प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले एन चंद्रशेखरन
टाइम मैनेजमेंट पर होगा विशेष ध्यान
1932 में भरी थी एयर इंडिया ने पहली उड़ान
नई दिल्ली। एयर इंडिया की कमान पूरी तरह से टाटा समूह को सौंप दी गई। इसके साथ ही एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया पूरी हो गई यानी 69 साल बाद एयर इंडिया की घर वापसी हो गई। इसके साथ ही एयर इंडिया के विनिवेश की प्रक्रिया पूरी हो गई। दीपम सचिव तुहीन कांत पांडेय ने कहा कि एयर इंडिया में सरकार की पूरी हिस्सेदारी टाटा संस की सब्सिडियरी कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को ट्रांसफर कर दी गई है। अब से एयर इंडिया का नया मालिक टाटा ग्रुप है।
इस आधिकारिक हैंडओवर से पहले टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद चंद्रशेखरन सीधे नई दिल्ली में एयर इंडिया के ऑफिस पहुंचे। इस मौके पर टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने कहा कि यह प्रक्रिया पूरी हो गई है। एयर इंडिया की घर वापसी से हम काफी खुश हैं। अब हमारी कोशिश इस एयरलाइन को वर्ल्ड क्लास बनाने की है। गौरतलब है कि सरकार ने प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के बाद आठ अक्तूबर को 18,000 करोड़ रुपये में एयर इंडिया को टैलेस प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया था। बता दें कि यह टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी की अनुषंगी इकाई है।
इससे पहले गुरुवार को मुंबई से संचालित होने वाली चार उड़ानों में ‘उन्नत भोजन सेवा’ शुरू करके एयर इंडिया में अपना पहला कदम उठाया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि चार उड़ानों AI864 (मुंबई-दिल्ली), AI687 (मुंबई-दिल्ली), AI945 (मुंबई-अबू धाबी) और AI639 (मुंबई-बेंगलुरु) में ‘उन्नत भोजन सेवा’ दी गई। नई सेवाओं के संबंध में टाटा समूह की ओर से केबिन क्रू के सदस्यों को एक मेल भी भेजा गया था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कमान संभालने के बाद ही टाटा समूह सबसे पहले एयर इंडिया के लेट लतीफी वाले दाग को साफ करेगा। टाटा समूह की पहली कोशिश होगी कि एयर इंडिया की फ्लाइट का संचालन समय पर हो सके।
केबिन क्रू सदस्यों को भेजे गए मेल में कहा गया है कि अगले सात दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि हम अपनी छवि, दृष्टिकोण और धारणा को बदल देंगे। टाटा के संदीप वर्मा और मेघा सिंघानिया द्वारा कहा गया कि केबिन क्रू सदस्य ब्रांड/छवि निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले ‘महत्वपूर्ण ब्रांड एंबेसडर’ हैं। वे यात्रियों का स्वागत करेंगे, मेहमानों को संबोधित करेंगे और उनकी सेवा करेंगे। उन्होंने कहा कि चालक दल नियमों का पालन करते हुए स्मार्ट ड्रेस पहने नजर आएंगे। इसके साथ ही ग्रूमिंग सहयोगी चालक दल का निरीक्षण करेंगे।
एयर इंडिया के इतिहास की बात करें तो इसकी शुरुआत अप्रैल 1932 में हुई थी। इसकी स्थापना उद्योगपति जेआरडी टाटा ने की थी। उस समय एयरलाइन का नाम टाटा एयरलाइंस था। इसके साथ ही आपको बता दें कि एयरलाइन की पहली कॉमर्शियल उड़ान 15 अक्तूबर 1932 को भरी गई थी। तब सिर्फ सिंगल इंजन वाला ‘हैवीलैंड पस मोथ’ हवाई जहाज था, जो अहमदाबाद-कराची के रास्ते मुंबई गया था। प्लेन में उस वक्त एक भी यात्री नहीं था बल्कि 25 किलो चिट्ठियां रखी गई थीं।