- डीएम,बहराइच ने तीन अधिकारियों की टीम गठित की, 22 जुलाई को 88 पन्नों की सौंपी रिपोर्ट
- अपर सांख्यिकीय अधिकारी सुनील सिंह,सहायक जिला कमांडेंट मो.आसी इकबाल,जिला अर्थ एवं सांख्याधिकारी डॅा. अर्चना सिंह ने जांच की
- निष्कर्ष निकला कि रिंकी भाष्कर महिला होमगार्ड द्वारा नन्हे कुमार रनर,चौकीदार,तत्कालीन प्रभारी डिस्पैचर पर लगाये गये शारीरिक एवं आर्थिक शोषण का आरोप प्रथम दृष्टया सत्य है…
संजय पुरबिया
लखनऊ। मुख्यमंत्री जी, आपके राज में सरकारी विभाग में काम करने वाली महिलाएं महफूज नहीं हैं…। आपको नौकरशाह फर्जी आंकड़े दिखाकर खूब गुमराह कर रहे हैं कि महिलाएं सुरक्षित हैं और सभी विभागों में महिला सशक्तिकरण परचम पर है…। सरकारी विभाग में काम करने वाली महिलाओं की एक तस्वीर मैं भी दिखाता हूं…। सरकारी विभाग में काम करने वाली एक महिला के साथ कार्यालय के अंदर लगभग तीन साल से एक वर्दीधारी बलात्कार करता चला आ रहा है। ये उस महिला की मजबूरी कहें या लाचारी…। वो अपने ऊपर बीत रही ‘दर्दनाक व्यथा’ जब पुलिस विभाग और विभागीय अधिकारियों को बताती है तो कठोर कार्रवाई की बजाये मामले का दबा दिया जाता है, क्यों ? सोचिए, एक पीसीएस अधिकारी के कक्ष में उसी की कुर्सी पर बैठकर किसी महिला की अस्मत बार-बार लूटी जाती है…। अवकाश के दिन अपनी ‘सैलरी ‘को पाने के लिये वो बेबस महिला उस वहशी के बुलाने पर अफसर के कार्यालय में जाती है और रो-रोकर रहम की भीख मांगती है लेकिन वो वर्दीधारी वहशी उसे छोडऩे के बजाये उसका शारीरिक शोषण,मानसिक शोषण और आर्थिक शोषण करता चला आ रहा है। ‘आर्थिक शोषण‘ इसलिये लिख रहा हूं क्योंकि वो वर्दीधारी कर्मचारी लगभग तीन साल से उसका ‘पासबुक’ अपने पास रख लिया और वेतन आने पर उसे खुद बैंक ले जाता है और मनचाही रकम रखने के बाद कुछ रुपये उसे वापस कर देता है। वर्दीधारी कर्मचारी धौंस देता है कि तुम्हारी नौकरी बचाने के लिये इसे जिले से लेकर मुख्यालय स्तर के अधिकारियों को मैनेज करना पड़ता है…। आपलोग चौंकिये मत,क्योंकि सच्चाई कड़वी लगती है लेकिन ‘द संडे व्यूज़’ दस्तावेजों के आधार पर लिखने का माद्दा रखता है, भले ही शासन में बैठे अलंबरदार कार्रवाई करें या ना करें…।
मामला होमगार्ड विभाग का है। बहराइच में तैनात मृतक आश्रित कोटे से भर्ती रिंकी भाष्कर का कार्यालय पर तैनात रनर,चौकीदार नन्हे कुमार पिछले तीन साल से जबरियन कार्यालय में बुलाकर नौकरी बचाने के नाम पर बलात्कार करता चला आ रहा है। रिंकी भाष्कर ने इसकी लिखित शिकायत गोण्डा कमांडेंट शैलेन्द्र सिंह से की लेकिन उन्होंने मामले का दबा दिया। बता दें कि शैलेन्द्र सिंह गोण्डा में कमांडेंट थे और उनके पास अतिरिक्त प्रभार बहराइच का भी था। काश,उसी समय कमांडेंट वहशी रनर के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर दिया होता तो आज रिंकी भाष्कर चैन की जिंदगी जी रही होती…। खैर, उसने बहराइच के तत्कालीन कमांडेंट नवोदित सिंह को अपनी आपबीती सुनायी। कमांडेंट ने तत्काल डीएम को पत्र लिखकर प्रकरण की जांच कराने की मांग की। इस मामले में तीन अधिकारियों क्रमश : अपर सांख्यिकीय अधिकारी सुनील सिंह,सहायक जिला कमांडेंट मो.आसी इकबाल,जिला अर्थ एवं सांख्याधिकारी डॅा. अर्चना सिंह ने जांच की। जांच अधिकारियों के 22 जुलाई को 88 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी जिसमें निष्कर्ष निकला कि शिकायतकर्ता रिंकी भाष्कर महिला होमगार्ड द्वारा नन्हे कुमार रनर,चौकीदार,तत्कालीन प्रभारी डिस्पैचर पर लगाये गये शारीरिक एवं आर्थिक शोषण का आरोप प्रथम दृष्टया सत्य है…।
‘द संडे व्यूज़’ बहराइच के कमांडेंट नवोदित सिंह को सैल्यूट करता है क्योंकि उनकी मुश्तैदी से शायद अब रिंकी भाष्कर को वहशी दरिंदे नन्हे कुमार से निजात मिल सकती है…। बकौल रिंकी ने कहा कि सर, नौकरी खा जाने की धमकी देकर नन्हे कुमार तीन साल से कमांडेंट कार्यालय में मेरे साथ गलत काम करता रहा और मेरी पूरी सैलरी भी ले लेता था…। सर,आपसे बहुत उम्मीद है,आपलोगों का साथ रहेगा तो इसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होगी…।
उत्तर प्रदेश में होमगार्ड विभाग के अधिकारियों की राह पर अब जवान भी चल पड़े हैं। कमांडेंट मनीष दूबे और पी.सी. राधेश मिश्रा की देखा-देखी बहराइच में तैनात रनर,चौकीदार नन्हे कुमार ने बहराइच में तैनात रामजीयावन (मृतक) की बेटी रिंकी भाष्कर के साथ लगभग तीन साल से जबरियन बलात्कार करता रहा। रामजीयावन ड्यूटी पर थे तभी उनके पेट में दर्द हुआ और वर्ष 2016 में उनकी मृत्यु हो गयी। उनकी जगह पर बेटी रिंकी भाष्कर को 2022 में नौकरी मिल गयी। सब कुछ ठीक चल रहा था तभी रनर नन्हे कुमार ने कमांडेंट से सिस्टम बनाकर रिंकी का ड्यूटी परेड बंद करा दिया। नन्हें ने कहा कि उसकी पहुंचे बड़े अधिकारियों तक है इसलिये वो अवकाश के दिन कार्यालय में आकर मिलो…। रिंकी भाष्कर ने जो 18 अप्रैल 2023 को बहराइच के कमांडेंट को पत्र लिखा था।
उसके मुताबिक उसका पीएनओ नंबर 693 है और कमांडेंट कार्यालय में तैनात नन्हे कुमार चौकीदार निवासी ग्राम डेलईबाग चिलवरिया थाना देहात कोतवाली प्रार्थिनी पर दबाव बनाकर तनख्वाह से प्रति माह आठ से दस हजार रुपये ले लेता था। वो मुझसे कहते थे कि आपकी भाभी द्वारा आपके खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया गया है जिसकी जांच कमांडेंट,बहराइच कर रहे हैं। इसलिये तुम्हे बचाने के लिये आठ से दस हजार रुपये हर महीने लेते हैं। नन्हें कुमार लगभग तीन साल से लगातार हमसे रुपये लेते रहें फिर दस हजार रुपये की मांग करने लगे और रुपया न देने पर छुट्टी के दिन कमांडेंट कार्यालय बुलाते थे और डरा-धमका कर अनेकों बार मेरा बलात्कार किया। लोक-लाज की वजह एवं अपनी नौकरी बचाने के चक्कर में मैं किसी से कुछ कह नहीं पाती थी। 24 जुलाई 2022 को कार्यालय पर डयूटी पर लगे जवानों ने मुझे और नन्हे कुमार को रंगे हाथ पकड़ा था,जिसमें से कई जवानों ने गवाही भी दी है।
इस बात की जानकारी मेरे पति को हुयी तो उन्होंने मेरा साथ दिया और बहराइच के पुलिस अधीक्षक, 1090 को शिकायती पत्र दिया लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुयी। कार्रवाई ना होने पर नन्हें का मन बढ़ गया और वो मेरे साथ अत्याचार करता रहा। एक पीडि़त महिला होमगार्ड रिंकी भाष्कर ने कहां-कहां अपनी फरियाद नहीं की। कमांडेंट,एसपी,1090,थाना लेकिन सभी मौन रहें क्योंकि ये एक बेबस महिला होमगार्ड का मामला है…।
बहरहाल, तीनों जांच अधिकारियों ने पीडि़ता रिंकी भाष्कर,गवाही देने वाले होमगार्ड हीरालाल,अरूण कुमार यादव,अरूणा वर्मा,ओंकारनाथ वर्मा का बयान लिया और इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि शिकायतकर्ता रिंकी भाष्कर ने नन्हे कुमार रनर परजो आरोप लगायी है,सही है। 88 पन्ने की रिपोर्ट में जांच अधिकारियों ने फैसला दिया कि प्रथम दृष्टया पर शारीरिक शोषण,आर्थिक शोषण का आरोप सत्य है। नन्हे कुमार द्वारा 24 जुलाई 2022 रविवार को महिला होमगार्ड रिंकी भाष्कर को होमगार्ड कार्यालय बुलाकर कार्यालय के अंदर कमरे में एक घंटे तक बंद रखने का कृत्य कारित कर कार्यालय की मर्यादा को भंग किया गया है। इस प्रकार सरकारी सेवक के आचरण के विपरित दुराचरण करने एवं शिकायतकर्ता रिंकी भाष्कर महिला होमगार्ड पी.एन. 639 का आर्थिक एवं शारीरिक शोषण करने के लिये नन्हें कुमार चौकीदार दोषी है।
चलिये,डीएम की तीन सदस्यीय टीम ने अपना फैसला सुना दिया और इसकी प्रति कमांडेंट बहराइच को भी सौंप दी गयी है। महिला होमगार्ड के साथ कोई कर्मचारी बलात्कार करे,ये कोई जांच का विषय थोड़ी है ? अरे यदि यही वाक्या किसी महिला अधिकारी के साथ होता तो पूरे नौकरशाहों में त्राहिमाम मच जाता…। क्योंकि वो आम महिला नहीं अधिकारी जो हैं…। बात जो भी हो,चाहें अधिकारी हो या कर्मचारी यदि वो अपने विभाग में काम करने वाली महिलाओं को सम्मान नहीं कर सकते तो उन्हें वर्दी पहनने का कोई हक नहीं…। इस तरह के प्रकरण पर शासन को गंभीर होना पड़ेगा क्योंकि ऐसे कृत्य करने वालों पर कठोर कार्रवाई नहीं होगी तो फिर समाज में व्याप्त कुरितियां कैसे खत्म होगी…। वैसे भी होमगार्ड विभाग के कमांडेंट मनीष दूबे ने वर्दी को कलंकित करने का काम किया जिस पर डी.जी. बी.के.मौर्या और मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने सख्त रवैया अपनाया लेकिन शासन में बैठे अधिकारी आज भी मौन हैं…। देखना है क्या रिंकी भाष्कर को इंसाफ मिलता है या फिर मनीष दूबे प्रकरण की तरह इस पर भी सब खामोश हो जायेंगे…।