मंत्री धर्मवीर प्रजापति का फरमान : सात साल से कम सजा वाले विचाराधीन कैदियों की सूची मुख्यालय को उपलब्ध कराये

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मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने समीक्षा बैठक में बताया कैसे प्रधानमंत्री,केन्द्रीय गृहमंत्री ने यूपी के जेल अधिकारियों के काम को सराहा
मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने सभी जेल अधिकारियों को सुनाया फरमान :

1- जिन बंदियों के परिजन एक वर्ष से मिलने नहीं आ रहें,उनकी भी सूची मुख्यालय भेजे
2-कैदियों के स्वरोजगार से जोडऩे के लिये कौशल विकास के माध्यम से ट्रेनिंग की व्यवस्था कराये
3- कैदियों को ठंड से बचाने के लिये स्वयं सेवी संस्थाओं, समाजसेवियों से मिलकर कंबल वितरण का काम करें

   दिव्यांश श्री.
लखनऊ। कारागार एवं होमगार्ड राज्यमंत्री,स्वतंत्र प्रभार धर्मवीर प्रजापति ने आज जेल अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। सबसे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा यूपी की जेलों में की गयी अभूतपूर्व परिवर्तन के लिये सभी अधिकारियों को बधाई दी।उसके बाद उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जेलों में सात साल से कम सजा पाने वाले विचाराधीन बंदियों की सूची मुख्यालय को उपलब्ध कराये ताकि इस पर मंथन किया जाये कि विचाधीन बंदियों की संख्या कैसे कम किया जाये…। ये भी सुझाव दें कि दया याचिका वाले मामलों में किस तरह की अड़चनें आ रही है और उसे कैसे दूर किया जा सकता है…। इसी तरह,ऐसे बंदियों को चिन्हित करें जिनके परिजन एक वर्ष से मिलने नहीं आ रहे हैं। मंत्री ने कहा कि सभी अपराधी पेशेवर नहीं होते,उनके साथ मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।


मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने आज जेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों एवं जेल अधीक्षकों के साथ विभागीय समीक्षा बैठक की। वर्ष 2022 में विभाग द्वारा किये गये महत्वपूर्ण कार्यों एवं निर्देशों के अनुपालन करने की बधाई दी। आगे भी इसी प्रकार सकारात्मक एवं अच्छी सोच मन में रखते हुये काम करें, जिससे कि कारागार विभाग का नाम और अधिक रौशन हो। उन्होंने कहा कि दिल्ली में मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह ने विभाग द्वारा किये जा रहे महत्वपूर्ण कार्यों की प्रशंसा की। श्री धर्मवीर प्रजापति ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी अपनी-अपनी जेलों से सात साल से कम सजा वाले विचाराधीन कैदियों की सूची उपलब्ध करायें और सुझाव भी दें कि विचाराधीन कैदियों की संख्या को कम से कम कैसे किया जाये। कहा कि ऐसे कैदियों की फ ाइलें मुख्यालय भिजवायें, जो दया याचिका के मानकों को पूरा करते हैं। साथ ही ऐसे दया याचिका के मामलों में आ रही बाधाओं के बारे में भी उल्लेख करे ताकि ऐसे कैदियों की रिहाई का रास्ता प्रशस्त हो। लम्बित केसों में पैरवी ठीक-ठीक कराये, जिससे विचाराधीन कैदियों को समय से जमानत मिल सके।


श्री प्रजापति ने कहा कि ऐसे कैदी जिनसे विगत एक वर्ष से मिलने उनका कोई परिजन न आया हो, इसकी भी सूची मुख्यालय को उपलब्ध करायें। उन्होंने कहा कि जेलों में संवाद के दौरान बहुत से कैदी ऐसे हैं जिनकी आयु 40 वर्ष से कम हैं और जो छोटे-मोटे अपराधों में बंद हैं, उनको रोजगार से जोडऩे हेतु कौशल विकास के माध्यम से ट्रेनिंग दिया जाये। जिससे उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके। उन्होंने कहा कि सभी जेल अधीक्षक अपनी-अपनी जेलों से ट्रेड वार प्रशिक्षित कैदियों की सूची भी मुख्यालय को उपलब्ध करायें। कहा कि जेलों में बंद सभी अपराधी पेशेवर नहीं होते हैं, उनके साथ मानवीय दृष्टिकोण अपनाये जाने की आवश्यकता है जिससे कि वो एक अच्छी सोच के साथ जेलों से बाहर आये और समाज की मुख्यधारा से पुन: जुड़ सके।

श्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि जेलों में गुणवत्तापरक भोजन, कैदियों की उनके परिजनों से वार्ता एवं मिलाई की व्यवस्था सुदृण की जाये, इससे भी बंदियों में महत्वपूर्ण बदलाव एवं सुधार होगा। सम्बद्धता से संबंधित नियम तैयार कराये जिससे कि कोई एक ही व्यक्ति बहुत अधिक समय तक एक स्थान पर न रह सके। कार्मिकों के नियमित रूप से स्थान परिवर्तित होते रहना चाहिये, जिससे कि जेल प्रशासन की व्यवस्था भी सुदृण रहे और शिकायतें भी दूर हो सके। उन्होंने कहा कि मुख्यालय से दिये गये निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराये और ऐसे हेड वॉर्डर, जिनको कार्यमुक्त नहीं किया गया है वहां के जेल अधीक्षक इस पर अमल करें।

श्री धर्मवीर प्रजापति ने सभी जेल अधीक्षकों को निर्देश दिये कि नये जेल मैनुअल के तहत अनुमन्य सुविधाएं और व्यवस्थाएं सुनिश्चित करें। ऐसे जिला जेल, जहां पर गायों की संख्या अधिक है, उसकी सूची उपलब्ध कराये ताकि ऐसे उद्योगों को बढ़ावा दिया जा सके। गाय के गोबर से हवन एवं अन्त्येष्टि में प्रयोग होने वाली लकड़ी बनती है।
श्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि सभी जेल अधीक्षक समाजसेवी संस्थाओं एवं जिला प्रशासन के लोगों से वार्ता कर कैदियों के लिए सर्दियों के मौसम में कम्बल की व्यवस्था करने हेतु वार्ता करें एवं प्रयास करें कि कैदियों को ठंड के मौसम में कम्बल की उपलब्धता हो सके। उन्होंने सभी जेल अधीक्षकों को अपनी-अपनी जेलों में बच्चों के खेलने हेतु चिल्ड्रेन पार्क बनाये जाने केलिये कार्यवाही आगे बढ़ाये जाने के निर्देश दिये हैं, जिससे कि बच्चों का मानसिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास भी हो।

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