मस्टर रोल घोटाला: बीओ सुरेश कुमार सिंह की गिरफ्तारी हो तो खुलेंगे कई आकाओं के नाम…

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होमगार्ड विभाग : बीओ सुरेश कुमार सिंह की गिरफ्तारी हो तो सामने आयेंगे कई ‘सिंह’,’पाण्डेय जी’ के नाम…

आखिर होमगार्ड विभाग में कौन है बीओ का आका,जिसके घर पहुंचता रहा वसूली का बड़ा हिस्सा ?

 संजय पुरबिया

लखनऊ। होमगार्ड विभाग में ‘मस्टर रोल घोटाले का जिन्न’ बाहर निकल गया है। मुख्य सचिव के यहां होमगार्डों की तैनाती का गेम तो वर्ष 2017 से चल रहा है और बीओ सुरेश कुमार सिंह के खिलाफ डी.जी. बी. के. मौर्या की पहल पर एफआईआर दर्ज की गयी। गोमती नगर पुलिस के ‘कहर’ से बचने के लिये शातिर बीओ ने अपने विभागीय आका के इशारे पर कोर्ट से स्टे ले लिया लेकिन अब सुरेश कुमार सिंह का कोई तिकड़म काम नहीं आयेगा। बीओ द्वारा किये गये लगभग 400 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच जेसीपी एलओ की आर्थिक अपराध सेल के अफसर कर रहे हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि जांच के बाद बीओ की गिरफ्तारी होगी और तब इसकी जुबां से धड़धड़ा कर निकलेंगे मुख्यालय से लेकर शासन में बैठे उन आकाओं के नाम जो अवैध कमाई को मोटा हिस्सा लेते रहें। बहरहाल,जांच शुरु होते ही होमगार्ड विभाग के कई बड़े अफसरों और शासन के अलंबरदारों की नींद उड़ गयी है। जेसीपीएलओ कार्यालय में जांच शुरु हो गयी है और अफसर मुख्य सचिव के यहां वर्ष 2017 से तैनात किये जाने वाले होमगार्डों के मस्टर रोल से जुड़े एक-एक पन्ने पर गहनता से जांच कर रहे हैं। खैर,जांच की रफ्तार तो अब ना ही होमगार्ड विभाग के और ना ही शासन के अफसरान कम करा सकते हैं क्योंकि यदि रफ्तार सुस्त हुयी तो ये मानकर चलिये कि सरकार और उनके नौकरशाह सुरक्षित नहीं हैं। सोचने वाली बात तो यह है कि एक अदना से बीओ ब्लॉक आर्गनाइजर में इतनी हिम्मत कहां से आ गयी कि वो सरकारीप्रतिष्ठानों की बात छोडिय़े 2017 से सीधे मुख्य सचिव के आवास पर ही घोटाले का बीज लगाकर अवैध तरीके से नोट उगाता रहा।

 

‘द संडे व्यूज़’ की खुफिया रिपोर्टिंग की मानिये तो इस खेल में होमगार्ड मुख्यालय पर वर्ष 2017 में तैनात डीआईजी, मंडलीय कमांडेंट, कमांडेंट, जेएसओ सहित शासन में बैठे विभाग के सेक्शन अफसर पूरी तरह से शामिल हैं।  बता दूं कि मस्टर रोल घोटाले का खेल वर्ष 2017 से चल रहा था और वर्ष 2022 से होमगार्डों का वेतन ऑन लाईन देने की सुविधा उपलब्ध करायी गयी। एक गोपनीय शिकायती पत्र शासन और मुख्यालय पहुंची तो जांच शुरु हुयी और 400 करोड़ घोटाले की बदबू निकल कर सामने आयी।

बताया जाता है कि बीओ सुरेश कुमार सिंह ने शासन के अफसरों के यहां होमगाडों की ड्यूटी लगाते- लगाते उनके करीब पहुंच गया और अपने को इतना ताकतवर बना लिया कि उसने सरकारी प्रतिष्ठानों के अलावा सीधे मुख्य सचिव के यहां जवानों की तैैनाती कर करोड़ों रुपये अंदर करने लगा। बताया तो यह भी जाता है कि बीओ सुरेश सिंह ड्यूटी से पहले और रात को घर जाने से पहले अपने सबसे खास विभागीय आका के आवास पर मत्था टेेकने जाता था मानों वो घर ना होकर कोई मंदिर हो…। अब सभी के समझ में आ रहा है कि बीओ को ‘फ्राड’ का सारा ‘ज्ञान’ कहां से और कौन देता था।

आज की बात करें तो जांच की रफ्तार तेज होते ही बीओ और उसके सभी आका कोशिश में लग गये हैं कि जांच में किसी तरह से आंच आ जाये क्योंकि यदि सुरेश कुमार सिंह पुलिसिया रीमांड पर चला गया तो एक के बाद एक कर सभी का नाम उगल देगा…फिर क्या होगा,बताने की जरुरत नहीं… अगले अंक में ….आखिर होमगार्ड विभाग सुरेश के विभागीय आकाओं के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं करती ?

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