इको ग्रीन ने घरों से कूड़ा उठाने वालों को तीन माह से नहीं दिया वेतन,जोन 8 के कर्मचारी हड़ताल पर…

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इको ग्रीन के खिलाफ जोन 8 के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर : सैलरी दो तभी उठेगा घरों का कूडृा

इको ग्रीन और वेण्डर मिलकर करते हैं सफाईकर्मियों का शोषण

इको ग्रीन, नगर निगम और वेण्डरों के खेला में पीस रहें सफाई कर्मचारी,जोन 8 में रहने वालों में मचा हाहाकार

आज कर्मचारियों को सैलरी मिल जायेगी: राजेश कुमार झा

  संजय पुरबिया

लखनऊ। राजधानी में विकास की सोच सभी रखते हैं लेकिन सरकारी पदों पर बैठे अलंबरदारों ने सोचा कि सफाई कर्मचारियों को यदि समय से वेतन नहीं मिला तो उनका परिवार कैसे गुजर करेगा ? क्या किसी ने सोचा कि तीन-तीन माह तक घरों से कूड़ा उठाने वाले यदि लंबे समय तक हड़ताल पर चले गये तो शहर में बने कोठियों में रहने वाले लोगों का घर कूड़े की ढेर से पट जायेगा? क्या घरों से कूड़ा उठाने वाले हड़ताल करेंगे तभी इको ग्रीन या उनके द्वारा रखे गये वेंडर सैलरी देगी? ऐसा लगता है जैसे कंंपनियों का नेचर बन गया है कि गरीबों से ठोंक कर काम लो और जब वेतन मांगे तो बाहर निकालने का धौंस देकर दबा दो… लेकिन अब सफाई कर्मचारी आर-पार के मूड में आ गये हैं। आशियाना और साऊथ सिटी में जोन 8 में घरों से कूड़ा उठाने वाले कर्मचारियों ने हड़ताल कर दिया है। साफ शब्दों में कहा कि अब हड़ताल तभी खुलेगा जब सैलरी मिलेगी। नगर निगम से लेकर इको ग्रीन के अधिकारी बैठक कर तीन माह ना सही एक माह की सैलरी देने पर मंथन कर रही है। फिलहाल आज घरों से कूड़ा ना उठने से संभ्रांत लोगों ने सवाल उठाना शुरु कर दिया कि आखिर आज कूड़ा उठाने वाले क्यों नहीं आये।


इक्रो ग्रीन ने अपना सिरदर्द दूर करने के लिये सभी जोन में कूड़ा उठाने का काम वेंडरों को सौंप दिया है। वेंडरों द्वारा इको ग्रीन की चलने वाली गाडिय़ों पर लगे ड्राइवर, हेल्पर,ट्रालीमैन को तीन माह से सैलरी नहीं दे रहे हैं। इस वजह से आज आशियाना,साउथ सिटी,अंसल,नीलमथा,हैडिल कालोनी से लेकर आलमबाग नहरिया तक कूड़ा उठाने वाले कर्र्मचारी हड़ताल पर चले गये हैं। सफाई कर्मचारियों ने बताया कि हमलोगों को तीन माह से वेतन नहीं मिला है। वेण्डर के अधिन लगभग 200 कर्मचारी काम करते हैं। 60 ड्राइवर,120 हेल्पर हैं। ड्राइवर को नौ हजार रुपये,हेल्पर एवं ट्रालीमैन को सात हजार रुपये वेतन मिलता है। हमलोग सुबह छह बजे से काम करते हैं और यदि गाड़ी खराब हो जाती है तो ठेकेदार हमलोगों को अनुपस्थित दिखा देता है। एक तो गाडिय़ों की संख्या कम हो गयी है और जो है वो भी खटारा की स्थिति में है। जब ठेकेदार गाड़ी बनवायेगा नहीं तो हमलोग कैसे काम करेंगे।

कर्मचारियों ने बताया कि इक्रो ग्रीन और उनके वेण्डर सिर्फ इस ताक में रहते हैं कि कैसे कर्मचारियों की गल्ती मिले और उनकी सैलरी काट लें। बताया कि हमलोगों को गाड़ी के लिये डीजल दो बजे के बाद दिया जाता है क्यों? चेतावनी भरे लहजे में कर्मचारियों ने बताया कि वेतन दो तब काम लो,वेतन नहीं तो काम नहीं।
सफाई कर्मचारियों को सैलरी ना मिलने पर जब नगर निगम के जोनल सेनेटरी अधिकारी राजेश कुमार झा से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि वार्ता हो गयी है आज कर्मचारियों को सैलरी मिलेगी।

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