दिव्यांगों के उत्थान के लिये मानवीय दृष्टिकोण अपनाना जरूरी: धर्मेंद्र प्रधान

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ब्यूरो

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि दिव्यांगों के उत्थान के लिये मानवीय दृष्टि कोण जरूरी है। राष्ट्रीय शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद से कहूंगा कि कोई भी शैक्षिक योजना बनाने से पहले लोकसेवक मंडल और प्रयागराज में नि:स्वार्थ भाव से कार्य कर रही अनाम स्नेह संस्था से सुझाव जरूर ले लिया करें। केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि दिव्यांगता ईश्वर प्रदत्त है। ईश्वर ने यदि एक विधा छिना है तो पांच अन्य विधा दिया है। उन पांच विधाओं पर फोकस  करने की आवश्यकता है। इन्हीं विधाओं को देखते हुये हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकलांगो को दिव्यांग की संज्ञा दिया है।

केंद्रीय मंत्री 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी, ईमानदार और सादगी के मिशाल पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के जयंती पर लोकसेवक मंडल और अनाम स्नेह परिवार प्रयागराज द्वारा आयोजित ‘दिव्यांग स्वाभिमान सम्मान सेमीनार एवं कवि सम्मेलन दिल्ली 2023’ समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के उत्थान के लिये मानवीय दृष्टि कोण जरूरी है। राष्ट्रीय शैक्षिक एवं अनुसंधान परिषद से कहूंगा कि कोई भी शैक्षिक योजना बनाने से पहले लोकसेवक मंडल और प्रयागराज में नि:स्वार्थ भाव से कार्य कर रही अनाम स्नेह संस्था से सुझाव जरूर ले लिया करें। केंद्रीय मंत्री प्रधान ने कहा कि दिव्यांगता ईश्वर प्रदत्त है। ईश्वर ने यदि एक विधा छिना है तो पांच अन्य विधा दिया है। उन पांच विधाओं पर फ ोकस करने की आवश्यकता है। इन्हीं विधाओं को देखते हुये हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकलांगो को दिव्यांग की संज्ञा दिया है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उड़ीसा के नेत्रहीन आदिवासी कवि भीमा ने सैकड़ों वर्ष पहले वसुधैव कुटुंबकम को परिभाषित करते हुये लिखा है कि पूरी दुनियां हमारा परिवार है ।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन एवं लोकसेवक मंडल सस्थान की मूक बघिर बच्चों द्वारा नृत्य प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता लोकसेवक मंडल के राष्ट्रीय अध्य्क्ष राजकुमार चोपड़ा ने कहा की अनाम स्नेह सस्था के संयोजक नारायण यादव द्वारा प्रयागराज में कोई भी दिव्यांग क्षेत्र का व्यक्ति भीख मांगते हुये नहीं दिखाई देता। गरीब दिव्यांग बच्चियों की शादी एवं वर्ष मे कई बार दिव्यांगजनों को पर्यटक स्थल ले जाते हैं। उन्होंने गाँधी जी की अंत्योदय योजना की सोच का उल्लेख करते हुये कहा कि गाँधी जी कहा करते थे कि समाज के अंतिम व्यक्ति जो सबसे गरीब है उसका विकास हो, मेरा मानना है कि सबसे गरीब दिव्यांग होता है उसे समाज की मुख्य धारा से जोडऩे की आवश्यकता है। मुख्य अतिथि धर्मेंद्र प्रधान ने देश के कोने- कोने से दिव्यांगता के क्षेत्र मे विशिष्ट कार्य कार्य करने वाले पदमश्री कनु भाई , हसमुख भाई टेलर, श्रीमती मल्लिका नड्डा सहित 22 महान विभूतियों को अंगवस्त्र, बुके, मोमेंटो, प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम को प्रयागराज के बरिष्ठ समाजसेवी, शिक्षक, अनाम स्नेह के संयोजक नारायण यादव ने आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन किया।

आये अतिथियों का स्वागत लोकसेवक मंडल के राष्ट्रीय सचिव डांक्टर प्रवास आचार्य ने किया। कार्यक्रम को पूर्व दिव्यांगजन आयुक्त भारत सरकार टी डी धारियाल, प्रोफेसर अवनीश चंद्र मिश्र, पूर्व दिव्यांगजन आयुक्त, उत्तर प्रदेश अखिलेंद्र कुमार, पूर्व मंत्री स्वाति सिंह, वरिष्ठ समाजसेवी यमुनोत्री देवी, प्रयागराज के सभासद शिवसेवक सिंह, वरिष्ठ समाजसेवी कर्मचारी नेता रविशंकर मिश्र, एवं वरिष्ठ समाजसेवी लोकसेवक मंडल प्रयागराज के सचिव ब्रह्मप्रकाश तिवारी ने भी सम्बोधित किया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता विष्णु कांत मिश्र एवं संचालन मनोज कु मार एवं धन्यवाद ज्ञापन प्रयागराज के शायर जावेद सिद्दीकी ने अपने शायराना अंदाज मे लोगों का दिल जीता। वहीं पर युवा नेत्रहीन कवि सूर्यप्रकाश ने मां के चरणों मे स्वर्ग होता है गा कर खूब तालियां बटोरी। कार्यक्रम मे प्रयागराज से आयी बरिष्ठ समाजसेविका श्रीमती मधू, श्रीमती रीता आजमानी, सुश्री अनुराधा, श्रीमती निशा गुप्ता, श्रीमती सुनीता जायसवाल, लवलेश सिंह, अनंत कुमार मामा, प्रशांत कुमार मौर्य चंदन निषाद, रिंकू, गुड्डू पंडित, ओमप्रभात, रवि कुमार, लेखक प्रिया रावत, सुश्री पदमा, श्रीमती रेनू सहित सैकड़ों लोग उपस्थिति रहें।

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