सीएम के ‘जीरो टालरेंस’ से ‘जीरो’ पकड़ कर भ्रस्टाचार की ‘नई गाथा’ लिख रही हैं महिला अधिकारी
मुख्यमंत्री की नीति की ‘धज्जियां’ उड़ाने वाली धमकीबाज पीसीएसज्योति मौर्य के कारनामों को होगा खुलासा
संजय पुरबिया
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के ‘जीरो टालरेंस’ का असर है कि अब भ्रस्टाचार करने से अधिकारी या तो डर रहे हैं या वसूली करने का ट्रेंड बदल दिये। लेकिन, मुख्यमंत्री जी को मालूम नहीं कि उनके ही विभाग में एक ऐसी महिला अधिकारी (पीसीएस) हैं, जो डंके चोट पर अवैध तरीके से काम कराने के नाम पर लोगों से मोटी रकम वसूल करती रहीं हैं। मैडम की सोच है कि अधिकारी हैं उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकता। पुलिस,प्रशासन और सरकार उनके इशारों पर चलती है। इसी भारी गलतफहमी में मैडम (पीसीएस) जी रही हैं और ‘द संडे व्यूज़’ सिलसिलेवार उनके द्वारा किये गये फर्जीवाड़े का खुलासा कर बताने की कोशिश करेगा कि ‘योगी राज’ में भ्रस्टाचार के आकंठ में डूबी मैडम ने ना सिर्फ सरकार पर से लोगों का ‘भरोसा उठाने’ का काम किया है बल्कि सरकारी पद का जीभर कर ‘दुरुपयोग’ करती चली आ रही हैं।
मैडम ने लोगों से काम दिलाने के नाम पर लाखों रुपये वसूल ली और तबादला होने के बाद चवन्नी वापस नहीं की। पीडि़त जब पैसा मांगने उनके पास जाता है तो जेल भिजवाने की धमकी देती हैं…। इसी तरह शासन में नोटों की गड्डी फेंक कर अपने खिलाफ चलने वाली जांच को बदलवाने में कामयाब हो जाती हैं…। मैडम को ‘नोटों की गडिडयां’ इतनी पसंद है कि उनका हर महीने का ‘टार्गेट फिक्स’ है कि नोटों के आगे कितना ‘जीरो’ लगकर आना चाहिये...मतलब साफ कि सीएम के ‘जीरो टालरेंस’ से ‘जीरो’ को मैडम ने ‘लपक’ लिया और ‘टॉलरेंस’ को छोड़ दिया है क्योंकि उन्हें मालूम है कि’ टालरेंस’ से उनका भला होना नहीं इसलिये ‘जीरो पकड़ो’ और ‘करोड़पति’ बनती जाओ…।
इस तरह के दर्जनों मामले हैं जो ये साबित करता है कि ‘धमकीबाज मैडम‘ भ्रस्टाचार की माहिर खिलाड़ी हैं लेकिन अब ये सरकार को देखना है कि वे इनकी कार्यशैली पर रोक लगाने में कामयाब होती है या फिर…। खैर द संडे व्यूज़ देखते रहिये और अपना सुझाव भेजते रहिये।