।

शेष अगले अंक में…

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here